हिंडाल्को के शेयर की कीमतों में सोमवार को आठ फीसदी की गिरावट आई और यह 147 रुपये पर जाकर बंद हुआ।
यह इस कंपनी के स्टॉक के लिए कोई नई बात नही रही क्योंकि 60,012 करोड़ की इस एल्यूमिनियम कंपनी का वर्ष 2008 की मार्च तिमाही में संचित राजस्व 2,387 करोड़ के स्तर पर रहा था।
यह कंपनी की अच्छी आर्थिक हालत को नहीं दिखाता है। कंपनी को हुए नुकसान की मुख्य वजह कंपनी की विदेशी अनुषंगी कंपनी को हुआ नुकसान रहा। कंपनी की विदेशी अनुषंगी कंपनी नोवेलिस को नुकसान झेलना पड़ा। चिंताजनक बात तो यह है कि देश की सबसे बड़ी एल्यूमिनियम कंपनी अब राइट इश्यू के जरिए अपनी हिस्सेदारी को कम करने के बारे में सोच रही है।
कंपनी का इसके लिए एक शेयर पर तीन शेयर देने का विचार है। कंपनी ने इस इश्यू के जरिए 5,000 करोड़ की राशि जुटाने का इरादा बनाया है ताकि नोवेलिस के खरीद के समय लिए गए 12,000 करोड़ कर्ज का भुगतान कर सके। कंपनी ने नोवेलिस का अधिग्रहण 2007 में किया था। कंपनी द्वारा नोवेलिस की खरीद के लिए लिया गया छोटी अवधि का लोन की अवधि दिसंबर 2008 में समाप्त हो रही है और कंपनी इसके भुगतान के लिए कोई प्रासंगिक कर्जदार ढूंढनें में भी सफल नहीं हो पाई है।
इक्विटी बाजार की वर्तमान हालत को देखते हुए कंपनी को अपना राइट इश्यू एक बड़े डिस्काउंट पर लाना होगा। इसके अलावा हिंडाल्को की विदेशी अनुषंगी कंपनी को वित्त्तीय वर्ष 2008 में नुकसान झेलना पड़ा था। इन हालातों में हम हिंडाल्को के शेयर केकारोबार का भविष्य में अनुमानित आय से 10 गुना के स्तर पर भी नहीं कर सकते हैं। नोवेलिस मूलत: एल्यूमिनियम को खरीदकर उसे नॉन-फेरस धातु में तब्दील करती है।
इस उच्च मूल्य की धातु का इस्तेमाल सॉफ्ट ड्रिंक्स के लिए केन्स बनाने में किया जाता है। केन्स की बिक्री नोवेलिस की कुल बिक्री के आधे हिस्से का निर्माण करती है। कंपनी ने वित्त्तीय वर्ष 2008 में 11.24 अरब डॉलर की आय अर्जित की थी। समस्या तब उत्पन्न हो गई जब एल्यूमिनियम की कीमतों में बढो़तरी होने से इस प्रोडक्ट में भी बढोत्तरी हुई जिससे कंपनी की इस उत्पाद की वापसी नौ फीसदी बढ़ गई। क्योंकि इसके कुछ ठेके एक निश्चित मूल्य पर किए गए हैं।
ये ठेके कंपनी के लाभ को सीमित करते हैं। पिछले साल कंपनी की इसतरह की बिक्री सिर्फ 10 फीसदी रही जबकि कंपनी की पहले बिक्री 20 फीसदी रही थी। इसका परिणाम यह रहा कि कंपनी के लाभ कमाने की क्षमता को नुकसान पहुंचा। इसके अलावा नोवेलिस को ऊर्जा और तेल की कीमतों में बढ़ोतरी का भी सामना करना पड़ रहा है और इसका नतीजा यह रहा कि कंपनी को 248 करोड क़ा नुकसान झेलना पड़ा।
कंपनी को संपूर्ण एल्यूमिनियम केंद्रित कंपनियों से प्रतियोगिता का सामना करना पड़ रहा है जिनका की लागत पर बेहतर नियंत्रण है। हालांकि कंपनी का नुकसान पिछले साल की तुलना में कम रहा जो कि 364 मिलियन डॉलर रहा था। नोवेलिस के निश्चित कीमतों पर किए गए समझौते का कंपनी की सेहत पर असर पड़ सकता है और उसकी बिक्री में आठ फीसदी की गिरावट आ सकती है।
हालांकि भविष्य में कंपनी के नुकसान में कमी आने के आसार हैं। हिडाल्को केलिए पूंजी जुटाने के लिए नोवेलिस के बैलेंस सीट का इस्तेमाल करना मुश्किल होगा। वित्त्तीय वर्ष 2009 के अंत तक कंपनी की टॉपलाइन ग्रोथ के 68,000 करोड़ से 70,000 करोड़ के करीब रहने की संभावना है। कंपनी 2,000 से 2,100 करोड क़े लाभ का भी आसार लगा सकती है। मौजूदा बाजार मूल्य पर कंपनी का स्टॉक पूरी कीमत पर हो रहा है।