facebookmetapixel
IMF ने रुपये की विनिमय दर व्यवस्था को फिर से ‘फ्लोटिंग’ कैटेगरी में रखारेयर अर्थ मैग्नेट के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा: सरकार ने ₹7,280 करोड़ की योजना को मंजूरी दीरिजर्व बैंक का महंगाई दर का पूर्वानुमान ‘निष्पक्ष’: डिप्टी गवर्नर पूनम गुप्ताGold Price: दो हफ्ते के हाई पर सोना, ट्रेडरों को दिसंबर में अमेरिका में ब्याज दर कटौती की 83% संभावनाअदाणी एंटरप्राइजेज के राइट्स एंटाइटेलमेंट में जोरदार ट्रेडिंग, 373 से 600 रुपये के दायरे में हुआ कारोबारइन्फोसिस बायबैक में धूम: 18,000 करोड़ की पेशकश पर शेयरधारकों ने सौंपे 8 गुना ज्यादा शेयरहाई वैल्यूएशन का असर: स्मॉलकैप फंड्स ने स्मॉलकैप शेयरों में घटाया निवेश, मिड और लार्जकैप की ओर बढ़ा रुझानEditorial: दिसंबर में ब्याज दर कटौती की उम्मीदें बढ़ींटेस्ला और ओपनएआई विवाद: भारत के लिए गवर्नेंस के दो बड़े सबकIPO बाजार से कौन डरता है? नीति-निर्माताओं को सिर्फ खुलासों की चिंता होनी चाहिए

इन्फोसिस बायबैक में धूम: 18,000 करोड़ की पेशकश पर शेयरधारकों ने सौंपे 8 गुना ज्यादा शेयर

बायबैक शर्तों के तहत छोटे शेयरधारक रिकॉर्ड तिथि पर अपने प्रत्येक 11 इक्विटी शेयरों पर 2 इक्विटी शेयर के हकदार होंगे

Last Updated- November 26, 2025 | 10:00 PM IST
Infosys share buyback

इन्फोसिस के शेयरधारकों ने पुनर्खरीद कार्यक्रम में इसके आकार से 8 गुना ज्यादा शेयर कंपनी को सौंपे। बीएसई की ओर से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 18,000 करोड़ रुपये की पुनर्खरीद में निवेशकों ने 82.6 करोड़ शेयर सौंपे जबकि कंपनी ने 10 करोड़ शेयरों की पेशकश की थी।

पांच दिन का पुनर्खरीद कार्यक्रम बुधवार को समा​प्त हो गया। नवीनतम बायबैक कार्यक्रम के तहत आईटी दिग्गज कंपनी इन्फोसिस 10 करोड़ शेयरों (चुकता पूंजी के 2.41 फीसदी ) की 1,800 रुपये प्रति शेयर की दर से पुनर्खरीद कर रही है। इन्फोसिस के शेयर 1.8 फीसदी की बढ़त के साथ 1,558 रुपये पर बंद हुए।

बायबैक शर्तों के तहत छोटे शेयरधारक रिकॉर्ड तिथि पर अपने प्रत्येक 11 इक्विटी शेयरों पर 2 इक्विटी शेयर के हकदार होंगे। सामान्य श्रेणी के अन्य सभी पात्र शेयरधारकों के लिए यह अधिकार उनके प्रत्येक 706 इक्विटी शेयरों पर 17 इक्विटी शेयरों का होगा।

हालांकि, स्वीकार्यता अनुपात अलग हो सकता है क्योंकि धनाढ्य निवेशक कर संबंधी कारणों से इससे बाहर रह सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि कम कर स्लैब वाले लोगों के लिए यह बायबैक बड़ा आकर्षण था।

नारायण मूर्ति और चेयरमैन नंदन नीलेकणि समेत आईटी क्षेत्र की इस दिग्गज कंपनी के प्रवर्तकों ने पहले कहा था कि वे बायबैक प्रक्रिया में अपने शेयर नहीं बेचेंगे। प्रवर्तक समूह के पास सामूहिक रूप से कंपनी की 13.05 फीसदी हिस्सेदारी है।

शेयरधारकों द्वारा प्राप्त बायबैक राशि को लाभांश माना जाएगा और उस पर स्लैब दरों के आधार पर कर लगाया जाएगा। कंपनी द्वारा वापस खरीदे गए शेयरों की लागत को पूंजीगत हानि माना जाएगा, जिसकी भरपाई किसी अन्य पूंजीगत लाभ से की जा सकती है।

अगर चालू वर्ष में हानि की भरपाई के लिए पर्याप्त पूंजीगत लाभ नहीं है तो इसे आगे बढ़ाया जा सकता है तथा आगामी वर्षों में पूंजीगत लाभ के बदले इससे भरपाई की जा सकती है और यह अधिकतम आठ वर्षों तक हो सकता है।

First Published - November 26, 2025 | 9:58 PM IST

संबंधित पोस्ट