facebookmetapixel
कम रिस्क में नियमित आमदनी? कैसे चुनें बेहतर फिक्स्ड इनकम म्युचुअल फंडIPO की राह पर अदाणी एयरपोर्ट्स, 2030 तक ₹1 लाख करोड़ निवेश का प्लानइंडसइंड बैंक की अकाउंटिंग गड़बड़ियों पर SFIO की सख्ती, बैंक अधिकारियों से हुई पूछताछ20% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ ICICI Pru AMC, ब्रोकरेज ने दिए ₹3,000 से ज्यादा के टारगेटहाइप टूटी, हकीकत सामने आई! 2025 के IPO बाजार की कड़वी सच्चाइयांICICI Prudential AMC की दमदार लिस्टिंग, निवेशकों को मिला 20% का लिस्टिंग गेनफूड डिलिवरी प्लेटफॉर्मों ने दिए 13.7 लाख रोजगार, 12.3% CAGR से बढ़ रहा सेक्टरमहत्त्वपूर्ण बिजली उपकरणों के घरेलू उत्पादन की तैयारीनया बीमा संशोधन विधेयक का होगा असर! ज्यादा कमीशन वाले एजेंटों का घटेगा भुगतानअगले माह चीनी के निर्यात पर फैसला

वायरस पर बाजार की प्रतिक्रिया जरूरत से ज्यादा, गिरावट में करें खरीदारी

Last Updated- December 11, 2022 | 11:12 PM IST

भारत समेत वैश्विक इक्विटी बाजारों में काफी बिकवाली नजर आई है क्योंंकि कोरोना वायरस के नए रूप ओमीक्रॉन ने प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में फिर से लॉकडाउन और सामान व लोगों की सीमित आवाजाही का डर पैदा किया है। लेकिन विश्लेषकों का मानना है कि बाजारों ने वायरस के इस रूप को लेकर जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया जताई और अगर यहां से और गिरावट आती है तो उसका इस्तेमाल मध्यम से लंबी अवधि के नजरिये से खरीदारी में करना चाहिए।
इन्वेस्को के विश्लेषकों ने 29 नवंबर के नोट में कहा है, यह जानने में हफ्तों लग जाएंगे कि वायरस का नया रूप बाजारों के लिए बड़ा खतरा है या नहीं। अगर मौजूदा टीके से इसके खिलाफ संरक्षण नहींं मिलता और यह ज्यादा फैलने वाला है तो भी हमें घबराना  नहीं चाहिए क्योंंकि दवा कंपनियों ने भरोसा जताया है कि इसके खिलाफ टीके को कारगर बनाने में वे सक्षम हैं, ऐसे में इसका मतलब यह नहीं है कि हम साल 2020 के अंधियारे मेंं जा रहे हैं।
वायरस के नए रूप को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पिछले शुक्रवार को वायरस का चिंताजनक रूप बताया था। इसके डर से दुनिया भर के शेयर बाजारों में बिकवाली हुई और सेंसेक्स व निफ्टी उस दिन 3-3 फीसदी टूट गए। सोमवार को हालांकि बेंचमार्क हरे निशान
में बंद हुआ।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक व मुख्य निवेश अधिकारी जी. चोकालिंगम ने कहा, बाजार ने काफी तेज प्रतिक्रिया जताई और वह भी काफी जल्दी। उन्होंने कहा, हालिया गिरावट ने उच्च मूल्यांकन को ठीक कर दिया है और भारतीय बाजारों को निवेशकों की मध्यम से लंबी अवधि की खरीद के लिए अपेक्षाकृत आकर्षक बना दिया है।
उन्होंने कहा, वैश्विक बाजारों ने वायरस के नए रूप से संबंधित अस्पताल में भर्ती की दर, मृत्यु दर और मौजूदा टीके के असर आदि के वैज्ञानिक आकलन का इंतजार किए बिना ही प्रतिक्रिया जता दी। यह संभव है कि वैश्विक इक्विटी बाजार इस हफ्ते स्थिर हो जाएं। हालिया गिरावट के चलते देसी इक्विटी बाजार का मूल्यांकन ठीक हो गया है। सेंसेक्स का पीई अब घटकर 26.7 रह गया है, जो हाल के उच्चस्तर 30 पर था। निफ्टी की ट्रेडिंग अभी वित्त वर्ष 22 की आय (अनुमान) के 23 गुने पर हो  रही है जबकि वित्त वर्ष 23 की आय अनुमान के 20 गुने पर।
पोर्टफोलियो की रणनीति के तौर पर इन्वेस्को का सुझाव है कि निवेशकों को मौजूदा आवंटन बनाए रखना चाहिए और बिकवाली में खरीदारी का मौका तलाशना चाहिए। हालांकि बाजार साल 2020 जितना शायद ही टूटेगा, लेकिन साइक्लिकल परिसंपत्तियों की मजबूती बताती है कि गिरावट की गुंजाइश है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक और निदेशक यू आर भट्ट ने कहा, नए स्ट्रेन को लेकर अभी काफी जानकारी उपलब्ध नहींं है। ऐसे में हमने सोमवार को भारतीय बाजारों में सुधार देखा। जैसी कि जानकारी मिली है नया ओमीक्रॉन दोधारी तलवार की तरह है। अगर यह डेल्टा से कम नुकसानदायक साबित होता है तो बाजार में तेज रिकवरी देखने को मिलेगी। उस स्थिति में गिरावट में खरीदारी की सलाह दी जा सकती है।

First Published - November 29, 2021 | 11:05 PM IST

संबंधित पोस्ट