मंगलवार को ट्रेडिंग वॉल्यूम पिछले महीने के औसत से कम रहे क्योंकि अग्रिम मार्जिन संग्रह का नया नियम लागू हो गया। नकदी बाजार का टर्नओवर 66,365 करोड़ रुपये रहा जबकि नवंबर में रोजाना औसत कारोबार 73,560 करोड़ रुपये रहा था। वायदा व विकल्प में वॉल्यूम 19 लाख करोड़ रुपये का रहा, जो पिछले महीने के औसत 32 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले कम है। पिछले महीने के औसत टर्नओवर के मुकाबले गिरावट तेज रही है, लेकिन अगर हम पिछले महीने की शुरुआत से इसकी तुलना करें तो यह ज्यादा है। बाजार के प्रतिभागियों को उम्मीद थी कि वॉल्यूम पर चोट पड़ेगी क्योंकि ट्रेडरों को अब ट्रेडिंग के लिए ज्यादा मार्जिन देना होगा। हालांकि वॉल्यूम पर वास्तविक असर आगामी महीनों में नजर आएगा क्योंंकि मार्जिन के नियम चरणबद्ध तरीकेसे लागू किए जाएंगे।
वेंचुरा सिक्योरिटीज के प्रमुख (बिक्री व विपणन) विनय पंजाबी ने कहा, नकदी व एफऐंडओ में ज्यादा लिवरेज मुहैया करा रहे ब्रोकरों को अब फरवरी 2021 तक इसे मार्जिन के अधिकतम चार गुना तक सीमित रखना होगा जबकि मई 2021 तक दो गुना तक।
इसके अलावा अगस्त 2021 तक 1.33 गुना तक और सितंबर 2021 के बाद से एक गुना तक सीमित करना होगा। प्रभावी तौर पर एक निफ्टी फ्यूचर के लिए 1.6 लाख रुपये मार्जिन की दरकार है तो फरवरी 2021, मई 2021, अगस्त 2021 व सितंबर 2021 तक तक आपको क्रमश: न्यूनतम 40,000 रुपये, 80,000 रुपये, 1.2 लाख रुपये और 1.6 लाख रुपये की दरकार होगी।
