facebookmetapixel
कृषि को लाभदायक बिजनेस बनाने के लिए ज्यादा ऑटोमेशन की आवश्यकताQ2 Results: टाटा स्टील के मुनाफे में 272% की उछाल, जानें स्पाइसजेट और अशोक लीलैंड समेत अन्य कंपनियों का कैसा रहा रिजल्टसेबी में बड़े बदलाव की तैयारी: हितों के टकराव और खुलासे के नियम होंगे कड़े, अधिकारियों को बतानी होगी संप​त्ति!Editorial: आरबीआई बॉन्ड यील्ड को लेकर सतर्कनिर्यातकों को मिली बड़ी राहत, कैबिनेट ने ₹45,060 करोड़ की दो योजनाओं को दी मंजूरीसीतारमण का आठवां बजट राजकोषीय अनुशासन से समझौता नहीं कर सकताटाटा मोटर्स की कमर्शियल व्हीकल कंपनी की बीएसई पर हुई लिस्टिंग, न्यू एनर्जी और इलेक्ट्रिफिकेशन पर फोकसग्लोबल एआई और सेमीकंडक्टर शेयरों में बुलबुले का खतरा, निवेशकों की नजर अब भारत परसेबी की चेतावनी का असर: डिजिटल गोल्ड बेचने वाले प्लेटफॉर्मों से निवेशकों की बड़ी निकासी, 3 गुना बढ़ी रिडेम्पशन रेटप्रदूषण से बचाव के लिए नए दिशानिर्देश, राज्यों में चेस्ट क्लीनिक स्थापित करने के निर्देश

Ola Electric IPO: इस हफ्ते खुलने वाला है 6146 करोड़ रुपये का IPO, जानें 10 जरूरी बातें

Ola Electric IPO: कंपनी के संस्थापक और सीईओ भवीश अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत के दौरान कहा कि यह आईपीओ कंपनी के लंबे सफर का महत्त्वपूर्ण पड़ाव होगा।

Last Updated- July 30, 2024 | 7:46 AM IST
Ola Electric share price
Representative Image

Ola Electric IPO: लंबे समय से जिस ईवी कंपनी के आईपीओ का इंतजार था, वह इस हफ्ते खुलने वाला है। इलेक्ट्रिक स्कूटर (E-Scooter) बनाने वाली कंपनी ओला इलेक्ट्रिक अपना 6145 करोड़ रुपये का आईपीओ 2 अगस्त को सब्सक्रिप्शन के लिए खोलने वाली है। यह कंपनी भारत के इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) बाजार में एक प्रमुख भूमिका निभाती है। वित्त वर्ष 2024 में ओला इलेक्ट्रिक ने भारत के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार में लगभग 35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की है और यह आईपीओ जारी करने वाली पहली ईवी स्टार्टअप कंपनी है।

कंपनी के संस्थापक और सीईओ भवीश अग्रवाल ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत के दौरान कहा कि यह आईपीओ कंपनी के लंबे सफर का महत्त्वपूर्ण पड़ाव होगा।

ब्रोकरेज फर्म मास्टर कैपिटल ने कहा, “जैसे-जैसे भारत अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ ग्रीन मोबिलिटी स्पेस में एक महत्वपूर्ण विकास हो सकता है। इस आईपीओ में 5,500 करोड़ रुपये के शेयरों का एक नया इश्यू शामिल है। वित्त वर्ष 2024 में ओला इलेक्ट्रिक ने भारत के इलेक्ट्रिक दोपहिया बाजार में 35 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल की, जो वित्त वर्ष 2023 में 21 प्रतिशत थी। वित्त वर्ष 2024 में ओला इलेक्ट्रिक ने 3.29 लाख इकाइयां बेचीं, जो पिछले वर्ष की तुलना में दोगुनी से अधिक है। यह आईपीओ न केवल ओला इलेक्ट्रिक की ग्रोथ और बाजार में उसकी अग्रणी स्थिति को दर्शाता है बल्कि ईवी क्षेत्र की संभावनाओं को भी उजागर करता है।”

जो निवेशक सब्सक्रिप्शन विंडो के खुलने का इंतजार कर रहे हैं, वह सॉफ्टबैंक समर्थित ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ के रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) से 10 प्रमुख बातों के बारे में यहां जान सकते हैं-

1. Ola Electric IPO की डिटेल्स
ओला इलेक्ट्रिक का आईपीओ 808,626,207 नए शेयरों का फ्रेश इश्यू है, जो कुल मिलाकर 6,145.56 करोड़ रुपये तक है। इसके साथ ही 84,941,997 शेयरों की बिक्री पेशकश भी शामिल है, जिसकी कुल कीमत 645.56 करोड़ रुपये है। आरएचपी दस्तावेज़ों के मुताबिक, कंपनी के प्रमोटर भाविश अग्रवाल 37,915,211 इक्विटी शेयर ऑफलोड कर रहे हैं, जिनका फेस वैल्यू 10 रुपये प्रति शेयर है। एक अन्य प्रमोटर Indus Trust 4,178,996 इक्विटी शेयरों का ऑफलोड कर रहा है, जिनका फेस वैल्यू 10 रुपये प्रति शेयर है। आईपीओ जल्द ही निवेशकों के लिए उपलब्ध होगा।

2. ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ से जुड़ी जरूरी तारीख
ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ की तीन दिवसीय सब्सक्रिप्शन विंडो 2 अगस्त, शुक्रवार को खुलेगी और मंगलवार, 6 अगस्त 2024 को बंद हो जाएगी। आईपीओ अलॉटमेंट बुधवार, 7 अगस्त 2024 को होगा। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर गुरुवार, 8 अगस्त 2024 को डीमैट खातों में जमा होंगे। ओला इलेक्ट्रिक के शेयर शुक्रवार, 9 अगस्त 2024 को बीएसई और एनएसई एक्सचेंजों पर लिस्ट होंगे।

3. ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ एंकर बुक
आरएचपी पेपर के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक के आईपीओ के लिए रजिस्ट्रार लिंक इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड है। बुक-रनिंग लीड मैनेजर्स में बौफा सिक्योरिटीज इंडिया, गोल्डमैन सैक्स (इंडिया) सिक्योरिटीज प्राइवेट लिमिटेड, कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी, एक्सिस कैपिटल, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स, सिटीग्रुप ग्लोबल मार्केट्स इंडिया, बॉब कैपिटल मार्केट्स, और आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज शामिल हैं।

4. ओला इलेक्ट्रिक आईपीओ उद्देश्य
ओला इलेक्ट्रिक अपने आईपीओ से प्राप्त शुद्ध आय का उपयोग कई प्रमुख उद्देश्यों के लिए करेगी। आरएचपी पेपर के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक की सहायक कंपनी, ओला सेल टेक्नोलॉजीज (OCT), के प्रोजेक्ट के लिए पूंजीगत व्यय में 12,27.64 करोड़ रुपये का उपयोग किया जाएगा। लगभग 8,00 करोड़ रुपये ओला इलेक्ट्रिक की दूसरी सहायक कंपनी, ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज (OET), द्वारा लिए गए कर्ज की पूर्ण या आंशिक पुनर्भुगतान या पूर्व भुगतान के लिए प्रयोग होंगे। शेष आय में से 16,00 करोड़ रुपये रिसर्च और प्रॉडक्ट डेवलपमेंट में निवेश किए जाएंगे।

इसके अलावा, कंपनी 3,50 करोड़ रुपये ऑर्गेनिक ग्रोथ पहलों पर खर्च करेगी, और शेष आय सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए उपयोग की जाएगी।

यह भी पढ़ें: Senores Pharma का जल्द आएगा IPO, सेबी के पास दाखिल किए दस्तावेज

5. ओला इलेक्ट्रिक का बिजनेस मॉडल
आरएचपी दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी का बिजनेस मॉडल तीन प्रमुख स्केलेबल प्लेटफार्मों पर आधारित है:

– आरएंडडी और प्रौद्योगिकी प्लेटफॉर्म जिसमें इन-हाउस डिज़ाइन और विकास शामिल है, जो ईवी तकनीकों और घटकों के विकास में विशेषज्ञता रखता है।
– एक अनुकूलनीय निर्माण और आपूर्ति श्रृंखला प्लेटफॉर्म।
– एक डी2सी (डायरेक्ट टू कस्टमर) ओमनीचैनल वितरण प्लेटफॉर्म।

कंपनी का मॉडल आरएंडडी और प्रौद्योगिकी, निर्माण, आपूर्ति श्रृंखला, बिक्री और सेवा, और चार्जिंग सुविधाओं में वर्टिकली इंटीग्रेटेड है।

6. भारतीय ईवी बाजार और ओला इलेक्ट्रिक
भारत इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में एक प्रमुख शक्ति के रूप में उभर रहा है। यह वैश्विक स्तर पर दूसरा सबसे बड़ा टू व्हीलर मार्केट और घरेलू बिक्री के मामले में तीसरा सबसे बड़ा 4-व्हीलर मार्केट है। आरएचपी पेपर में दिए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत से दोपहिया निर्यात के लिए कुल संभावित बाजार 7.20 लाख करोड़ रुपये से 8.00 लाख करोड़ रुपये के बीच है। वित्त वर्ष 2024 में भारत में कुल दोपहिया पंजीकरण में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों (ई2डब्ल्यू) की हिस्सेदारी तेजी से बढ़कर लगभग 5.4 प्रतिशत हो गई है। वित्त वर्ष 2028 तक, ई2डब्ल्यू का घरेलू दोपहिया बिक्री मात्रा में 41-56 प्रतिशत तक का योगदान होने का अनुमान है। इसके अलावा, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका (LATAM) और दक्षिण पूर्व एशिया (SE Asia) जैसे बाजार भारतीय ई2डब्ल्यू ओईएम के लिए निर्यात के अवसर प्रदान करते हैं, जिससे उनका कुल संभावित बाजार (TAM) और बढ़ जाता है।

7. ओला इलेक्ट्रिक के वित्तीय विवरण
आरएचपी दस्तावेज के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2023-24 में ओला इलेक्ट्रिक का रेवेन्यू 5009.83 करोड़ रुपये हो गया, जो कि वित्त वर्ष 23 में रिपोर्ट किए गए 2690.92 करोड़ रुपये से लगभग दोगुना है। कंपनी का EBITDA वित्त वर्ष 24 में घटकर 1040.19 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 23 में रिपोर्ट किए गए 1197.09 करोड़ रुपये था। इस बीच, कंपनी का नुकसान वित्त वर्ष 24 में बढ़कर 1584.44 करोड़ रुपये हो गया, जो वित्त वर्ष 23 में रिपोर्ट किए गए 1472.07 करोड़ रुपये था।

8. ओला इलेक्ट्रिक की सहायक कंपनियां
यहां ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड की सहायक कंपनियों की सूची दी गई है, जैसा कि कंपनी ने आरएचपी पेपर्स में खुलासा किया है:

  • ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड – सहायक कंपनी
  • ओला इलेक्ट्रिक चार्जिंग प्राइवेट लिमिटेड – सहायक कंपनी
  • ओला सेल टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड – सहायक कंपनी
  • ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी इंक. यूएसए – सहायक कंपनी
  • ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी बी.वी., नीदरलैंड्स – सहायक कंपनी
  • एटरगो बी.वी., नीदरलैंड्स – सहायक की सहायक कंपनी
  • ओला इलेक्ट्रिक यूके प्राइवेट लिमिटेड – सहायक की सहायक कंपनी
  • ओला इलेक्ट्रिक टेक्नोलॉजीज बी.वी., नीदरलैंड्स – सहायक की सहायक कंपनी
  • एटरगो ऑपरेशंस बी.वी., नीदरलैंड्स – सहायक की सहायक कंपनी
  • ईआईए ट्रेडिंग (शंघाई) कंपनी लिमिटेड, चीन – सहायक की सहायक कंपनी

9. पीएलआई योजनाओं के लिए एलिजिबिलिटी
भारत सरकार ने 2020 में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (PLI) योजनाएं शुरू की थीं ताकि घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दिया जा सके, आयात बिलों को कम किया जा सके, निर्यात को प्रोत्साहित किया जा सके और रोजगार सृजित किए जा सकें। ओला इलेक्ट्रिक ने आरएचपी दस्तावेजों में खुलासा किया है कि कंपनी को भारत की पीएलआई योजनाओं के लिए मंजूरी मिली है – एक एडवांस ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी प्रोडक्ट के निर्माण से संबंधित (ऑटोमोबाइल पीएलआई योजना) और दूसरी एडवांस सेल केमिस्ट्री बैटरियों से संबंधित (सेल पीएलआई योजना)। रेडसीर रिपोर्ट के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक भारत में एकमात्र ईवी निर्माता है जो दो पीएलआई योजनाओं का लाभार्थी है।

10. जोखिम और खतरे
भारत का ऑटोमोबाइल बाजार, जिसमें ओला इलेक्ट्रिक काम करती है, कई खतरों का सामना कर सकता है जो उनकी बढ़त और स्थिरता को प्रभावित कर सकते हैं। कंपनी ने अपने आरएचपी दस्तावेज़ों में बताया है कि आर्थिक मंदी, मंदी और बढ़ती महंगाई से लोगों की खरीदने की क्षमता कम हो सकती है, जिससे बिक्री और मुनाफा कम हो सकता है, क्योंकि लोग गैर-जरूरी चीजें खरीदना छोड़ देंगे। इसके अलावा, भू-राजनीतिक तनाव आपूर्ति श्रृंखला और लागत को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे सामान की कमी और लागत बढ़ सकती है।

कंपनी ने आरएचपी में संभावित जोखिमों पर जोर देते हुए कहा है कि सरकारी नीतियों में बदलाव, जैसे टैक्सेशन, सब्सिडी, एफडीआई नियम, ईवी बैटरी डिस्पोजल, और लेबर लॉ में बदलाव, रेगुलेटरी चुनौतियां पैदा कर सकते हैं। बढ़ती कॉम्पिटिशन, जो बड़े इन्वेस्टमेंट और टेक्नोलॉजिकल प्रगति से प्रेरित है, एक और महत्वपूर्ण जोखिम है। ओला इलेक्ट्रिक ने आरएचपी में कहा, “ऑटोमोटिव बाजार में विभिन्न बिजनेस मॉडल्स की उपस्थिति से कॉम्पिटिटिव एडवांटेज मिल सकते हैं, जिससे ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड और/या अन्य की बाजार स्थिति कमजोर हो सकती है।”

 

First Published - July 30, 2024 | 7:45 AM IST

संबंधित पोस्ट