म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं में निवेश फरवरी में उछलकर 26,860 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह मार्च 2022 के बाद का सर्वोच्च स्तर है। मासिक आधार पर निवेश में 23 फीसदी की बढ़ोतरी नई फंड पेशकश (एनएफओ) में मजबूत संग्रह के कारण हुई। फरवरी में म्युचुअल फंडों ने 20 योजनाएं पेश कीं और 11,470 करोड़ रुपये जुटाए। एसबीआई म्युचुअल फंड के एनर्जी ऑपच्युनिटीज फंड ने अकेले ही 6,700 करोड़ रुपये इकट्ठे किए। सकल आधार पर म्युचुअल फंडों की इक्विटी योजनाओं में निवेश लगातार तीसरी बार 50,000 करोड़ रुपय के पार निकला है।
कोटक महिंद्रा एएमसी के राष्ट्रीय प्रमुख (बिक्री, विपणन व डिजिटल कारोबार) मनीष मेहता ने कहा, ‘फरवरी में शुद्ध बिक्री के आंकड़े उम्मीद के मुताबिक ही रहे हैं, जिसमें बाजार की तेजी, एसआईपी से मजबूत निवेश और बड़े एनएफओ की लिस्टिंग का योगदान रहा। गिरावट वाले बाजार में यूनिट जोड़ने से पोर्टफोलियो के कुल रिटर्न में इजाफा करने में मदद मिल रही है। पहली बार के निवेशक म्युचुअल फंड में निवेश करने के लिए एसआईपी का इस्तेमाल बरकरार रखे हुए हैं’।
उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया के आंकड़ों के अनुसार एसआईपी के जरिये निवेश 19,186 करोड़ रुपये की नई ऊंचाई पर पहुंच गया, जो पहले के मुकाबले करीब 2 फीसदी ज्यादा है।
एम्फी के मुख्य कार्याधिकारी वेंकट चलसानी ने कहा कि एसआईपी के खातों की संख्या बढ़ी है और पिछले महीने 49 लाख नए एसआईपी पंजीकरण के बाद कुल खातों की संख्या 8.2 करोड़ हो गई। इससे अनुशासित तरीके से परिसंपत्ति जुटाने की निवेशकों की प्रतिबद्धता का पता चलता है। उद्योगका शुद्ध एयूएम 54.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।
फरवरी में इक्विटी बाजार में काफी उतारचढ़ाव होता रहा क्योंकि मूल्यांकन की चिंता ने निवेशकों को स्मॉलकैप व पीएसयू शेयरों में मुनाफावसूली के लिए प्रोत्साहित किया। निफ्टी स्मॉलकैप 100 और निफ्टी मिडकैप 100 ने तीन महीने बाद अपना पहला मासिक नुकसान दर्ज किया जबकि बेंचमार्क सेंसेक्स और निफ्टी एक फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज करने में कामयाब रहे।
अतिरिक्त खुलासे और निवेशकों की सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्था पर नियामक के कदमों के कारण स्मॉलकैप फंड फरवरी के आखिरी हफ्ते में खबरों में थे और इनके शुद्ध निवेश में नरमी दर्ज की गई। स्मॉलकैप योजनाओं में शुद्ध रूप से 2,900 करोड़ रुपये का निवेश आया, जो जनवरी में मिले निवेश से 10 फीसदी कम है।
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के विश्लेषक मेलविन सेंटारिटा ने कहा कि स्मॉलकैप श्रेणी में सकल खरीद महीने में मजबूत बनी रही। इस श्रेणी से निवेश निकासी का आंकड़ा इक्विटी श्रेणियों में तीसरा सबसे बड़ा रहा। निकासी की वजह इस श्रेणी के मजबूत प्रदर्शन के कारण निवेशकों का मुनाफावसूली करना रहा।
स्मॉलकैप श्रेणी की तरह मिडकैप श्रेणी ने भी शुद्ध निवेश में कमी (जनवरी 2024 के मुकाबले 12 फीसदी कम) दर्ज की। इस श्रेणी ने 1,808 करोड़ रुपये जुटाए। स्मॉलकैप योजनाओं में निवेश हालांकि नरम हुआ, लेकिन दो सुरक्षित इक्विटी फंड श्रेणियों लार्जकैप व फ्लैक्सीकैप ने 17 महीने में सबसे बेहतर निवेश 3,840 करोड़ रुपये हासिल किया।
कुल मिलाकर म्युचुअल फंडों ने फरवरी में 1.2 लाख करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हासिल किया। इसका बड़ा हिस्सा डेट योजनाओं में गया। दोनों श्रेणियों को शुद्ध रूप से 63,800 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश मिला, जिसे लिक्विड फंडों में 83,600 करोड़ रुपये के शुद्ध निवेश से सहारा मिला। ज्यादातर अन्य योजनाओं ने शुद्ध निकासी दर्ज की। दो अन्य प्रमुख श्रेणियों हाइब्रिड और पैसिव योजनाओं ने शुद्ध रूप से क्रमश: 18,100 करोड़ रुपये व 9,760 करोड़ रुपये हासिल किए।