HDB Financial Services IPO: एचडीएफसी बैंक की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज को आईपीओ लाने के लिए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिल गई है। एचडीबी का आईपीओ सबसे बड़ा एनबीएफसी आईपीओ होगा और घरेलू बाजारों में आने वाला कुल मिलाकर यह पांचवां सबसे बड़ा आईपीओ होगा।
कंपनी ने अपने आईपीओ के लिए अक्टूबर 2024 में बाजार नियामक के साथ एक ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) जमा कराया था, जिसमें एचडीएफसी बैंक द्वारा 10,000 करोड़ रुपये की बिक्री पेशकश (ओएफएस) और 2,500 करोड़ रुपये का फ्रेश इश्यू शामिल था।
एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज में एचडीएफसी बैंक की 94.36 फीसदी हिस्सेदारी है। आईपीओ पूरा हो जाने के बाद एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज आगे भी एचडीएफसी बैंक की सहायक इकाई बनी रहेगी।
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एनबीएफसी के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के दिशानिर्देशों के अनुसार ऋणदाता को 30 सितंबर, 2025 तक शेयर बाजार में सूचीबद्ध होना आवश्यक है। एक अन्य एनबीएफसी टाटा कैपिटल सेबी की मंजूरी के अधीन है और उसके जल्द ही अपने 15,000 करोड़ रुपये के आईपीओ के साथ पूंजी बाजार में आने की उम्मीद है। अप्रैल में, टाटा कैपिटल ने गोपनीय प्री-फाइलिंग मार्ग के तहत आईपीओ के लिए सेबी के साथ दस्तावेज सौंपे। टाटा कैपिटल में टाटा संस की 93 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
एचडीबी फाइनैंशियल सर्विसेज ने आईपीओ से प्राप्त होने वाली रकम का इस्तेमाल अपना टियर-1 पूंजी आधार बढ़ाने और आगामी पूंजी जरूरतें पूरी करने के लिए करने की योजना बनाई है।