भारत के बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने अमेरिका की हाई-फ्रीक्वेंसी ट्रेडिंग कंपनी जेन स्ट्रीट (Jane Street) पर भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर करने का गंभीर आरोप लगाते हुए उस पर ट्रेडिंग से रोक लगा दी है और उसके 567 मिलियन डॉलर (करीब ₹4,700 करोड़) जब्त कर लिए हैं। इसके जवाब में जेन स्ट्रीट ने अपनी टीम को एक ईमेल भेजा है, जिसमें कहा गया है कि वे इस प्रतिबंध को चुनौती देंगे और यह मामला “साधारण इंडेक्स आर्बिट्राज ट्रेडिंग” से जुड़ा है, जो बाजार में एक सामान्य प्रक्रिया होती है।
जेन स्ट्रीट ने इस मामले में अपनी नाराज़गी जताते हुए कहा है कि उन्हें सेबी के “बेहद भड़काऊ” आरोपों से गहरा धक्का लगा है और वे इस पर औपचारिक प्रतिक्रिया तैयार कर रहे हैं। हालांकि ईमेल में यह नहीं बताया गया कि वे कौन-सी कानूनी कार्रवाई करने जा रहे हैं। कंपनी ने यह भी कहा कि उनका आर्बिट्राज ट्रेडिंग तरीका बाजार की सामान्य प्रक्रिया है, जो अलग-अलग इंस्ट्रूमेंट्स की कीमतों को संतुलित करने का काम करता है। सेबी का यह कहना कि यह ट्रेडिंग “गड़बड़ी जैसा” है, बाज़ार में लिक्विडिटी प्रोवाइडर्स और आर्बिट्राजर्स की भूमिका को नज़रअंदाज़ करता है।
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सेबी का आरोप है कि जेन स्ट्रीट ने भारत के बैंक निफ्टी इंडेक्स के कुछ शेयरों को बड़ी मात्रा में खरीदा और उनके फ्यूचर्स में भी सौदे किए ताकि सुबह के समय इंडेक्स को ऊपर दिखाया जा सके। उसी समय कंपनी ने इंडेक्स ऑप्शन्स में शॉर्ट पोज़िशन बनाई, जो बाद में मुनाफे में बदली जब ऑप्शन एक्सपायर हो गए।
सेबी का कहना है कि उन्होंने कंपनी की ट्रेडिंग गतिविधियों को दो साल से ज्यादा समय तक ट्रैक किया है और अब दूसरी एक्सचेंजों और इंडेक्सेस की भी जांच शुरू कर दी गई है।
ईमेल में जेन स्ट्रीट ने यह भी लिखा है कि उन्होंने सेबी और एक्सचेंज अधिकारियों से कई बार बातचीत की और उनकी चिंताओं को समझकर अपने ट्रेडिंग पैटर्न में बदलाव भी किए। लेकिन फरवरी से अब तक उन्होंने सेबी से बार-बार संपर्क किया, पर कोई जवाब नहीं मिला।
कंपनी का यह भी कहना है कि सेबी का यह आरोप गलत है कि उन्होंने पूरी तरह जवाब नहीं दिया।
भारत का डेरिवेटिव्स मार्केट हाल के वर्षों में काफी तेज़ी से बढ़ा है, और मई में भारत की हिस्सेदारी दुनिया भर के डेरिवेटिव ट्रेडिंग में करीब 60% रही। लेकिन इसी के साथ छोटे निवेशकों को भारी नुकसान भी हुआ है। नए आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में खत्म हुए वित्त वर्ष में रिटेल ट्रेडर्स को 1.06 लाख करोड़ रुपये का घाटा हुआ। सेबी के चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने सोमवार को कहा कि रेग्युलेटर अब डेरिवेटिव्स में होने वाले किसी भी संभावित हेरफेर पर कड़ी नजर रखेगा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि जेन स्ट्रीट जैसा मामला बहुत ज्यादा नहीं होगा।
जेन स्ट्रीट के अलावा भारत में काम करने वाली दूसरी प्रमुख विदेशी ट्रेडिंग कंपनियों में सिटाडेल सिक्योरिटीज़ (Citadel Securities), आईएमसी ट्रेडिंग (IMC Trading), मिलेनियम और ऑप्टिवर (Optiver) शामिल हैं। सेबी अब इन पर भी नज़र रख सकता है।