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ज्यादातर आईपीओ पर पड़ी पहली छमाही भारी

Last Updated- December 07, 2022 | 9:44 AM IST

बढ़ती महंगाई और ब्याज दरें जहां आम लोगों को बुरी तरह प्रभावित कर रही हैं वहीं निवेशकों को दोहरी परेशानी झेलनी पड़ रही है।


फंडों के जरिए या सीधे तौर पर बाजार में पैसे लगाने वाले निवेशक लगातार गिरते शेयर बाजार में अब तक 29 खरब रुपए खो चुकेहैं। सबसे ज्यादा नुकसान इस साल जारी होने वाले आईपीओ में निवेश करने वाले निवेशकों को झेलना पड़ा है। इस साल जनवरी से जून तक कुल 25 कंपनियों ने अपनी सार्वजनिक पेशकश जारी की है।

इन कंपनियों में से अधिकांश के शेयरों  तो उनकी पेशकश मूल्य से आधी कीमतों पर चली गई हैं। रिलायंस पॉवर के 100 शेयरों की खरीदारी करने के लिए 45,000 का निवेश करने वाले मनीष त्रिपाठी ने शायद कभी सोचा भी नहीं था कि वे इस शेयर को खरीदने के बाद अपनी आधी से ज्यादा पूंजी खो चुके होगें।

रिलायंस द्वारा निवेशक को पांच शेयरों पर तीन बोनस शेयर दिये जाने की घोषणा के बाद भी मनीष नुकसान में हैं। रुरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन ने सबसे बड़ा आईपीओ जारी किया था। इस सार्वजनिक ऊर्जा कंपनी ने 163.926 करोड़ रुपए जुटाने के लिए 105 रुपए की पेशकश कीमत पर अपना आईपीओ जारी किया था। लेकिन कंपनी के एक शेयर की कीमत चार जुलाई को 76 रुपए 90 पैसे थी। इस साल आए दस कंपनियों के आईपीओ का आकार 10,000 लाख रुपए से ज्यादा था। इनमें से आठ कंपनियों के शेयरों का कारोबार उनकी पेशकश मूल्य से आधी कीमत पर हो रहा है।

रियल एस्टेट कंपनियों के लिए वर्तमान हालात कितने बुरे हैं, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जिन रियल एस्टेट कंपनियों में इस साल अपनी पेशकश जारी की है, उन सभी के शेयरों का कारोबार उनके पेशकश मूल्य से आधी कीमत से भी कम पर हो रहा है। लेकिन इस मंदी की मार में पांच कंपनियां ऐसी हैं जिनकी पेशकश में पूंजी लगाने वाले निवेशकों के चेहरे खिले हुए हैं।

ऑन मोबाइल ग्लोबल का 440 रु. का आईपीओ अभी 535 पर है। अनु लैबोरेट्रीज का 210 का आईपीओ इस समय 354 रु. पर है। इस तरह बैंग ओवरसीज, टीटागढ़ वैगन्स और गोकुल रिफोएल्स के स्टॉक का कारोबार क्रमश: 220.55 रु, 581.25 रु और 211 रु के स्तर पर हो रहा है जबकि इन कंपनियों ने क्रमश: 207 रु, 540 रु और 195 रु पर अपना आईपीओ जारी किया था।

First Published - July 8, 2008 | 2:12 AM IST

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