भारत की अमेरिका से स्टील और एल्युमीनियम पर शुल्क छूट के बारे में बातचीत जारी है। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ये शुल्क लगाए थे। भारत ने अमेरिका के इन शुल्कों के जवाब में कुछ उत्पादों पर लगाए गए शुल्कों को हटाने की पेशकश की है। यह जानकारी तीन भारतीय सूत्रों ने रॉयटर्स को दी।
इस महीने के अंत में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा करेंगे। इस मामले के जानकार दो भारतीय अधिकारियों और उद्योग के एक सूत्र ने बताया कि मोदी की इस यात्रा दौरे के दौरान दोनों देशों के समझौते पर पहुंचने की उम्मीद है।
दोनों सरकारी सूत्रों ने बताया कि भारत ने स्टील पर शुल्क छूट के बदले अमेरिका के कृषि उत्पादों जैसे बादाम और अखरोट पर लगाए गए शुल्क में छूट देने की पेशकश की है। एक सूत्र ने बताया कि अमेरिका का बातचीत को लेकर ‘लचीला’ रुख नहीं हैं। इससे स्टील पर शुल्क छूट मिलने पर संदेह के बादल मंडरा रहे हैं। इस बारे में अमेरिका के वाणिज्य मंत्रालय और अमेरिकी ट्रेड रिप्रेजेंटिव को ईमेल भेजा गया लेकिन कोई जवाब नहीं आया। भारत के अधिकारी मीडिया से बातचीत करने के लिए अधिकृत नहीं थे, इसलिए अपने नाम का खुलासा नहीं करना चाहते थे।
अमेरिका के उद्योग समूह के शीर्ष एक्जीक्यूटिव ने कहा कि उन्हें अमेरिका की तरफ से किसी गंभीर विचार-विमर्श की जानकारी नहीं है। अमेरिका के लोहा और स्टील इंस्टीच्यूट के अध्यक्ष केविन डेम्पसे ने कहा, ‘स्पष्ट कहूं तो मुझे नहीं लगता कि अमेरिकी सरकार ऐसा करेगी।’
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने 1962 के अधिनियम की धारा 232 के तहत साल 2018 में स्टील पर 25 फीसदी और एल्युमीनियम पर 10 फीसदी आयात प्रतिबंध शुल्क लगा दिया था। इसके जवाब में भारत ने अमेरिका के 28 उत्पादों पर प्रतिबंध शुल्क लगाया था। इसके तहत भारत ने बादाम, सेब और अखरोट पर शुल्क लगा दिया था।
विश्व व्यापार संगठन ने बीते दिसंबर में फैसला दिया था कि स्टील और एल्युमीनियम पर लगाए गए ट्रंप प्रशासन के शुल्क वैश्विक व्यापार के नियमों के खिलाफ हैं। इस फैसले की वॉशिंगटन ने निंदा की थी। उधर यूएस के ‘कांग्रेशनल स्टील कॉक्स’ की बुधवार को सुनवाई हुई। इसमें स्टील उद्योग के कई दिग्गजों ने शुल्क को कायम रखने का समर्थन किया।