भारत के म्युचुअल फंडों की औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) जून 2025 में समाप्त तिमाही में 7 फीसदी बढ़कर 72.1 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। इस तरह से उन्होंने पहले की दो तिमाहियों में हुई सपाट वृद्धि को पीछे छोड़ दिया। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से शेयर बाजारों में आई तेजी के बल पर पर हुई।
बेंचमार्क निफ्टी इंडेक्स 2025-26 (वित्त वर्ष 26) की अप्रैल-जून तिमाही में करीब 5 फीसदी बढ़ा जबकि व्यापक सूचकांकों ने और भी मजबूत रिटर्न दिया। इक्विटी परिसंपत्तियां फंड उद्योग की एयूएम का करीब 55 फीसदी हैं। इस तरह इसकी वृद्धि बाजार के प्रदर्शन से जुड़ी होती है। निवेशकों के मनोबल और फंडों में निवेश का रुझान भी बाजारों के साथ बढ़ता है। वित्त वर्ष 26 के पहले दो महीनों में इक्विटी फंडों में 43,282 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया। जून के आंकड़े जल्द ही आने की उम्मीद है। 10 अग्रणी फंड कंपनियों ने एयूएम में बढ़ोतरी मोटे तौर पर पहली तिमाही में उद्योग के औसत के मुताबिक ही दर्ज की।
देश की सबसे बड़ी परिसंपत्ति प्रबंधक एसबीआई एमएफ की एयूएम 6.4 फीसदी बढ़कर 11.45 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ (जो सूचीबद्धता की तैयारी कर रहा है) ने 7.5 फीसदी की वृद्धि के साथ 9.84 लाख करोड़ रुपये की एयूएम दर्ज की। सबसे बड़ी सूचीबद्ध एएमसी एचडीएफसी एमएफ की एयूएम 7.22 फीसदी की वृद्धि के साथ 8.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई। निप्पॉन इंडिया एमएफ ने एयूएम में सबसे ज्यादा 10 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की और उसकी एयूएम 6.18 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गई।