वर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 जैसे-जैसे समाप्ति की ओर बढ़ रहा है, इसके साथ ही म्युचुअल फंड (एमएफ) हाइब्रिड के क्षेत्र में पहले वाले ऋण कराधान ढांचे के तहत योजनाएं पेश करने के मामले में तेजी नजर आ रही है। वित्त वर्ष के उत्तरार्ध में डेट कराधान वाली योजनाओं की मांग बढ़ जाती है, क्योंकि निवेशक एक और वर्ष इंडेक्सेशन लाभ को भुनाना चाहते हैं।
पराग पारिख फाइनैंशियल एडवाइजरी सर्विसेज (पीपीएफएएस) एमएफ ने संतुलित लाभ वाला फंड पेश किया है। महिंद्रा मैनुलाइफ और क्वांटम मल्टी-ऐसेट एलोकेशन फंड लेकर आए हैं। ये सभी तीन योजनाएं लगभग 35 से 65 प्रतिशत इक्विटी आवंटन बनाए रखेंगी और बाकी निश्चित आय वाले साधनों में रखेंगी।
मल्टी ऐसेट फंडों का सोने में भी कुछ निवेश होगा। पीपीएफएएस एमएफ और क्वांटम एमएफ ने कम अस्थिरता वाले उत्पाद की पेशकश करने के लिए इक्विटी आवंटन को आवंटन के न्यूनतम जरूरी स्तर के निचले बैंड के पास रखने की योजना बनाई है। पीपीएफएएस एमएफ इक्विटी हिस्सा और कम करने के लिए मध्यस्थता रणनीतियों का उपयोग करने की योजना बना रहा है।
कोटक अल्टरनेट ऐसेट मैनेजर्स के मुख्य कार्याधिकारी (निवेश और रणनीति) लक्ष्मी अय्यर ने कहा कि अभी डेट पर केंद्रित हाइब्रिड फंड पेश करने की बात समझ में आती है क्योंकि प्रतिफल बढ़ा है। साथ ही इसका मार्ग सपाट है और तरलता की कमी है। अगले 15 से 18 महीने में दरों में कटौती की भी संभावना है तथा इसलिए पूंजीगत लाभ की गुंजाइश है। इस बात के मद्देनजर कि हम वित्त वर्ष के अंत के करीब हैं, कर के मोर्चे पर अतिरिक्त लाभ है। आप वित्त वर्ष के अंत के जितना करीब होते हैं, कर लाभ उतना ही अधिक होता है।
अप्रैल 2023 में डेट फंड कराधान में बदलाव के बाद घरेलू इक्विटी में 35 से 65 प्रतिशत के बीच निवेश करने वाली एमएफ योजनाएं पहले वाले डेट फंड कराधान के लिए योग्यता हासिल कर लेती हैं। तीन साल से अधिक समय तक रखा गया निवेश दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर (एलटीसीजी) के लिए योग्य होता है, जिसमें इंडेक्सेशन के लेखांकन के बाद लाभ पर 20 प्रतिशत कर लगाया जाता है।
इंडेक्सेशन में लागत मुद्रास्फीति सूचकांक का उपयोग करते हुए निवेश की अवधि के दौरान मुद्रास्फीति के मामले में लाभ को समायोजित किया जाता है। यह लाभ अप्रैल 2023 से पहले सभी गैर-इक्विटी म्युचुअल फंड योजनाओं के लिए उपलब्ध था।
विशेषज्ञों के अनुसार जहां निवेश अवधि की गणना शुरू से अंत तक की जाती है, वहीं इंडेक्सेशन लाभ संपन्न हुए वित्त वर्षों की संख्या से जुड़ा होता है। इसलिए भले ही कोई निवेश वित्त वर्ष के अंत में किया गया हो, निवेशक को निवेश वर्ष के लिए इंडेक्सेशन लाभ मिलता है।