दक्षिण कोरिया की एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स ने अपने भारतीय कारोबार के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) की योजना को कुछ वक्त के लिए टाल दिया है। मामले के जानकार सूत्र ने आज बताया कि कंपनी ने बाजार में उतार-चढ़ाव के कारण यह फैसला लिया है और अब उसकी योजना वित्त वर्ष 2026 की दूसरी या तीसरी तिमाही में सूचीबद्ध होने की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के शुल्क लगाने और फिर रोकने के कारण कारोबार में अनिश्चितता बढ़ गई है और दुनिया भर के बाजारों में गिरावट का दौर शुरू हो गया जिससे भारत का बेंचमार्क सूचकांक निफ्टी 50 भी सितंबर 2024 के अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से करीब 8 फीसदी लुढ़क गया था।
एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने आईपीओ के लिए दिसंबर में आवेदन किया था और उसका लक्ष्य मई तक बाजार में सूचीबद्ध होने का था ताकि देश में कंज्यूमर ड्युरेबल्स की बढ़ती मांग को भुनाया जा सके। बातचीत गोपनीय होने के कारण नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर एक सूत्र ने कहा कि समयसीमा बढ़ा दी गई है।
सूत्र ने कहा, ‘समयसीमा को अब बदला जा रहा है। अब वित्त वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही में आईपीओ का लक्ष्य है मगर इसे तीसरी तिमाही तक भी टाला जा सकता है।’ उन्होंने कहा, ‘ट्रंप और शुल्कों के कारण बाजार धारणा में बदलाव से समयसीमा बदली गई है।’ उन्होंने कहा कि आईपीओ के लिए रोडशो और निवेशकों के साथ बातचीत जारी रहेगी।
एलजी ने बयान में कहा है कि भारत में आईपीओ के लिए प्रक्रिया जारी है और सूचीबद्ध होने पर अंतिम निर्णय बाजार की स्थिति और अन्य कारकों पर निर्भर करेगा। कंपनी ने कहा, ‘फिलहाल कोई स्पष्ट योजना नहीं है। हम करीब से बाजार पर नजर रखे हुए हैं और सही समय पर फैसला लेंगे, जिससे कंपनी का उचित मूल्यांकन हो सके।’
आईपीओ पर काम रोकने की सबसे पहले खबर देने वाली ब्लूमबर्ग न्यूज ने कहा कि कंपनी के भारतीय कारोबार का मूल्यांकन अब घटकर 10.5 अरब डॉलर से 11.5 अरब डॉलर के बीच रह सकता है, जबकि पहले अनुमान 15 अरब डॉलर तक का था।
उल्लेखनीय है कि इस हफ्ते भारतीय ई-स्कूटर विनिर्माता एथर एनर्जी ने अपने आईपीओ में नए शेयरों की बिक्री के आकार में 15 फीसदी की कमी कर दी थी जिससे उसके लक्षित मूल्यांकन में 44 फीसदी की कमी आई।
कंसल्टेंसी फर्म रेडसियर के मुताबिक एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में रेफ्रिजरेटर और वाशिंग मशीन जैसे उपकरण बेचती है और घरेलू बाजार में व्हर्लपूल और सैमसंग से प्रतिस्पर्धा करती है और इस बाजार के साल 2029 तक सालाना 12 फीसदी की दर से बढ़ने की उम्मीद है।