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एचडीएफसी द्वय में विदेशी निवेश घटा

Last Updated- December 11, 2022 | 5:33 PM IST

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने जून 2022 में समाप्त तिमाही के दौरान एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक में अपनी हिस्सेदारी घटाई है। शेयरधारिता के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, एफपीआई के पास एचडीएफसी व एचडीएफसी बैंक की क्रमश: 68.1 फीसदी व 65.96 फीसदी हिस्सेदारी है। विदेशी शेयरधारिता तिमाही दर तिमाही और इस साल अब तक के हिसाब से क्रमश: 111/406 आधार अंक और 260/412 आधार अंक घटी है।
एफपीआई की तरफ से भारत में वित्तीय क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों से घटाई गई हिस्सेदारी का उनकी शेयर कीमत पर असर पड़ा है। इस साल अब तक के लिहाज से एचडीएफसी व एचडीएफसी बैंक के शेयर क्रमश: 16 फीसदी व 8.7 फीसदी नीचे हैं। इसकी तुलना में निफ्टी फाइनैंशियल सर्विसेज इंडेक्स 7.7 फीसदी नीचे है।
ऐतिहासिक तौर पर एचडीएफसी द्व‍य एफपीआई के पसंदीदा शेयरों में से एक रहे हैं। दोनों शेयरों में एफपीआई की हिस्सेदारी में कमी देसी बाजार से एफपीआई की बड़ी निवेश निकासी की पृष्ठभूमि में हुई है। इस साल अब तक के लिहाज से एफपीआई इक्विटी बाजार से 2.25 लाख करोड़ रुपये के बिकवाल रहे हैं और जून तिमाही में उनकी बिकवाली 1.1 लाख करोड़ रुपये रही है। एफपीआई की बिकवाली में वित्तीय शेयरों की खासी हिस्सेदारी रही है। अगर एफपीआई देसी बाजारों में बिकवाली जारी रखते हैं तो एचडीएफसी व एचडीएफसी बैंक में उनकी हिस्सेदारी और घट सकती है। हालांकि अच्छी बात यह है कि उनकी बिकवाली ने दोनों शेयरों में निवेश की पर्याप्त गुंजाइश बनाई है, जिसके कारण ये शेयर एमएससीआई इंडेक्स में शामिल हो सकते हैं, जब इनका विलय कार्य पूरा हो जाएगा।
आईआईएफएल ऑल्टरनेटिव रिसर्च के उपाध्यक्ष श्रीराम वेलायुधन ने कहा, विलय पूरा होने से पहले विदेशी निवेश की गुंजाइश काफी अहम हो जाती है। एचडीएफसी बैंक में विदेशी निवेश की गुंजाइश विलय के स्तर पर करीब 16.9 फीसदी बैठती है।
एमएससीआई व एफटीएसई सूचकांकों में विदेशी निवेशकी न्यूनतम गुंजाइश क्रमश: 15 फीसदी व 20 फीसदी है। एचडीएफसी पहले से ही इन दोनों सूचकांकों का हिस्सा है। एकल आधार पर एचडीएफसी बैंक दोनों सूचकांकों में शामिल होने की पात्र नहीं है क्योंकि इसमें निवेश की गुंजाइश कम है। हालांकि विलय के बाद एचडीएफसी बैंक को एमएससीआई इंडेक्स में शामिल किया जाएगा।
पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक ब्रायन फ्रिएटस ने कहा, यह मानते हुए कि विलय के बाद बनने वाली इकाई में विदेशी निवेश की गुंजाइश 15 फीसदी से ज्यादा रहती है तो यह इकाई एमएससीआई इंडिया इंडेक्स का हिस्सा बन जाएगी। हमारा अनुमान है कि एमएससीआई पैसिव ट्रैकर के पास पहले ही एचडीएफसी के 13.75 करोड़ शेयर हैं। यह एचडीएफसी के 23.1 करोड़ शेयरों में तब्दील हो जाएगा। विलय के बाद शेयरों की संख्या बढ़ने को देखते हुए पैसिव एमएससीआई ट्रैकरों को एचडीएफसी के 20.9 करोड़  शेयर खरीदने की दरकार होगी, जिस पर 4.05 अरब डॉलर निवेश हो सकता है।
अगर अगली कुछ तिमाहियों में एफपीआई की बिकवाली जारी रहती है तो एचडीएफसी बैंक भी एफटीएसई इंडेक्स का हिस्सा बन सकता है।
फ्रिएटस ने कहा, अगर विलय के बाद बनने वाली इकाई में विदेशी निवेश की गुंजाइश 20 फीसदी से ज्यादा होगी तो पैसिव एफटीएसई ट्रैकर 1.84 अरब डॉलर का निवेश एचडीएफसी बैंक में कर सकते हैं।

First Published - July 15, 2022 | 12:01 AM IST

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