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पीएमएस स्कीम का नकदी स्तर घटा

Last Updated- December 15, 2022 | 3:52 AM IST

पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विसेज (पीएमएस) स्कीम के फंड मैनेजरों ने जून में बेंचमार्क सूचकांकों में सुधार दिखने के साथ ही नकदी स्तर को घटा दिया और विशेष तौर पर वित्तीय क्षेत्र के कमजोर शेयरों पर दांव लगाया। इस अध्ययन में शाामिल 142 योजनाओं में 52 यानी 37 फीसदी योजनाओं के पास जून के अंत में 5 फीसदी से भी कम नकदी थी जबकि मई के अंत में यह आंकड़ा 43 फीसदी रहा था। जून में 10 फीसदी से अधिक रकम रखने वाली योजनाओं की संख्या घटकर 51 रह गई जो इससे पिछले महीने 56 रही थी।
जून में 58 योजनाओं ने अपनी नकदी धारिता को कम किया जबकि 37 ने उसमें बढ़ोतरी की। नकदी धारिता घटाने वाली योजनाओं में 33 योजनाओं ने जून में इससे पिछले महीने के मुकाबले 1 से 5 फीसदी की कमी की जबकि 18 योजनाओं की नकदी धारिता में 5 से 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
पीएमएस बाजार के संस्थापक डेनियल जीएम ने कहा, ‘अधिकतर पोर्टफोलियो मैनेजरों को लगा कि चुनिंदा क्षेत्रों में आंशिक सुधार के बावजूद बाजार उलटी दिशा में जा सकता है। मिडकैप एवं स्मॉलकैप क्षेत्र में आकर्षक मूल्यांकन के कारण भी निवेश को बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के दूसरे और तीसरे दौर की लहर की आशंका अथवा टीका आने में देरी के कारण फंड मैनेजरों के लिए नकदी आंवटन संबंधी निर्णय लेना कठिन हो सकता है।’
जून में निफ्टी 50 में 7.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। व्यक्तिगत निवेशकों की भागीदारी बढऩे से इसमें तेजी आई।
जून में 5 रणनीतियों के तहत नकदी स्तर में 10 फीसदी का इजाफा हुआ जबकि सात में 5 से 10 फीसदी का और 25 में 1 से 5 फीसदी का। वालक्रिएट लाइफ साइंसेज ऐंड स्पेशिएलिटी अपरच्युनिटीज का नकदी स्तर जून में बढ़कर 46.3 फीसदी हो गया जो मई में 6.8 फीसदी था। अन्य जिन योजनाओं के नकदी स्तर में वृद्धि हुई उनमें
प्रभुदास लीलाधर फॉच्र्यून स्ट्रैटेजी (13.5 फीसदी से 30.6 फीसदी) और पेलिकन पीई फंड (26.5 फीसदी से 40 फीसदी) शामिल हैं।

First Published - August 2, 2020 | 11:23 PM IST

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