विश्लेषकों का कहना है कि जियो फाइनैंशियल सर्विसेज और ब्लैकरॉक के संयुक्त उपक्रम से भारत के परिसंपत्ति प्रबंधन क्षेत्र में बदलाव आ सकता है, लेकिन उद्योग की मौजूदा प्रमुख कंपनियों के लिए यह नुकसानदायक साबित नहीं हो सकता है।
निवेश रणनीति के तौर पर विश्लेषकों ने निवेशकों को उन एएमसी के शेयरों से जुड़े रहने का सुझाव दिया है जिनमें लगातार व्यावसायिक सुधार दर्ज किया गया है और जिनका बाजार पूंजीकरण-प्रबंधन अधीन परिसंपत्ति (एयूएम) मूल्यांकन ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है। विश्लेषकों का कहना है कि मौजूदा कंपनियों की विकास संभावनाएं मध्यावधि-दीर्घावधि में कमजोर पड़ सकती है।
विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक एएमसी शेयरों में अपने निवेश से पहले प्रस्तावित सौदे पर हालात पूरी तरह स्पष्ट नहीं हो जाने तक अल्पावधि में इंतजार करो और देखो की रणनीति अपनाते रहेंगे।
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इक्विनॉमिक्स रिसर्च ऐंड एडवायजरी के संस्थापक एवं शोध प्रमुख जी चोकालिंगम ने कहा, ‘जियो फाइनैंशियल सर्विसेज के जरिये रिलायंस इंडस्ट्रीज परिसंपत्ति प्रबंधन बाजार में उसी तरह से बड़ा बदलाव ला सकती है जैसा कि उसने जियो प्लेटफॉर्म्स के साथ दूरसंचार बाजार में धूम मचाई। हालांकि अंतर इतना है कि इस बार संयुक्त उपक्रम को दम दिखाने की जरूरत होगी। ब्रांड नाम और संसाधनों से ही आपको बाजार भागीदारी बढ़ाने में मदद नहीं मिलेगी। बाजारों को संबंधित परिवेश को पूरी तरह समझने की जरूरत होगी।’
इस बीच, शेयर बाजारों पर, संबंधित कंपनियों के शेयरों का प्रदर्शन गुरुवार को मिश्रित रहा। जहां श्रीराम एएमसी और निप्पॉन लाइफ एएमसी 2 प्रतिशत तक चढ़े, वहीं यूटीआई एएमसी, आदित्य बिड़ला सनलाइफ एएमसी और एचडीएफसी एएमसी में बीएसई पर 0.7 से 1.45 प्रतिशत के बीच गिरावट दर्ज की गई। तुलनात्मक तौर पर, सेंसेक्स 0.66 प्रतिशत गिरकर 66,267 के स्तर पर आ गया।
विश्लेषकों का मानना है कि संयुक्त उपक्रम परिसंपत्ति प्रबंधन क्षेत्र में एक ऐतिहासिक सौदा है, क्योंकि फंड प्रबंधन दक्षता के संदर्भ में ब्लैकरॉक की संस्थागत पैठ और वितरण खंड में जियो की क्षमता से एएमसी क्षेत्र में बड़ा बदलाव आने की संभावना है।
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फिसडम में शोध प्रमुख नीरव करकेरा ने कहा, ‘संयुक्त उपक्रम को अपने मूल्य प्रस्ताव में विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए लंबा रास्ता तय करना होगा। ब्लैकरॉक के लंबे अनुभव को देखते हुए इसकी शुरुआती मजबूती के साथ हो सकती है। जियो ब्रांड के लिए भरोसा हासिल करने और वितरण तंत्र को सक्षम बनाने के संदर्भ में कई नई कंपनियों के मुकाबले स्पष्ट रूप से आगे रह सकती है। मौजूदा कंपनियों का दैनिक परिचालन तुरंत ज्यादा प्रभावित होने की आशंका नहीं है।’
फिलहाल, जियो ब्लैकरॉक ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वह किस परिसंपत्ति प्रबंधन व्यवसाय से शुरुआत करेगा, लेकिन कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषकों का मानना है कि यह संयुक्त उपक्रम पैसिव योजनाओं में प्रवेश कर सकता है।