बीएसई के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी की कमान संभालने के बाद अपने पहले भाषण में सुंदररमण राममूर्ति ने शुक्रवार को कहा कि यदि सिर्फ एक स्टॉक एक्सचेंज ही ज्यादा सक्रिय बना रहता है तो यह उपयुक्त नहीं होगा।
इक्विटी बाजार सेगमेंट में कम से कम दो दिग्गजों की महत्ता पर जोर देते हुए बोफा के पूर्व मुख्य परिचालन अधिकारी ने ब्रोकरों से एक्सचेंजों के बीच अंतरसक्रियता बढ़ाने को कहा है। मौजूदा समय में, बीएसई के प्रतिस्पर्धी एनएसई की कैश सेगमेंट में 90 प्रतिशत से ज्यादा बाजार भागीदारी है और डेरिवेटिव खंड में उसका लगभग एकाधिकार है।
एसोसिएशन ऑफ नैशनल एक्सचेंजेस मेंबर्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में राममूर्ति ने ब्रोकरों से अपने ग्राहकों को इंट्राडे इंटरऑपरेबिलिटी मुहैया कराने को कहा, जैसा कि पूंजी बाजार नियामक सेबी द्वारा अनिवार्य किया गया है।
राममूर्ति ने कहा, ‘यदि आपके पास सिर्फ एक एक्सचेंज है जो अपना अस्तित्व बचाए हुए है और दूसरा ज्यादा एक्सचेंज ज्यादा सक्रिय नहीं है, तो आपको समस्या होगी।’
उन्होंने कहा, ‘हम कम से कम दो या तीन एक्सचेंजों के साथ बाजार में उत्साह एवं प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करना चाहेंगे। अन्यथा, हम बाजार और मौजूदा समय में वरदान साबित हो रही प्रौद्योगिकी के लिए सेवा मुहैया नहीं करा पाएंगे जो अचानक अभिशाप में तब्दील हो जाएगी।’