लंदन स्टॉक एक्सचेंज (एलएसई) एमसीसीएक्स-एसएक्स में हिस्सेदारी खरीदने को लेकर फाइनैंशियल टेक्नोलॉजी (एफटी) से बातचीत कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि एलएसई अपने यहां हो रहे शेयरों के कारोबार की कीमतों के लिहाज से विश्व का तीसरा सबसे बडा स्टॉक एक्सचेंज है। एमसीएक्स-एसएक्स एफटी समूह द्वारा प्रवर्तित स्टॉक एक्सचेंज है जिसमें 10 अक्टूबर 2008 से कारोबार शुरू हुआ है।
फिलहाल इस स्टॉक एक्सचेंज में डेरिवेटिव कारोबार होता है और इक्विटी कारोबार शुरू करने के लिए बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) से मंजूरी मिलने का इंतजार कर रहा है। कारोबार शुरू करने की अनुमति की शर्तों के तहत एफटी समूह को पहले साल के कारोबार को पूरा करने के अंत में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री शुरू करनी पड़ेगी।
इसी के तहत एमसीएक्स कई वैश्विक निवेशकों के साथ बातचीत कर रही है जिसमें एलएसई भी एक है। सेबी के दिशानिर्देशों के अनुसार विदेशी निवेशक जिसमें स्टॉक एक्सचेंज भी शामिल हैं, भारतीय शेयर बाजार में 5 फीसदी तक का निवेश कर सकते हैं। हालांकि एफटी और एलएसई के बीच हो रही बातचीत का ज्यादा ब्योरा नहीं मिल पाया है लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि लंदन एक्सचेंज ने 5 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की बात कही है।
जब इस बारे में एलएसई के प्रवक्ता से संपर्क किया गया तो उन्होंने बातचीत के बारे में कुछ भी कहने से मना कर दिया लेकिन साथ ही यह कहा कि भारतीय बाजार में निवेश और कारोबार को लेकर हम काफी गंभीर हैं और हमें इस बात का पूरा भरोसा है कि भारत हमारी नजर में अंतरराष्ट्रीय कारोबार का एक प्रमुख हिस्सा बना रहेगा।
गौरतलब है एलएसई पर नैसडेक की ओर से अधिग्रहण का खतरा मंडरा रहा था लेकिन अब इससे पूरी तरह से उबरने के बाद एलएसई लंदन से बाहर अपनी उपस्थिति को बढाने पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित किए हुए है। हाल में ही इसने इटली के अग्रणी स्टॉक एक्सचेंज बोरसा इटालियाना का अधिग्रहण किया है।
हालांकि एलएसई के साथ चल रही बातचीत के बारे में एफटी के प्रवक्ता ने भी कुछ कहने से मना कर दिया लेकिन हाल में ही एक साक्षात्कार के दौरान एमसीएक्स-एसएक्स के उपाध्यक्ष जिग्नेश शाह ने कहा था कि एमसीएक्स-एसएक्स इंडिया मॉडल पर आधारित है जिसमें बेहतरीन वैश्विक इक्विटी साझेदार शामिल हैं।
सूत्रों का कहना है कि एमसीएक्स और एलएसई के सौदों में काफी समानताएं हैं। मुख्य इक्विटी कारोबार के अलावा एमसीएक्स-एसएक्स छोटे और मझोले उद्योगों के लिए कारोबार शुरू करने की योजना बना रही है जबकि एलएसई विश्व की सबसे सफल एसएमई कारोबार प्लेटफॉर्म-अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट मार्केट (एआईएम) का परिचालन करती है। कई भारतीय कंपनियां भी एआईएम में सूचीबध्द हैं।
