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म्युचुअल फंड कारोबार में उतरा हिंदुजा, JV के लिए अमेरिका की इन्वेस्को संग किया करार

Invesco Mutual Fund भारत में 17वीं सबसे बड़ी फंड कंपनी है, जिसकी औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) मार्च तिमाही में करीब 74,300 करोड़ रुपये रही।

Last Updated- April 09, 2024 | 9:38 PM IST
म्युचुअल फंड कारोबार में उतरा हिंदुजा,Hinduja Group forays into mutual fund space with Invesco acquisition

हिंदुजा समूह की इंडसइंड इंटरनैशनल होल्डिंग्स (आईआईएचएल) ने मंगलवार को परिसंपत्ति प्रबंधन कारोबार में उतरने की घोषणा की, जिसके लिए कंपनी ने अमेरिका के इन्वेस्को की देसी इकाई इन्वेस्को ऐसेट मैनेजमेंट इंडिया की 60 फीसदी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है।

इन्वेस्को म्युचुअल फंड भारत में 17वीं सबसे बड़ी फंड कंपनी है, जिसकी औसत प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (एयूएम) मार्च तिमाही में करीब 74,300 करोड़ रुपये रही। इन्वेस्को के मुताबिक, भारतीय इकाई म्युचुअल फंड योजनाओं व ऑफशोर एडवाइजरी के जरिये करीब 85,400 करोड़ रुपये का प्रबंधन करती है। इंडसइंड इंटरनैशनल और इन्वेस्को ने इस मकसद के लिए संयुक्त उद्यम बनाया है, जहां इन्वेस्को की हिस्सेदारी 40 फीसदी होगी। दोनों कंपनियां फंड कंपनी की प्रायोजक होंगी। यह सौदा नियामकीय मंजूरी पर निर्भर करेगा। कंपनी ने प्रेस विज्ञप्ति में यह जानकारी दी।

इंडसइंड इंटरनैशनल, देश में निजी क्षेत्र के पांचवें सबसे बड़े बैंक इंडसइंड बैंक की प्रायोजक इकाई है। यह सौदा इन्वेस्को एमएफ के वितरण में मजबूती लाएगा।
विज्ञप्ति में कहा गया है, दोनों साझेदार इस उद्यम में अपनी-अपनी ताकत झोकेंगे। इन्वेस्को के पास ग्लोबल प्रॉडक्ट व प्रोसेसेज का पोर्टफोलियो है जबकि इंडसइंड इंटरनैशनल के पास देश भर में 11,000 टच पॉइंट के साथ मजबूत वितरण नेटवर्क के अलावा 4.5 करोड़ ग्राहक भी है।

इन्वेस्को का अधिग्रहण पूरे वित्तीय तंत्र में पैर पसारने के हिंदुजा समूह के लक्ष्य का संकेत देता है। आईबीसी प्रक्रिया के तहत रिलायंस कैपिटल के अधिग्रहण के लिए कामयाब समाधान आवेदक के तौर पर उभरने के बाद हिंदुजा समूह वित्तीय सेवा कंपनी के विभिन्न क्षेत्रों मसलन जीवन, सामान्यट व स्वास्थ्य बीमा, ब्रोकिंग व परिसंपत्ति प्रबंधन में नियंत्रक हिस्सेदारी का अधिग्रहण कर रहा है। इन्वेस्को का सौदा अच्छा माना जा रहा क्योंकि भारतीय म्युचुअल फंड के क्षेत्र में बैंक समर्थित फंड हाउसों का वर्चस्व है।

एसबीआई एमएफ, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ और एचडीएफसी एमएफ देशके तीन सबसे बड़े फंड हाउस हैं, वहीं कोटक एमएफ, ऐक्सिस एमएफ, बंधन एमएफ और केनरा रोबेको एमएफ भी 15 अग्रणी फंड हाउस में शामिल हैं। इन फंड हाउस में से ज्यादातर के मामले में प्रायोजक बैंक उसका सबसे बड़ा वितरक है।
भारत में करीब-करीब सभी बड़े बैंक फंड हाउस से जुड़े हैं और इसमें सबसे नया बंधन बैंक है। बंधन फाइनैंशियल होल्डिंग की अगुआई वाले कंसोर्टियम ने पिछले साल आईडीएफसी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी का अधिग्रहण पूरा किया।

भारत में म्युचुअल फंड के क्षेत्र में कई नई कंपनियां उतरती हैं और पिछले कुछ साल में निवेशकों के बीच बढ़ती जागरूकता के बीच ज्यादातर फिनटेक व पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज आई हैं। नई कंपनियों में जीरोधा, ग्रो, बंधन, सैमको, हीलियस और ओल्ड ब्रिज शामिल हैं। ये कंपनियां नए लाइसेंस या अधिग्रहण के जरिये उतरी हैं। जियो फाइनैंशियल ने भी अमेरिकी ब्लैकरॉक के साथ संयुक्त उद्यम के जरिये एमएफ लाइसेंस के लिए आवेदन किया है और अभी नियामकीय मंजूरी की प्रतीक्षा कर रही है। अभी म्युचुअल फंड उद्योग में 45 कंपनियां हैं।

म्युचुअल फंड उद्योग ने कोविड के बाद की अवधि में मजबूत वृद्धि दर्ज की है और इनका एयूएम पिछले चार साल में दोगुना हो गया। वित्त वर्ष 20 की चौथी तिमाही में औसत एयूएम 27 लाख करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 54 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।

First Published - April 9, 2024 | 9:38 PM IST

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