अगले महीने अपना आईपीओ लाने की तैयारी कर रही कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) देश में प्रमुख सूचीबद्घ कंपनियों के क्रम में बदलाव लाने पर ध्यान दे रही है। सरकार इस आईपीओ का भाव क्या रखती है, इसके आधार पर यह शेयर पहले दिन भारत की सबसे मूल्यवान कंपनी में मददगार साबित हो सकता है और अपने बड़े आकार को देखते हुए वैश्विक सूचकांकों में पहचान बना सकता है। बाजार सूत्रों के अनुसार, एलआईसी के आईपीओ से 63,000 करोड़ रुपये से लेकर 75,000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है। इसका मतलब है कि बीमा दिग्गज कंपनी की वैल्यू 12.6 लाख करोड़ रुपये और 15 लाख करोड़ रुपये के बीच होगी।
यदि इस शेयर का भाव ऊपरी अनुमानों के नजदीक बंद हुआ तो बाजार पूंजीकरण रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के आसपास रहेगा, जो मौजूदा समय में देश में बेहद मूल्यवान कंपनी है। वहीं एलआईसी निचले स्तर के दायरे में अनुमानों के आधार पर आरआईएल और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) के बाद तीसरे पायदान पर रहेगी। एलआईसी ने 31.625 करोड़ शेयर, सरकार के 6.325 अरब इक्विटी शेयरों में से 5 प्रतिशत शेयर बेचने के लिए रविवार को बाजार नियामक सेबी के पास अपना डीआरएचपी सौंपा।
अक्सर बीमा कंपनी का बाजार पूंजीकरण उसकी अंतनिर्हित वैल्यू का मल्टीपल होता है, जो एक ऐसा मापक है जिससे हमें आगामी मुनाफे की मौजूदा वैल्यू का पता चलता है। सितंबर 2021 तक एलआईसी की अंतर्निहित वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये रही। मौजूदा समय में सूचीबद्घ निजी जीवन बीमा कंपनियों के लिए बाजार पूंजीकरण-एम्बेडेड वैल्यू मल्टीपल 3.2 गुना और 4.3 गुना के बीच है। स्मार्टकर्मा पर प्रकाशित रिपोर्टों से जुड़े विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास का कहना है, ‘2.6 गुना बाजार पूंजीकरण-एम्बेडेड वैल्यू पर, एलआईसी दूसरी सबसे बड़ी कंपनी होगी, जबकि पूरे बाजार पूंजीकरण के साथ सबसे बड़ी कंपनी बनने के लिए एलआईसी को इस वैल्यू के लिए बाजार पूंजीकरण 3 गुना पर लाने की जरूरत होगी।’
फ्रीटास का कहना है कि एलआईसी सितंबर तक एमएससीआई इंडिया और एफटीएसई ऑल-वल्र्ड सूचकांक जैसे वैश्विक मानकों की राह में शामिल हो सकती है। हालांकि बीमा दिग्गज को घरेलू बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी के लिहाज से इंतजार करना होगा। चूंकि सरकार सिर्फ 5 प्रतिशत हिस्सा घटा रही है, इसलिए एलआईसी का फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण अपेक्षाकृत कम रहेगा। फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण का इस्तेमाल सूचकांक गणना में किया जाता है और इनमें वे इक्विटी शेयर शामिल होते हैं जो पूरी तरह से कारोबार के लिए उपलब्ध होते हैं। प्रवर्तकों और लॉक-इन से जुड़े शेयर फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण का हिस्सा नहीं होते हैं।
फ्रीटास का कहना है कि एमएससीआई एंकर निवेशकों के लिए जारी शेयरों को अलग रखने और कर्मचारियों द्वारा खरीदे जाने वाले शेयरों के बाद एलआईसी के लिए 3.47 प्रतिशत के फ्लोट का इस्तेमाल करेगा। उनकी गणना के अनुसार, एमएससीआई इंडिया इंडेक्स में तेजी से शामिल किए जाने के लिए आईपीओ को पात्र बनाने के लिए पूरा बाजार पूंजीकरण करीब 4.95 अरब डॉलर और फ्री फ्लोट बाजार पूंजीकरण 2.47 अरब डॉलर पर है। एलआईसी इन दोनों सीमाओं को आसानी से पूरा करेगी। सेंसेक्स में प्रवेश के लिए कंपनी को फ्री-फ्लोट बाजार पूंजीकरण के संदर्भ में शीर्ष-10 में जगह बनाने की जरूरत होगी।
