कई महीनों की सतर्कता के बाद, निफ्टी ने मार्च 2025 में महीने-दर-महीने (MoM) 6.3% की बढ़त हासिल की, जो जुलाई 2024 के बाद इसका सबसे अच्छा प्रदर्शन है। वैश्विक अस्थिरता और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) के उतार-चढ़ाव वाले रुख के बावजूद, घरेलू निवेशकों ने म्यूचुअल फंड्स की बढ़ोतरी को गति दी। वित्त वर्ष 2025 में म्यूचुअल फंड्स की इक्विटी परिसंपत्तियों का प्रबंधन (AUM) साल-दर-साल (YoY) 26% बढ़कर 32.3 ट्रिलियन रुपये हो गया। इस बढ़ोतरी के पीछे ये कारण रहे:
-मार्केट इंडेक्स में बढ़त (निफ्टी: +5% YoY)
-इक्विटी स्कीम्स की कुल बिक्री में 65% YoY की वृद्धि (9.4 ट्रिलियन रुपये)
-वित्त वर्ष 2025 में रिकॉर्ड 4.76 ट्रिलियन रुपये का शुद्ध निवेश, जो पिछले साल से दोगुना से अधिक है।
-कुल उद्योग AUM साल-दर-साल 23% बढ़कर 65.7 ट्रिलियन रुपये तक पहुंच गया, जो लगातार पांचवें साल विस्तार को दर्शाता है।
रिटेल निवेशकों के लिए पसंदीदा विकल्प, सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान्स (SIPs), ने मजबूती दिखाई। मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 में 259.3 बिलियन रुपये का योगदान देखा गया, जो महीने-दर-महीने मामूली रूप से कम है, लेकिन साल-दर-साल 34.5% की बढ़ोतरी को दिखाता है।
मोतीलाल ओसवाल की रिपोर्ट के अनुसार, म्यूचुअल फंड पोर्टफोलियो में वित्त वर्ष 2025 में रीबैलेंसिंग देखा गया:
-डिफेंसिव सेक्टर्स जैसे टेलीकॉम और हेल्थकेयर ने ध्यान खींचा, जिसमें हेल्थकेयर चौथा सबसे बड़ा होल्डिंग बन गया, जिसका वेट 7.6% है।
-प्राइवेट बैंक्स 18.4% हिस्सेदारी के साथ शीर्ष पर पहुंचे, जबकि PSU बैंक्स का वेट घटकर 2.8% हो गया।
-घरेलू साइक्लिकल्स जैसे इंश्योरेंस, रियल एस्टेट, और इन्फ्रास्ट्रक्चर का वेट बढ़कर 61.5% हो गया।
-ग्लोबल साइक्लिकल्स, विशेष रूप से ऑयल एंड गैस, में आवंटन कम हुआ।
मार्च में ही, फंड मैनेजर्स ने कैपिटल गुड्स, यूटिलिटीज, ऑयल एंड गैस, सीमेंट, और इंश्योरेंस में निवेश बढ़ाया, जो भारत की घरेलू विकास कहानी में उनके विश्वास को दर्शाता है।
शीर्ष 10 AMCs में, निम्नलिखित फंड्स ने इक्विटी AUM में सबसे अधिक महीने-दर-महीने बढ़ोतरी दर्ज की:
-निप्पॉन इंडिया MF: +9.6%
-एक्सिस MF: +8.3%
-कोटक महिंद्रा MF: +8.0%
-DSP MF: +7.8%
-UTI MF: +7.5%
BSE 200 की तुलना में म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी 1% से अधिक वाले शीर्ष सेक्टर्स: हेल्थकेयर (17 फंड्स ओवर-ओन्ड), कंज्यूमर ड्यूरेबल्स (12 फंड्स ओवर-ओन्ड), केमिकल्स (11 फंड्स ओवर-ओन्ड), कैपिटल गुड्स (10 फंड्स ओवर-ओन्ड), और रिटेल (10 फंड्स ओवर-ओन्ड)।
BSE 200 की तुलना में म्यूचुअल फंड्स की हिस्सेदारी 1% से कम वाले शीर्ष सेक्टर्स: कंज्यूमर (17 फंड्स अंडर-ओन्ड), ऑयल एंड गैस (17 फंड्स अंडर-ओन्ड), प्राइवेट बैंक्स (16 फंड्स अंडर-ओन्ड), टेक्नोलॉजी (12 फंड्स अंडर-ओन्ड), और यूटिलिटीज (12 फंड्स अंडर-ओन्ड)।
निफ्टी50 स्टॉक्स में मार्च 2025 में सबसे अधिक महीने-दर-महीने शुद्ध खरीदारी जियो फाइनेंशियल (+18%), टाटा कंज्यूमर (+12.8%), इटर्नल (+10.2%), और बजाज फिनसर्व (+7.5%) में देखी गई।
निफ्टी मिडकैप-100 में मार्च 2025 में सबसे अधिक महीने-दर-महीने शुद्ध खरीदारी यस बैंक, HUDCO, IDFC फर्स्ट बैंक, पतंजलि फूड्स, और हिंदुस्तान जिंक में देखी गई।
व्यक्तिगत निवेशकों के लिए यह डेटा स्पष्ट तस्वीर पेश करता है:
SIPs के साथ बने रहें: अस्थिरता बनी रह सकती है, लेकिन अनुशासित निवेश लाभ दे रहा है।
घरेलू साइक्लिकल्स में विविधता लाएं: फंड मैनेजर्स का बदलाव भारत के प्रमुख विकास सेक्टर्स में विश्वास दर्शाता है।
सेक्टर एक्सपोजर की समीक्षा करें: हेल्थकेयर, कैपिटल गुड्स, और चुनिंदा फाइनेंशियल्स की ओर पुनर्संतुलन पर विचार करें, जहां फंड आवंटन बढ़ रहा है।
-वर्ष में सेक्टर और स्टॉक आवंटन में उल्लेखनीय बदलाव देखा गया। डिफेंसिव्स का वेट 30 बेसिस पॉइंट्स (bp) बढ़कर 29.7% हो गया, जिसमें टेलीकॉम और हेल्थकेयर के वेट में वृद्धि हुई, जबकि कंज्यूमर, टेक्नोलॉजी, और यूटिलिटीज का वेट कम हुआ।
-घरेलू साइक्लिकल्स का वेट भी 30 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 61.5% हो गया, जिसमें प्राइवेट बैंक्स, रिटेल, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट, इन्फ्रास्ट्रक्चर, और सीमेंट की अगुवाई रही।
-ग्लोबल साइक्लिकल्स का वेट 70 बेसिस पॉइंट्स घटकर 8.7% हो गया, जिसमें ऑयल एंड गैस ने कमी दिखाई।
-हेल्थकेयर का वेट वित्त वर्ष 2025 में 7.6% (+20 बेसिस पॉइंट्स YoY) तक बढ़ा, जो पिछले साल पांचवें से चौथे स्थान पर पहुंच गया।
-टेक्नोलॉजी की स्थिति पिछले एक साल में अपरिवर्तित रही, लेकिन इसका वेट साल-दर-साल 20 बेसिस पॉइंट्स घटकर 8.5% हो गया।
-प्राइवेट बैंक्स का वेट 18.4% (+150 बेसिस पॉइंट्स YoY) तक उछला।
-PSU बैंक्स का वेट 2.8% (-60 बेसिस पॉइंट्स YoY) तक कम हुआ।
-कैपिटल गुड्स का वेट 7.2% (+70 बेसिस पॉइंट्स YoY) तक बढ़ा।