पीएमएस योजनाओं के लिए काफी मुश्किल भरा महीना रहा और ज्यादातर योजनाएं लाल निशान के साथ बंद हुईं। हालांकि 262 में से 218 यानी 83 फीसदी योजनाओं ने नवंबर में निफ्टी के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया। योजनाओं का औसत रिटर्न -2 फीसदी रहा, जो बेंचमार्क के रिटर्न -3.9 से बेहतर रहा।
माह के दौरान अग्रणी प्रदर्शन वाली स्ट्रैटिजी में राइट होराइजन की सुपर वैल्यू (4.6 फीसदी), सिल्वरआर्क की मिड व स्मॉलकैप इक्विटी (3.7 फीसदी) और सिस्टमैटिक्स की डायनेमिक इन्वेस्टमेंट पोर्टफोलियो (3.35 फीसदी) शामिल है। यह जानकारी पीएमएस बाजार के आंकड़ों से मिली।
वैयक्तिक श्रेणी में लार्जकैप पीएमएस योजनाएं (औसत रिटर्न -2.8 फीसदी), मिडकैप योजनाएं (-1.6 फीसदी) और मल्टीकैप योजनाएं (-2.1 फीसदी) ने अपने-अपने बेंचमार्क सूचकांकों के मुकाबले नवंबर में बेहतर प्रदर्शन किया। स्मॉलकैप योजनाओं (-1.7 फीसदी) का प्रदर्शन हालांकि कमजोर रहा।
एक साल के रिटर्न के आधार पर वेलेंटिस एडवाइजर्स की राइजिंग स्टार ऑपरच्युनिटी (113.19 फीसदी), ग्रीन पोर्टफोलियो की सुपर 30 (112.15 फीसदी) और ग्रीन लैनर्ट कैपिटल का ग्रोथ फंड (101.4 फीसदी) सबसे उम्दा प्रदर्शन करने वाले रहे।
इन योजनाओं के रिटर्न की गणना समय-भारांकित रिटर्न दर के आधार पर हुई। फंड मैनेजरों के प्रदर्शन की स्पष्ट तस्वीर पाने के लिए यह योजनाओं में निवेश व निकासी के प्रभाव को समाप्त कर देता है।
सेबी के हालिया नियामकीय आंकड़ों के मुताबिक, पीएमएस योजनाओं ने डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो के तहत 22.7 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधन किया जबकि गैर-डिस्क्रिशनरी पोर्टफोलियो के तहत 1.44 लाख करोड़ रुपये व एडवाइजरी के तहत 2.23 लाख करोड़ रुपये का प्रबंधन किया।
पीएमएस के तहत न्यूनतम निवेश की सीमा 50 लाख रुपये है।
