जून में कमोडिटी एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ईटीएफ) में कुल निवेश बढ़कर 4,085 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। इसकी वजह यह है कि चांदी के ईटीएफ में लगातार अच्छी रकम आई है और मुनाफावसूली की अवधि के बाद गोल्ड ईटीएफ में भी निवेश बढ़ा है। सिल्वर ईटीएफ में निवेश पिछले महीने की तुलना में 2.4 गुना बढ़कर 2,005 करोड़ रुपये के नए शीर्ष स्तर पर पहुंच गया। गोल्ड ईटीएफ में निवेश पिछले महीने की तुलना में 7 गुना बढ़कर 2,081 करोड़ रुपये हो गया।
विशेषज्ञों ने कहा कि वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच परिसंपत्ति आवंटन में बदलाव की वजह से कीमती धातुओं में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है। मांग-आपूर्ति समीकरण और कीमती धातुओं में निवेश के लिए म्युचुअल फंड विकल्प की बढ़ती स्वीकार्यता जैसे अन्य कारक भी ईटीएफ निवेश की वृद्धि में योगदान दे रहे हैं। सोने और चांदी की कीमतों में जारी तेजी ने भी निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी में योगदान दिया है।
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निप्पॉन इंडिया म्युचुअल फंड के प्रमुख (कमोडिटीज) और फंड प्रबंधक विक्रम धवन ने कहा, ‘व्यापाक आर्थिक हालात में अस्थिरता से रक्षा, केंद्रीय बैंक की बैलेंस शीट के विस्तार तथा मौजूदा भू-राजनीतिक जोखिमों के खिलाफ सोने को अपनी पारंपरिक भूमिका का फायदा मिल रहा है। केंद्रीय बैंक की खरीदारी दमदार बनी हुई है और डॉलर पर निर्भरता घटाने जैसे मसले वैश्विक पोर्टफोलियो में सोने की रणनीतिक प्रासंगिकता मजबूत कर रहे हैं।’
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उन्होंने कहा, ‘इस बीच चांदी का हरित ऊर्जा परिवर्तन के अनुरूप औद्योगिक धातु और सोने की हाई-बीटा (अधिक उतार-चढ़ाव वाली) पूरक के रूप में आकर्षण बढ़ रहा है। ईटीएफ के विनियमित, तरल और किफायती ढांचे की ओर व्यापक रुझान के साथ-साथ परिसंपत्ति आवंटन और बहु-परिसंपत्ति ढांचे की बढ़ती स्वीकार्यता दोनों धातुओं में निवेशकों की निरंतर दिलचस्पी बढ़ा रही है।’चांदी और सोने के ईटीएफ में बढ़ती दिलचस्पी खातों की संख्या में भी दिखाई दे रही है। साल 2025 के पहले छह महीनों में सिल्वर ईटीएफ खातों की संख्या 46 प्रतिशत बढ़कर करीब 10 लाख हो चुकी है।