जुलाई में रिकॉर्ड निवेश हासिल करने के बाद भले ही अगस्त में इक्विटी म्युचुअल फंड में इनफ्लो 22% घटकर 33,430 करोड़ रुपये रह गया। लेकिन इस दौरान, आठ इक्विटी म्युचुअल फंड्स में जमकर पैसा बरसा। इन आठ इक्विटी म्युचुअल फंड्स के डायरेक्ट प्लान में से हर एक स्कीम को 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश (Net Inflow) मिला। यानी इन फंड्स की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में उल्लेखनीय बढ़ोतरी दर्ज हुई। यह इन फंड्स पर निवेशकों के मजबूत भरोसे का संकेत है।
वैल्यू रिसर्च की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अगस्त में आठ ऐक्टिवली मैनेज्ड इक्विटी फंड्स के डायरेक्ट प्लान्स की एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में 500 करोड़ रुपये से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली। इन आठ फंड्स में आईसीआईसीआई, एचडीएफसी, बंधन, कोटक, निप्पॉन और पराग पारिख जैसे फंड हाउसों की स्कीम्स शामिल हैं।
Fund | AUM on Aug 1 (Rs crore) | AUM on Aug 31 (Rs crore) | Growth (Rs crore) |
---|---|---|---|
ICICI Prudential Value Fund | 53,178 | 53,740 | 562 |
Bandhan Small Cap Fund | 13,920 | 14,513 | 593 |
ICICI Prudential Large & Mid Cap Fund | 23,008 | 23,680 | 672 |
HDFC Focused Fund | 21,357 | 22,370 | 1,013 |
Kotak Flexicap Fund | 52,600 | 53,631 | 1,031 |
Nippon India Large Cap Fund | 43,887 | 44,968 | 1,081 |
HDFC Flexi Cap Fund | 80,193 | 82,675 | 2,482 |
Parag Parikh Flexi Cap Fund | 1,12,351 | 1,15,037 | 2,686 |
स्त्रोत: वैल्यू रिसर्च
इक्विटी मार्केट में बढ़ती उथल-पुथल के बीच फ्लेक्सी-कैप फंड्स निवेशकों को सबसे ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं। पिछले महीने में दो फ्लेक्सी-कैप फंड (Parag Parikh Flexi Cap और HDFC Flexi Cap Fund) ने अकेले एक महीने में लगभग 5,000 करोड़ रुपये जोड़े। इससे साफ संकेत मिलता है कि निवेशक डाइवर्सिफाइड फंड्स को पसंद कर रहे है, जहां फंड मैनेजर्स को लार्ज, मिड और स्मॉल-कैप सेगमेंट में अपनी पसंद के स्टॉक्स चुनने की पूरी आजादी होती है। इक्विटी कैटेगरी में, अगस्त में फ्लेक्सी कैप फंड्स में सबसे ज्यादा निवेश आया था। निवेशकों ने इन फंड्स में 7,679 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
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आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू फंड में पिछले महीने 500 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश आया। यह दिखाता है कि वैल्यू-ओरिएंटेड स्ट्रैटेजी अब भी निवेशकों को लुभा रही हैं।
अगस्त में, बंधन स्मॉल कैप फंड के एसेट अंडर मैनेजमेंट में 593 करोड़ रुपये का उछाल भी उल्लेखनीय है। खासकर ऐसे महीने में जब इस कैटेगरी में निवेश धीमा पड़ गया था। अगस्त में, स्मॉल-कैप फंड्स में 4,993 करोड़ रुपये का इनफ्लो आया था, जबकि जुलाई में यह 6,484 करोड़ रुपये था।
इस लिस्ट में शामिल कई फंड्स नए नहीं हैं। इनमें से ज्यादातर फंड्स का लॉन्ग टर्म में बेहतरीन ट्रैक रिकॉर्ड रहा है। वैल्यू रिसर्च ने एक नोट में कहा, “निप्पॉन इंडिया लार्ज कैप फंड अपने कैटेगरी में 10 साल के रिटर्न में सबसे आगे है और 5 साल के प्रदर्शन में दूसरे नंबर पर है। पराग पारिख फ्लेक्सी कैप और एचडीएफसी फ्लेक्सी कैप फंड्स ने भी लगातार 5 और 10 साल की अवधि में टॉप रैंकिंग बनाए रखी है।”
हालांकि, कुछ अपवाद भी हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल वैल्यू फंड 10 साल के प्रदर्शन में अपनी कैटेगरी में काफी पीछे है। हालांकि इसने जोरदार वापसी करते हुए 5 साल में पांचवां स्थान हासिल किया है। कोटक फ्लेक्सी कैप फंड, अपने AUM ग्रोथ के बावजूद, 5 और 10 साल दोनों ही अवधियों में औसत प्रदर्शन करने वालों में ही शामिल है।
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बढ़ता हुआ AUM आम तौर पर निवेशकों के भरोसे और ज्यादातर मामलों में अच्छे पिछले प्रदर्शन को दर्शाता है। लेकिन सिर्फ AUM के आधार पर निवेश का फैसला नहीं करना चाहिए। निवेशकों को फंड्स की 3, 5, और 10 साल की परफॉर्मेंस, पोर्टफोलियो की क्वालिटी, एक्सपेंस रेशियो और फंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड आदि को भी ध्यान में रखना चाहिए।