शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के बीच एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। अप्रैल 2025 में इस श्रेणी का कुल संपत्ति आधार 2.26 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जो पिछले साल की तुलना में 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। इसके साथ ही, निवेशकों की संख्या भी बढ़ी है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले एक साल में 3.5 लाख नए फोलियो जुड़े हैं, जिससे अप्रैल 2025 तक फोलियो की संख्या बढ़कर लगभग 58 लाख हो गई है। यह रुझान निवेशकों के बीच संतुलित और स्थिर निवेश की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स ने अलग-अलग समयावधि में शानदार रिटर्न दिए हैं। औसतन, इन फंड्स ने पिछले एक साल में करीब 9 प्रतिशत, दो साल में 20 प्रतिशत, तीन साल में 15 प्रतिशत और पांच साल में 21 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। ये फंड्स अन्य हाइब्रिड फंड्स से अलग हैं क्योंकि इनमें 65-80 प्रतिशत हिस्सा शेयरों में निवेश किया जाता है, जो अधिक रिटर्न की संभावना तो देता है, लेकिन जोखिम भी बढ़ाता है।
ट्रेडजिनी के मुख्य परिचालन अधिकारी त्रिवेश डी. ने बताया कि ये फंड्स उन निवेशकों के लिए सही हैं जो मध्यम जोखिम ले सकते हैं और 3-5 साल के लिए निवेश करना चाहते हैं।
एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स का भविष्य बेहतर दिख रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अब बाजार में व्यापक तेजी के बजाय कुछ खास सेक्टरों और कंपनियों के शेयरों में उछाल देखने को मिलेगा। जर्मिनेट इनवेस्टर सर्विसेज के सीईओ संतोष जोसेफ ने कहा, “बाजार अब सेक्टर और कंपनी-विशिष्ट घटनाओं पर ज्यादा निर्भर होगा। ऐसे में लचीली रणनीति अपनाने वाले फंड मैनेजर उभरते अवसरों का बेहतर उपयोग कर पाएंगे।”
AMFI के आंकड़ों के अनुसार, एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स की संपत्ति अप्रैल 2024 में 2.02 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर अप्रैल 2025 में 2.26 लाख करोड़ रुपये हो गई, जो सालाना 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी है। त्रिवेश ने बताया कि सेबी द्वारा फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) नियमों को कड़ा करने के बाद निवेशक संतुलित और कर-कुशल उत्पादों की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
इंडस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, 31 एग्रेसिव हाइब्रिड म्यूचुअल फंड्स ने पिछले एक साल में औसतन 9 प्रतिशत रिटर्न दिया। कुछ टॉप प्रदर्शन करने वाले फंड्स में डीएसपी एग्रेसिव हाइब्रिड फंड, बंधन एग्रेसिव हाइब्रिड फंड, महिंद्रा मैन्यूलाइफ एग्रेसिव हाइब्रिड फंड, इन्वेस्को इंडिया एग्रेसिव हाइब्रिड फंड और एसबीआई इक्विटी हाइब्रिड फंड शामिल हैं। इन फंड्स ने पिछले एक साल में 12-18 प्रतिशत और दो साल में 19-24 प्रतिशत का रिटर्न दिया। पांच साल की अवधि में रिटर्न 18.5-24 प्रतिशत के बीच रहा, जिसमें महिंद्रा मैन्यूलाइफ एग्रेसिव हाइब्रिड फंड ने 23.62 प्रतिशत का सबसे अधिक रिटर्न दिया।
महिंद्रा मैन्यूलाइफ एग्रेसिव हाइब्रिड फंड का प्रदर्शन इसकी संतुलित निवेश रणनीति पर आधारित है। यह फंड बड़े शेयरों, खासकर बैंकिंग, उपभोक्ता सामान और निर्माण सामग्री जैसे क्षेत्रों में अधिक निवेश करता है, जो स्थिरता और विकास दोनों प्रदान करते हैं। वहीं, यह आईटी, तेल और गैस, और धातु जैसे अस्थिर और वैश्विक क्षेत्रों में सतर्क रुख अपनाता है। फंड का डेट हिस्सा एक सुरक्षा कवच की तरह काम करता है, जो नीतिगत दरों में कटौती होने पर बॉन्ड मार्केट में तेजी से और फायदा दे सकता है।
एक्सपर्ट का कहना है कि एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स निवेशकों को दोनों दुनिया का लाभ देते हैं—शेयर बाजार में अस्थिरता के दौरान डेट हिस्सा स्थिरता देता है, जबकि शेयर हिस्सा अर्थव्यवस्था की प्रगति का फायदा उठाने का मौका देता है। ग्लोसोम वेल्थएक्स की निदेशक सुनीता सतपति ने कहा, “वर्तमान बाजार परिस्थितियों में एग्रेसिव हाइब्रिड फंड्स नए और अनुभवी निवेशकों के लिए स्थिर और लाभकारी विकल्प हैं।”
टैक्स के दृष्टिकोण से, ये फंड्स इक्विटी-उन्मुख योजनाओं की तरह माने जाते हैं, जो लंबी अवधि के निवेशकों के लिए पूंजीगत लाभ कर को अनुकूल बनाता है। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि इन फंड्स में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) के जरिए निवेश करना चाहिए, क्योंकि यह बाजार की अस्थिरता को औसत करने और निवेश में अनुशासन लाने में मदद करता है। वे निवेशकों को जोखिम की क्षमता के आधार पर अपने पोर्टफोलियो का 15-25 प्रतिशत हिस्सा हाइब्रिड फंड्स में लगाने की सलाह देते हैं।
AMFI के आंकड़ों के अनुसार, हाइब्रिड श्रेणी की कुल संपत्ति अप्रैल 2025 तक 21 प्रतिशत बढ़कर 9.15 लाख करोड़ रुपये हो गई। इस दौरान 22 लाख नए फोलियो जुड़े, जिससे कुल फोलियो की संख्या 1.58 करोड़ हो गई।
(पीटीआई के इनपुट के साथ)