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कोविड वैरिएंट, नकदी संकट : वैश्विक इक्विटी के लिए मुख्य जोखिम

Last Updated- December 11, 2022 | 11:00 PM IST

वर्ष 2021 में शानदार तेजी के बाद बीएसई के सेंसेक्स और निफ्टी-50 में 20 और 22 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई, वहीं भारत समेत वैश्विक इक्विटी बाजार 2022 का स्वागत बेहद सतर्कता के साथ करने को तैयार दिख रहे हैं।
विश्लेषकों का कहना है कि मुख्य जोखिम यह है कि कोविड-19 संक्रमण के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के लिए मौजूदा वैक्सीन कम प्रभावी है। मुद्रास्फीति भी 2021 में इस परिसंपत्ति वर्ग के लिए जोखिम रहा है, भले ही कई बाजार कारोबारियों का मानना है कि मौजूदा ऊंचे मुद्रास्फीति स्तर अस्थायी होंगे। हालांकि अनुमानित मुद्रास्फीति के मुकाबले अस्थिरता से सख्त मौद्रित स्थिति को बढ़ावा मिल सकता है और नीतिगत खामियों का जोखिम बढ़ सकता है और ये दोनों ही वैश्विक इक्विटी बाजारों के लिए नकारात्मक होंगे।
इसके अलावा, भविष्य में वित्तीय राहत के लिए कम गुंजाइश हो सकती है जो कोविड-19 संकट के दौरान इक्विटी के लिए सहायक बदलाव रहा। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकारें संभव अपने अप्रत्याशित वित्तीय नीति को समाप्त कर सकती हैं और अमेरिकी मध्यावधि चुनाव के बाद नीतिगत गतिरोध भी पैदा हो सकता है।  
मॉर्गन स्टैनली के अनुसार, एशिया में नीति निर्माता धीरे धीरे नीति को फेडरल के नीतिगत रुख के बजाय रिकवरी की गति के आधार पर सामान्य बनाने में सक्षम होंगे।
मॉर्गन स्टैनली में मुख्य एशियाई मामलों के अर्थशास्त्री चेतन अह्या ने डेरिक वाई कैम और जोनाथन चेउंग के साथ तैयार की गई रिपोर्ट में लिखा है, ‘जोखिम यह है कि यदि अमेरिकी 10 वर्षीय वास्तविक दरें अल्पावधि में तेजी से बढ़ीं तो इससे एशिया की वित्तीय स्थिति में अस्थिरता पैदा हो सकती है, हालांकि हमारा मानना है कि 2013 के मुकाबले प्रभाव कम होगा। यदि यह जोखिम परिदृश्य दूर होता है तो हमें भारत और इंडोनेशिया के अधिक स्पष्ट और सक्षम अर्थव्यवस्थाओं के तौर पर उभरने की संभावना है।’
कॉरपोरेट आय में वृद्घि भी बढ़ती उत्पादन लागत और पारिश्रमिक की पृष्ठभूमि में जोखिम हो सकता है। अन्य संबंधित जोखिम है आपूर्ति शृंखलाओं में व्यवधान, क्योंकि मुख्य वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं ने कोविड संक्रमण के प्रसार से बचने के लिए लॉकडाउन का सहारा लिया है और इसका 2021 की दूसरी छमाही में कुछ कंपनियों के लाभ पर दबाव शुरू हुआ है।
हालांकि कई विश्लेषक इसे लेकर सहमत हैं कि परिसंपत्ति वर्ग के तौर पर इक्विटी के लिए आगामी राह समस्याओं को देखते हुए अनिश्चित बनी रहेगी, लेकिन उनका मानना है कि 2022 में बाजार प्रतिफल कॉरपोरेट आय में वृद्घि पर केंद्रित बना रहेगा।
क्रेडिट सुइस में वैश्विक मुख्य निवेश अधिकारी मिशेल स्ट्रोबेक ने कहा, ‘हमें विश्वास है कि आय आगामी वर्ष में इक्विटी प्रतिफल की मुख्य वाहक बनी रह सकती है, जिससे इक्विटी की रफ्तार मजबूत रहेगी, हालांकि इनमें प्रतिफल एक अंक में रह सकता है।’

First Published - December 7, 2021 | 11:56 PM IST

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