Top 10 Multi-Asset Allocation Funds: बाजार में जारी भारी उठापटक (volatility) के बीच इक्विटी, गोल्ड और डेट में निवेश करने वाले मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स ने पिछले एक साल में निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। टॉप 10 फंड्स में से, सबसे अच्छा परफॉर्मेंस करने वाले आठ फंड्स ने लगभग 12% से 19% के बीच रिटर्न प्रदान किया है। मार्केट एक्सपर्ट्स कहते हैं, चूंकि पिछले 5-6 महीनों से शेयर बाजार कमजोर प्रदर्शन कर रहा है। ऐसे में मल्टी एसेट अलोकेशन फंड्स के लिए बेहतर संभावनाएं नजर आ रही हैं। AMFI के डेटा के मुताबिक, हाइब्रिड म्युचुअल फंड की इस कैटिगरी (मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स) मेंं पिछले महीने यानी जनवरी में 2,122.85 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया। हालांकि दिसंबर 2024 के मुकाबले इनफ्लो में हल्की गिरावट देखने को मिली है। दिसंबर में मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स का इनफ्लो 2,574.72 करोड़ रुपये रहा था।
मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स के प्रदर्शन की बात करें, तो बीते एक साल में टॉप-10 फंड्स ने निवेशकों को करीब 11-19% का रिटर्न दिया है। इनमें फंड हाउस व्हाइटओक कैपिटल की स्कीम (WhiteOak Capital Multi Asset Allocation Fund) पहले नंबर है। इस स्कीम ने निवेशकों को बीते एक साल में 19.10% का रिटर्न दिया है। वहीं, 10वें नंबर पर Mirae Asset Multi Asset Allocation Fund है। इस स्कीम ने पिछले एक साल में 11.70% का रिटर्न दिया है। यहां देखें टॉप-10 फंड्स की लिस्ट…
S. NO | Multi-Asset Allocation Funds Name | 1 Year Return in % |
1 | WhiteOak Capital Multi Asset Allocation Fund | 19.10 |
2 | DSP Multi Asset Allocation Fund | 16.70 |
3 | ICICI Prudential Multi Asset Fund | 15.27 |
4 | Nippon India Multi Asset Allocation Fund | 14.23 |
5 | Bandhan Multi Asset Allocation Fund | 14.03 |
6 | Aditya Birla Sun Life Multi Asset Allocation Fund | 13.86 |
7 | Axis Multi Asset Allocation Fund | 13.31 |
8 | UTI Multi Asset Allocation Fund | 13.28 |
9 | Sundaram Multi Asset Allocation Fund | 13.20 |
10 | Mirae Asset Multi Asset Allocation Fund | 11.70 |
स्त्रोत: AMFI 14 फरवरी के NAV के आधार पर। (नोट- म्युचुअल फंड में पिछला रिटर्न भविष्य के रिटर्न की गारंटी नहीं होता है।)
मल्टी-एसेट एलोकेशन फंड निवेशकों को एक ही फंड में कई एसेट क्लास का फायदा देता है। इसमें इक्विटी (शेयर बाजार), डेट (बॉन्ड) और एक अन्य विकल्प जैसे गोल्ड या रियल एस्टेट शामिल होते हैं। इन फंडों की खासियत यह है कि ये बाजार की स्थिति के अनुसार निवेश का संतुलन बदलते हैं, जिससे जोखिम कम होता है।
मल्टी एसेट एलोकेशन स्ट्रेटजी के कारण ये फंड जोखिम और रिटर्न का बेहतर तालमेल बनाते हैं, जिससे निवेशकों को बेहतर रिटर्न मिलने की संभावना रहती है।
Mirae Asset Investment Managers (India) के रिसर्च हेड और फंड मैनेजर हर्षद बोरावके ने कहा, “मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स बाजार में उतार-चढ़ाव के दौरान बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। इसका कारण यह है कि ये फंड्स डायनेमिक रूप से अपने निवेश को अलग-अलग एसेट क्लास में शिफ्ट कर सकते हैं, जैसे कि इक्विटी, डेट, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स, REITs/InVITs, विदेशी शेयर बाजार और सोना जैसी कमोडिटीज।
यह फंड निवेशकों को डायवर्सिफिकेशन (Diversification) और बैलेंस्ड रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न प्रदान करता है। बाजार में गिरावट के समय इन फंड्स का डेट में निवेश कैपिटल को सुरक्षित रखने में मदद करता है। हमारा रिसर्च दिखाता है कि मल्टी एसेट स्ट्रैटजी ने बाजार की तेजी और मंदी, दोनों ही परिस्थितियों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
WhiteOak Capital AMC के डायरेक्टर और हेड सेल्स वैभव चुग कहते हैं, मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स (MAAF) में इक्विटी, सोना और डेट जैसी अलग-अलग एसेट क्लास शामिल होती हैं, जिनका एक-दूसरे से अलग संबंध (Correlation) होता है। अगर किसी एक एसेट क्लास का प्रदर्शन कमजोर रहता है, लेकिन दूसरी अच्छी चल रही होती है, तो इस निगेटिव कोरिलेशन की वजह से पोर्टफोलियो की उठापटक (Volatility) कम हो जाती है और फिर भी अच्छा रिटर्न मिल सकता है। इसलिए, सही एसेट मिक्स से रिस्क को संतुलित करके बेहतर रिटर्न पाया जा सकता है।
बोरावके ने कहा, “पिछले 5-6 महीनों से शेयर बाजार कमजोर रहा है, जिससे मल्टी एसेट अलोकेशन फंड्स के लिए बेहतर अवसर बन रहे हैं। डेट और गोल्ड अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। RBI ने ब्याज दरों में कटौती शुरू की है, जिससे डेट फंड्स की स्थिति मजबूत हुई है। वहीं, वैश्विक संकट बढ़ने के कारण लोग सुरक्षित निवेश के लिए सोने में ज्यादा निवेश कर रहे हैं। इन सभी कारणों से मल्टी एसेट अलोकेशन फंड्स का प्रदर्शन आने वाले समय में अच्छा रहने की उम्मीद है।”
चुग कहते हैं, मल्टी एसेट एलोकेशन फंड्स उन निवेशकों के लिए बेहतरीन विकल्प हैं, जो पारंपरिक निवेश साधनों से ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, लेकिन अपने पोर्टफोलियो में ज्यादा उतार-चढ़ाव (Volatility) नहीं चाहते। हमारा मानना है कि निवेशकों को टैक्स सेविंग पर ध्यान देने के बजाय, सही एसेट डाइवर्सिफिकेशन पर फोकस करना चाहिए। इससे बिना ज्यादा जोखिम लिए, लॉन्ग टर्म फाइनैंशियल टारगेट आसानी से हासिल किए जा सकते हैं।
(डिस्कलेमर: यहां Multi-Asset Allocation Funds के परफॉर्मेंस की डीटेल दी गई है। ये निवेश की सलाह नहीं है। म्युचुअल फंड में निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन है। निवेश संबंधी फैसला करने से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।)