आधार हाउसिंग फाइनेंस के शेयर 17 जनवरी 2025 को ट्रेडिंग में छाए रहे। कंपनी के शेयर दिन के कारोबार में 5.86% बढ़कर 418.70 रुपये के हाई पर पहुंच गए। हालांकि, दोपहर 03:30 बजे यह तेजी थोड़ी थमी और शेयर 0.58% की बढ़त के साथ 397.80 रुपये पर कारोबार कर रहा था। इसके मुकाबले, बीएसई सेंसेक्स 0.53% की गिरावट के साथ 76,635.78 के स्तर पर था।
विदेशी ब्रोकरेज फर्म Citi Research ने आधार हाउसिंग फाइनेंस को ‘बाय’ रेटिंग दी है और लॉन्ग टर्म में इसका टारगेट प्राइस 565 रुपये तय किया है। यह टारगेट मौजूदा 395.50 रुपये के भाव से 42.85% का संभावित रिटर्न दिखाता है। Citi के अनुसार, आधार हाउसिंग की एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (AUM) बीते 4-6 सालों में 16% के CAGR से बढ़ी है। ब्लैकस्टोन के अधिग्रहण के बाद कंपनी की गवर्नेंस, ग्रोथ और प्रॉफिटेबिलिटी में शानदार सुधार हुआ है।
विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी वित्त वर्ष 2024-27 के बीच 22% की सालाना वृद्धि दर से मुनाफा बढ़ा सकती है। RoA और RoE का आंकड़ा क्रमशः 4.5% और 16.5% तक पहुंचने का अनुमान है। साथ ही, क्रेडिट कॉस्ट 0.3-0.4% और ऑपरेटिंग एक्सपेंस <3.5% रहने की उम्मीद है।
आधार हाउसिंग ने उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में 3.6% की बाजार हिस्सेदारी के साथ मजबूत पकड़ बनाई है। राजस्थान सबसे तेज बढ़ता क्षेत्र है, जहां इसका मार्केट शेयर 4% से अधिक है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी कंपनी तेजी से विस्तार कर रही है।
कंपनी का 75% AUM रिटेल होम लोन से आता है, जिसमें से 57% हिस्सा सैलरीड सेगमेंट का है। EWS और LIG सेगमेंट में भी इसका खास फोकस है। कंपनी ने अक्टूबर 2021 में TCS के साथ पार्टनरशिप कर तकनीकी अपग्रेड किया, जिससे ऑपरेशनल एफिशिएंसी में काफी सुधार हुआ। लॉगिन से अप्रूवल रेट्स 75% और डिस्बर्सल रेट्स 47-48% तक बढ़े हैं।
Citi का मानना है कि आधार हाउसिंग कंपनी की आर्थिक स्थिति मजबूत है और आने वाले समय में यह तेजी से आगे बढ़ सकती है। प्रमोटरों की हिस्सेदारी घटने और अनौपचारिक लोन लेने वालों की संख्या बढ़ने से कंपनी के लिए कुछ जोखिम हो सकते हैं।
Citi ने आधार हाउसिंग के साथ ही आवास फाइनेंसर्स को भी अपनी पसंदीदा लिस्ट में शामिल किया है।
आधार हाउसिंग का शेयर निवेशकों के लिए आकर्षक साबित हो सकता है, खासकर जब Citi जैसी ब्रोकरेज इसका टारगेट प्राइस 565 रुपये बताती है। अब देखना यह होगा कि कंपनी आने वाले समय में इन अनुमानों पर कितनी खरा उतरती है।