एलआईसी म्युचुअल फंड (LIC MF) ने साल 2026 के आखिर तक 1 लाख करोड़ रुपये की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (AUM) का लक्ष्य रखा है और उसका इरादा अगले पांच साल में 10 अग्रणी फंड हाउस में शामिल होने का है। यह कहना है एलआईसी की सहायक परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी रवि कुमार झा का।
साल 1989 में परिचालन शुरू करने वाली एलआईसी एमएफ मध्यम आकार की फंड कंपनी रही है और उसका एयूएम करीब 30,000 करोड़ रुपये रहा है। तीसरी तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक, फंड हाउस म्युचुअल फंड उद्योग में एयूएम के लिहाज से 45 कंपनियों में 23वें पायदान पर है।
एलआईसी एमएफ के प्रमुख के तौर पर तीन साल का कार्यकाल पाने वाले झा ने कहा कि कंपनी ने सुधार के लिए कई क्षेत्रों की पहचान की है और इक्विटी योजनाओं के प्रदर्शन में सुधार के लिए काफी प्रयास किए जाएंगे।
झा ने कहा, हमारे पिछड़ने की एक वजह यह रही कि हमारा प्रदर्शन स्थिर नहीं रहा। अब हमारा इरादा सभी योजनाओं को अग्रणी दो क्वार्टाइल में शामिल कराने का है। उन्होंने कहा कि इक्रिटी एयूएम में वृद्धि फंड हाउस के लिए अहम है, वृद्धि व लाभप्रदता दोनों के लिए।
सीईओ के मुताबिक, उनकी योजना आगामी 12 से 20 महीनों में इक्विटी टीम को 12 से बढ़ाकर 20 करने की है। जनवरी 2024 में सक्रिय डेट योजनाओं की हिस्सेदारी कुल एयूएम में 50 फीसदी यानी 14,550 करोड़ रुपये की थी। बाकी परिसंपत्तियां इक्विटी, हाइब्रिड और पैसिव फंडों की है।
इक्विटी योजनाओं में डेट के मुकाबले ज्यादा बेहतर मार्जिन है, जिसकी वजह दोनों सेगमेंट में फंड हाउस की तरफ से वसूले जाने वाले खर्च के बीच अंतर है।
प्रदर्शन के अलावा फंड हाउस फिजिकल के साथ-साथ अपनी डिजिटल मौजूदगी भी बढ़ाएगा। फंड हाउस का इरादा अपनी शाखाएं मार्च 2025 तक मौजूदा 35 से बढ़ाकर कम से कम 50 करने की है।
झा ने कहा, शाखाएं अहम बनी हुई हैं चाहे डिजिटल प्रसार काफी आगे ही क्यों न चला गया हो। आपकी अवधारणा तब सुधरती है जब आपका फिजिकल ऑफिस होता है। लोग आपको गंभीरता से लेते हैं।
उन्होंने कहा, डिजिटल में हमने अपना ऐप्लिकेशन निवेशकों के लिए नवंबर में लॉन्च किया है। वितरकों के लिए एक अन्य ऐप्लिकेशन पर काम हो रहा है। दिसंबर 2023 में एलआईसी ने एलआईसी एमएफ को 25 करोड़ रुपये शेयर पूंजी देने को मंजूरी दी है।