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बैलेंस्ड एडवांटेज फंड घटा रहे इक्विटी निवेश, HDFC, ICICI, SBI BAF भी इन वजहों से कम कर रहे हिस्सेदारी

BAF सकल स्तर पर कराधान की आवश्यकता का अनुपालन करते हुए अपने शुद्ध जोखिम को 65 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए इक्विटी डेरिवेटिव का उपयोग करते हैं।

Last Updated- August 21, 2024 | 9:34 PM IST
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बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (बीएएफ) महंगे मूल्यांकनों की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए अपने इक्विटी निवेश को कम कर रहे हैं। बाजार में लगातार तेजी की वजह से महंगे मूल्यांकन की चिंता बढ़ गई है। करीब 94,000 करोड़ रुपये की प्रबंधन अधीन परिसंप​त्तियों (एयूएम) के साथ इस सेगमेंट में सबसे बड़े फंड HDFC BAF ने जुलाई में अपना शुद्ध इ​क्विटी निवेश घटाकर 50 प्रतिशत से कम कर दिया, जो पिछले दो साल में सबसे कम है।

इसी तरह, आईसीआईसीआई प्रूडें​शियल बीएएफ (ICICI Prudential BAF) का इ​क्विटी में निवेश जुलाई के अंत तक सिर्फ 31.2 प्रतिशत था, जो 20 महीने के निचले स्तर पर है। SBI BAF की भी 30.9 प्रतिशत के साथ कम इ​क्विटी भागीदारी रही।

बीएएफ मूल्यांकन के आधार पर इक्विटी और डेट आवंटन को प्रबंधित करते हैं। भले ही नियम ऐसी योजनाओं को आवंटन के संबंध में संपूर्ण स्वायत्तता प्रदान करते हैं, फिर भी वे इक्विटी कराधान से लाभ उठाने के लिए आमतौर पर न्यूनतम 65 प्रतिशत इक्विटी निवेश का विकल्प चुनते हैं, जो डेट की तुलना में फायदेमंद है।

हालांकि, बीएएफ सकल स्तर पर कराधान की आवश्यकता का अनुपालन करते हुए अपने शुद्ध जोखिम को 65 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए इक्विटी डेरिवेटिव का उपयोग करते हैं।

मौजूदा इ​क्विटी स्तरों में बदलाव इ​क्विटी बाजार पर फंड हाउस के नजरिये में भी दिखा है। अपनी ताजा रिपोर्ट में, SBI MF ने कहा है कि भारतीय इ​क्विटी के लिए उसके प्रॉपराइटरी इंडिकेटर में महंगे मूल्यांकन के बीच दबाव दिखा है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘सेंटीमेंट इंडेक्स एक विपरीत माप के रूप में काम करता है और अपेक्षित अग्रिम प्रतिफल के साथ इसका विपरीत सह-संबंध होता है, विशेष रूप से तेजी की ​स्थिति में, जैसा कि अभी है। इसके अलावा, जहां हम मध्याव​धि में आय पर आशा​न्वित बने हुए हैं, लेकिन अल्पाव​धि की राह कमजोर दिख रही है, क्योंकि जिंस कीमतों में नरमी आई है। हमारा मानना है कि यह मिश्रण इक्विटी बाजारों में अब तक जारी सट्टा गतिविधियों में कमी लाने के लिए आदर्श है।’

मौजूदा समय में, सभी बाजार पूंजीकरण खंडों के बाजार अपने दीर्घाव​धि औसत से ऊंचे मूल्यांकन पर कारोबार कर रहे हैं। निफ्टी-50 सूचकांक का 12 महीने आगामी पीई अनुपात 20.7 गुना पर है जो पांच वर्षीय औसत 19.2 गुना की तुलना में ज्यादा है। निफ्टी मिडकैप 100 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 सूचकांकों का पीई अनुपात 33.6 गुना और 21.5 गुना पर है, जबकि उनके पांच वर्षीय औसत 24.4 गुना और 17.2 गुना के रहे हैं।

प्रो-साइ​क्लिकल ऐसेट एलोकेशन मॉडल पर अमल करने वाले एडलवाइस बीएएफ ने पिछले महीने के अंत तक 69 प्रतिशत का शुद्ध इ​क्विटी निवेश दर्ज किया था।

इ​क्विटी योजनाओं में नकदी स्तर भी पिछले महीने तेजी से बढ़ा। मोतीलाल ओसवाल की एक रिपोर्ट से पता चला है कि शीर्ष 26 फंड हाउसों की इ​क्विटी योजनाओं के पास जुलाई 2024 के अंत तक करीब 80,000 करोड़ रुपये की नकदी थी, जो जून के 62,700 करोड़ रुपये की तुलना में 27 प्रतिशत तक ज्यादा है।

First Published - August 21, 2024 | 9:34 PM IST

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