सक्रिय तौर पर प्रबंधित लार्ज-कैप म्युचुअल फंड (MF) योजनाएं कैलेंडर वर्ष 2022 में कमजोर प्रदर्शन के बाद 2023 में अपनी खोई चमक लौटाने में सफल रहीं। कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही (H1) में 78 प्रतिशत सक्रिय लार्जकैप योजनाएं निफ्टी-50 सूचकांक फंडों से आगे रहीं, जबकि 2022 में यह आंकड़ा महज 26 प्रतिशत था। वैल्यू रिसर्च के आंकड़ों के अनुसार, यदि सेंसेक्स के सूचकांक फंडों से तुलना की जाए तो पता चलता है कि 61 प्रतिशत ऐक्टिव फंडों ने बेहतर प्रतिफल दिया।
निफ्टी टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) और सेंसेक्स TRI में पहले 6 महीनों के दौरान 6.6 प्रतिशत और 7.2 प्रतिशत की तेजी आई। इंडेक्स फंडों और एक्सचेंज-ट्रेडेड फंडों (ETF) ने अपने संबद्ध सूचकांकों के प्रतिफल के अनुसार प्रदर्शन किया है, जबकि फंड मैनेजर उनसे आगे निकलने की कोशिश करते हैं।
पांच ऐक्टिव लार्जकैप योजनाओं ने पहली छमाही के दौरान दो अंक में रिटर्न दिया और 22 अन्य ने 6.6 प्रतिशत से ज्यादा की तेजी दर्ज की।
फंड मैनेजर इस तेजी के लिए बाजार में आए सुधार और मिडकैप तथा स्मॉलकैप में मजबूती को जिम्मेदार मान रहे हैं। सक्रिय लार्जकैप फंड प्रबंधकों को मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में अपनी कुल राशि के 20 प्रतिशत तक निवेश की अनुमति है और इसलिए उनका प्रदर्शन ऐक्टिव फंडों के प्रदर्शन पर आधारित रहा है।
कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही में, बीएसई मिडकैप सूचकांक 13.7 प्रतिशत और बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 12.7 प्रतिशत चढ़ा। तुलनात्मक तौर पर सेंसेक्स में 6.4 प्रतिशत की तेजी आई।
एडलवाइस (Edelweiss) लार्जकैप के फंड मैनेजर भरत लाहोटी ने कहा, ‘एक कारण इस साल मिडकैप और स्मॉलकैप का तुलनात्मक तौर पर बेहतर प्रदर्शन है। तथ्य यह है कि बड़ी तेजी के बीच विविधीकृत ऐक्टिव फंडों (diversified active funds) को फायदा हुआ है।’
फंड प्रबंधकों को उद्योग और पूंजीगत वस्तु जैसे क्षेत्रों पर अपने फायदेमंद दांव के साथ सेक्टोरल आवंटन में बदलाव लाने में भी मदद मिली है।
निप्पॉन इंडिया एमएफ (Nippon India MF) में मुख्य निवेश अधिकारी (CIO) शैलेश राज भान ने कहा, ‘आय वृद्धि फिर से कुछ खास कंपनियों और क्षेत्रों तक केंद्रित होने से अच्छा रिटर्न हासिल करने के अवसर बढ़े हैं। उद्योग, पूंजीगत वस्तु जैसे क्षेत्रों और होटल क्षेत्रों के शेयरों में भी तेजी आई है। इन क्षेत्रों पर पिछले दशक के दौरान कमजोर प्रदर्शन का सामना करना पड़ा था।’
इन्वेस्को लार्जकैप फंड के फंड प्रबंधक अमित निगम के अनुसार, खास शैली और रणनीति में शेयर चयन और निरंतरता अच्छे प्रदर्शन के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा, ‘शेयर चयन और सेक्टोरल आवंटन के अलावा, इस बार लाभांश देने वाले शेयरों पर भी ध्यान बनाए रखें।’
फंड प्रबंधकों को सूचकांकों के परिचालन के तौर तरीकों में कुछ खामियों से भी फायदा होता है। वास्तविकता यह है कि वे मूल्यांकन और कॉरपोरेट प्रशासनिक मुद्दों जैसे शेयरों के मानकों पर ध्यान नहीं देते, जिससे ETF का प्रदर्शन कुछ बाजार उतार-चढ़ाव में प्रभावित हो सकता है। इसका ताजा उदाहरण इस साल के शुरू में अदाणी समूह के शेयरों में हुई बिकवाली रही। समूह से जुड़े दो समूह Nifty-50 सूचकांक का हिस्सा हैं, और दोनों में ही हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों के बाद बड़ी गिरावट दर्ज की गई।
स्मॉलकैप या मिडकैप आधारित योजनाओं का प्रबंधन करने वाले प्रबंधकों की तुलना में सक्रिय लार्जकैप फंड प्रबंधकों को तगड़ा रिटर्न हासिल करने की राह में बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।