यदि आइडिया सेल्यूलर को स्पाइस कम्युनिकेशन को खरीदने के लिए ज्यादा भुगतान किया हो, लेकिन उसे कंपनी के लिए यह कोई नई बात नहीं है क्योंकि आइडिया ने भी अपनी 14.9 फीसदी हिस्सेदारी आइडिया को बेची थी।
77 रुपये प्रति शेयर की कीमत पर आइडिया ने घाटा सहने वाली कंपनी स्पाइस का अधिग्रहण उसकी इंटरप्राइस वैल्यू या इबिडटा से 20 गुना के मूल्य पर किया। जबकि अगर टीएमआईएल की बात की जाए तो उसने आइडिया को 157 रुपये प्रति शेयर का भुगतान करने का इरादा किया है।
टीएमआईएल आइडिया को भविष्य की इबिडटा से 15 गुना की कीमत पर भुगतान कर रही है। मौजूदा बाजार मूल्य पर देश की सबसे बड़ी कंपनी भारती एयरटेल का कारोबार इबिडटा से 10 गुना के स्तर पर हो रहा है। बुधवार को बाजार केबंद होने के मूल्य 102 रुपये पर आइडिया का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 में अनुमानित इबिडटा के 10.6 गुना के स्तर पर हो रहा है। ऐसा इसलिए संभव हो पाया कि बाजार बंद होने के समय आइडिया को स्पाइस की खरीददारी का फायदा मिला।
कंपनी के लिए सबसे बढ़िया बात यह रही कि इस खरीद के बाद भी कंपनी के पास काफी कैस बचा हुआ है जिससे वह अपने नेटवर्क को संपूर्ण भारत में फैलानें में लगा सकती है। कंपनी का अभी भारत के 22 सर्किल में से 13 सर्किल में उपस्थिति है। भले ही आइडिया को स्पाइस खरीदने के लिए 2,700 करोड़ का भुगतान करना पड़ा हो लेकिन आईडिया को भी अपनी हिस्सेदारी टेलकॉम मलेशिया को बेचने से 7,200 करोड़ रुपये मिलेंगे। कंपनी के पास फिर भी 4,500 करोड़ की शेष पूंजी होगी।
आइडिया की बैलेंस सीट में लगभग 7,000 करोड क़ा कर्जा है जिसे कंपनी अपनी एक अनुषंगी कंपनी में 20 फीसदी की हिस्सेदारी को करीब 2,400 करोड़ में बेचकर पूरा करेगी। इसके बाद कंपनी पूरी तरह से कर्ज मुक्त हो जाएगी। कंपनी द्वारा आइडिया के अधिग्रहण के बाद कंपनी की उपस्थिति पंजाब और कर्नाटक के सर्किल में हो जाएगी जिसका यह मतलब निकलता है कि कंपनी के पास 45 लाख नए सब्सक्राइबर को जोड़ने का मौका होगा और कंपनी की बाजार हिस्सेदारी लगभग 11 फीसदी के स्तर तक पहुंच जाएगी।
कंपनी को स्पाइस के 900 मेगाहर्टज के स्पेक्ट्रम का भी फायदा मिलेगा। इस टेलीकाम कंपनी का आगे चार और सर्किलों में अपना दायरा बढ़ाने का विचार है जिसमें तमिलनाडु और मुंबई शामिल हैं। हालांकि कंपनी ने सितंबर से नवंबर 2006 के बीच जिन सर्किलों से अपनी सेवाओं की लॉचिंग की थी, वहां अभी कंपनी को लगातार नुकसान हो रहा है।
लेकिन टेलीकाम कंपनियों के बीच जारी गलाकाट प्रतियोगिता के बीच जहां कंपनियों का लाभ लगातार घट रहा है,ऐसे में आइडिया के लिए बाजार में टिके रहना खासा मुश्किल होगा। कंपनी का इस समय प्रति व्यक्ति राजस्व भारती एयरटेल के प्रति व्यक्ति राजस्व से करीब 20 फीसदी के डिस्काउंट पर है यद्यपि यह वित्तीय वर्ष 2008 की मार्च तिमाही में बढ़कर 287 रुपये पर पहुंच गया।
ओएनजीसी-पड़ती मार
कच्चे तेल की कीमतें लगातार बढ़ सकती हैं लेकिन ओएनजीसी ने वित्त्तीय वर्ष 2008 की मार्च तिमाही में 64 फीसदी का बढ़त हासिल की है। कंपनी की कुल बिक्री 26 फीसदी ज्यादा रहकर 15,626 करोड़ रुपये रही जबकि ओएनजीसी का उत्पादन पहले की तुलना में कुछ कम 64.4 लाख टन रहा।
हालांकि ओएनजीसी द्वारा ऑयल मार्केटिंग कंपनियों को दी जाने वाली सब्सिडी 82 फीसदी पर पहुंच गई है जो कि ऑटो फ्यूल कम कीमतों पर बेचती हैं। इसके बजाय इस तेल कंपनी का ऑपरेटिंग प्रॉफिट 1.4 फीसदी बढ़कर 37 फीसदी पर पहुंच गया।
इसके लिए कंपनी की कुल बिक्री पर लगाए जाने वाले शुल्क और लागत पर नियंत्रण रखने के लिए उठाए गए कदमों का योगदान रहा। वित्त्तीय वर्ष 2008 में जब कच्चे तेल का उत्पादन सपाट रहा तब कंपनी के राजस्व में महज छ: फीसदी का इजाफा देखा गया और 59,849 करोड़ रुपये रहा। ऊंची सब्सिडी का मतलब है कि ऑपरेटिंग प्रॉफिट मार्जिन में कम वृध्दि। हालांकि ये आंकड़े पिछले वित्त्तीय वर्ष की तुलना में बेहतर रहे।
कंपनी की टॉपलाइन ग्रोथ 17.7 फीसदी की बढ़त के साथ 96,782 करोड़ रुपये रही जबकि कंपनी का टॉपलाइन कुल लाभ 14 फीसदी बढ़कर 20,221 करोड़ रुपये पहुंच गया। कंपनी की अनुषंगी कंपनी एमआरपीएल को दी गई सब्सिडी वैश्विक तेल की कीमतों के प्रभाव को नियंत्रित करने के लिए है।
एमआरपीएल पर वित्तीय वर्ष 2009 में करीब 39,000 करोड़ की सब्सिडी का बोझ है। मौजूदा बाजार मूल्य 864 रुपये पर कंपनी के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 की अनुमानित आय से सात गुना के स्तर पर हो रहा है। कंपनी रिलायंस इंड्रस्टीज के स्टॉक का कारोबार वित्त्तीय वर्ष 2009 की अनुमानित आय से 19 गुना के स्तर पर हो रहा है।