मंगलवार को शुरुआती कारोबार में स्विगी के शेयरों में 5.6 फीसदी तक की उछाल आई और बीएसई पर इंट्राडे में यह 567.8 रुपये प्रति शेयर के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। लेकिन, बीएसई पर यह शेयर 1.13 फीसदी बढ़कर 543.55 रुपये पर बंद हुआ। इसके मुकाबले बीएसई सेंसेक्स 81,510.05 पर सपाट बंद हुआ।
वैश्विक ब्रोकरेज सीएलएसए की तरफ से स्विगी पर आउटपरफॉर्म रेटिंग के साथ कवरेज शुरू करने और 12 महीने की लक्षित कीमत 708 रुपये प्रति शेयर निर्धारित करने के बाद इसमें खरीदारी देखी गई। इसका मतलब यह है कि बीएसई पर 537.5 रुपये प्रति शेयर के पिछले बंद स्तर से यह 31.7 फीसदी ज्यादा है।
ब्रोकरेज के अनुसार, स्विगी भारत की नवोन्मेषी कंपनियों में से एक है और देश में फूड डिलिवरी और क्विक कॉमर्स में शुरुआती है। सीएलएसए ने कहा, स्विगी में वृद्धि की काफी क्षमता है क्योंकि यह फूड डिलिवरी और क्विक कॉमर्स के लिए एक बहुत बड़े बाजार तक पहुंचती है। हम क्रियान्वयन में तेजी और लाभप्रदता में सुधार से रूबरू हो रहे हैं। हमें उम्मीद है कि वित्त वर्ष 24-27 में भारतीय क्विक कॉमर्स 6 गुना बढ़ जाएगा और स्विगी सबसे ज्यादा लाभ पाने वालों में से एक रहेगी।
हालांकि इसमें कहा गया है, स्विगी संभवतः जोमैटो से पिछड़ती रहेगी, लेकिन अंतर कम होगा। स्विगी का शेयर 13 नवंबर को 22 रुपये के प्रीमियम या 5.6 फीसदी की बढ़त के साथ बीएसई पर 412 रुपये प्रति शेयर पर सूचीबद्ध हुआ था जबकि इसका इश्यू प्राइस 390 रुपये प्रति शेयर था। इसी तरह, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर स्विगी के शेयर अपने आईपीओ आवंटन मूल्य से 30 रुपये यानी 7.6 फीसदी की बढ़त के साथ 420 रुपये पर खुले।
हाल ही में, यूबीएस ने प्रतिद्वंद्वी जोमैटो को महत्वपूर्ण मूल्यांकन डिस्काउंट का हवाला देते हुए ‘खरीदें’ रेटिंग के साथ स्टॉक पर कवरेज शुरू किया। ब्रोकरेज ने 12 महीने की लक्षित कीमत 515 रुपये तय की है।