टाटा संस की वित्तीय इकाई टाटा कैपिटल के निदेशक मंडल ने आज कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) और राइट्स इश्यू लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। दो साल के अंदर टाटा समूह की यह दूसरी कंपनी होगी जिसका आईपीओ आएगा। इससे पहले नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजी का आईपीओ आया था।
टाटा कैपिटल ने नियामकीय जानकारी में बताया कि आईपीओ में जारी होने वाले प्रति शेयर का अंकित मूल्य 10 रुपये होगा। आईपीओ में 23 करोड़ तक के नए शेयर होंगे, साथ ही मौजूदा शेयरों के शेयरों की बिक्री के लिए ऑफर फॉर सेल भी शामिल होगा। कंपनी ने कहा कि आईपीओ बाजार की स्थिति और नियामक की मंजूरी पर निर्भर करेगा।
हालांकि कंपनी ने आईपीओ के आकार का खुलासा नहीं किया है मगर बैंकिंग सूत्रों के अनुमान के अनुसार कंपनी आईपीओ से 1.5 अरब डॉलर तक जुटा सकती है। अनलिस्टेड जोन (गैर-सूचीबद्ध शेयरों की खरीद-बिक्री का प्लेटफॉर्म) के मुताबिक गैर-सूचीबद्ध बाजार में टाटा कैपिटल का शेयर 1,000 रुपये के भाव के आसपास कारोबार कर रहा है।
लोन बुक के लिहाज से गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र में टाटा कैपिटल 7वीं बड़ी एनबीएफसी है। मार्च 2024 को इसकी लोन बुक 1.57 लाख करोड़ रुपये की थी। 1 अप्रैल से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष में कई कारोबारी घराने बड़े आकार का आईपीओ लाने की योजना बना रहे हैं। रिलायंस इंडस्ट्रीज अपनी दूरसंचार इकाई जियो और अदाणी समूह अपने हवाई अड्डा कारोबार को सूचीबद्ध कराने की संभावना तलाश रहा है। कोरिया की कंपनी एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स भी आईपीओ के जरिये 1.5 अरब डॉलर जुटाने की योजना बना रही है।
टाटा कैपिटल के बोर्ड ने आईपीओ से पहले राइट्स इश्यू के जरिये 1,504 करोड़ रुपये जुटाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियम के अनुसार ऊपरी श्रेणी की सभी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को सितंबर तक सूचीबद्ध होना आवश्यक है। इसी के अनुपालन में टाटा कैपिटल को सूचीबद्ध कराने की तैयारी है। आरबीआई ने टाटा संस को भी ऊपरी श्रेणी के एनबीएफसी के रूप में चिह्नित किया था मगर इसने अपना पूरा बैंक ऋण चुका दिया है, साथ ही टाटा संस ने आरबीआई के पास इसे मुख्य निवेश कंपनी के रूप में वर्गीकृत करने के लिए आवेदन किया है। टाटा संस का आवेदन फिलहाल आरबीआई के पास लंबित है।
टाटा संस ने पिछले 5 साल में टाटा कैपिटल में 6,097 करोड़ रुपये लगाए हैं जिनमें से 2,500 करोड़ रुपये वित्त वर्ष 2019 में, वित्त वर्ष 2020 में 1,000 करोड़ रुपये, वित्त वर्ष 2023 में 594 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024 में 2,003 करोड़ रुपये शामिल हैं। एक बैंकर ने कहा कि इससे समूह के ऋण कारोबार पर ध्यान केंद्रित करने के इरादे का पता चलता है।
टाटा कैपिटल के साथ टाटा मोटर्स फाइनैंस का विलय करने के बाद टीएमएफ होल्डिंग्स के पास टाटा कैपिटल की 4.7 फीसदी हिस्सेदारी है। टाटा समूह की अन्य कंपनियों और आईएफसी के पास भी कंपनी के थोड़े शेयर हैं।
(साथ में मुंबई से समी मोडक)