ब्रोकरेज फर्मों ने परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (AMC) के शेयरों की कीमत का लक्ष्य घटा दिया है क्योंकि ये कंपनियां चौथी तिमाही में राजस्व की रफ्तार के अनुमान को पीछे छोड़ने में नाकाम रहीं। AMC की तरफ से वसूले जाने वाले शुल्क में कमी की नियामक की योजना से भी चिंता बढ़ी है।
एचडीफएसी और निप्पॉन AMC ने चौथी तिमाही में अपने परिचालन राजस्व में थोड़ी बढ़त दर्ज की, लेकिन यूटीआई व आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC ने एक और तिमाही में कमजोर नतीजे पेश किए। निप्पॉन व एचडीएफसी AMC का राजस्व क्रमश: 3 फीसदी व 5 फीसदी बढ़ा। तिमाही में यूटीआई का राजस्व 301 करोड़ रुपये पर स्थिर रहा जबकि आदित्य बिड़ला सन लाइफ का राजस्व 8 फीसदी घटकर 297 करोड़ रुपये रह गया।
निप्पॉन AMC के मामले में ज्यादातर ब्रोकरेज फर्मों ने कीमत लक्ष्य घटा दिया है, लेकिन खरीदारी की सिफारिश बरकरार रखी है और उसमें और निवेश की रेटिंग दी है। यह रेटिंग ब्रोकरेज फर्मों को उस आशावाद को प्रतिबिंबित करता है कि AMC में लंबी अवधि में बढ़त की क्षमता है और उसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ सकती है क्योंकि प्रतिफल पर दबाव है, साथ ही नियामकीय बदलाव से इसमें और कमी का जोखिम है।
बीओबी कैपिटल मार्केट्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, हम खरीद की रेटिंग बरकरार रखते हैं क्योंकि कंपनी की बाजार हिस्सेदारी बढ़ रही है, ईटीएफ में वह अग्रणी स्थिति में है, साथ ही योजनाओं का प्रदर्शन मजबूत है और इक्विटी एयूएम भी स्थिर है। कुल खर्च अनुपात में संभावित बदलाव के रूप में आने वाला नियामकीय अवरोध, वित्त वर्ष 23 में उद्योग में कम शुद्धनिवेश आने से गिरावट का जोखिम सामने आ सकता है।
इस रिपोर्ट में एचएनआई सेगमेंट में निप्पॉन की सुधरती बाजार हिस्सेदारी को रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, HNI में उसकी बाजार हिस्सेदारी मार्च 2022 के 5.1 फीसदी से सुधरकर मार्च 2023 में 5.8 फीसदी हो गई।
चौथी तिमाही में राजस्व के मोर्चे पर अनुमान से पीछे रहने वाली एचडीएफसी AMC ने कई मानकों में सुधार दर्ज किया है।
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प्रभुदास लीलाधर ने एक रिपोर्ट में कहा है, मार्च 2023 में एचडीएफसी AMC एक साल व तीन साल के लिहाज से सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली AMC बनी रही। उम्दा इक्विटी प्रदर्शन से शुद्धनिवेश में उसकी बाजार हिस्सेदारी 8.6 फीसदी पर पहुंच गई। ऐसे में इक्विटी बाजार की हिस्सेदारी बढ़ रही है और 11.8 फीसदी को छू गई।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज ने कहा, UTI AMC के नतीजे हर मोर्चे पर कमजोर रहे। मुख्य परिचालन लाभ क्रमिक आधार पर तीन फीसदी कम रहा, जिसकी वजह इक्विटी प्रतिफल में तीव्र सिकुड़न और कर्मचारियों पर ज्यादा खर्च के अलावा इक्विटी बाजार हिस्सेदारी में नुकसान व ट्रेजरी खाते पर मार्क टु मार्केट नुकसान है।
ब्रोकरेज ने यह कहते हुए खरीद की रेटिंग को सही ठहराया है कि मूल्यांकन आकर्षक है, एयूएम का आधार ठीक है और पांच दशक के अनुभव से जुड़ा साख यहां मौजूद है। साथ ही उसकी बाजार हिस्सेदारी बढ़ रही है।
बाजार नियामक सेबी म्युचुअल फंडों की तरफ से वसूले जाने वाले खर्च की समीक्षा कर रहा है और संकेत दिया है कि वह कुल खर्च अनुपात की सीमा घटा सकता है। नियामकीय मोर्चे पर कई बदलाव का भी AMC शेयरों के प्रदर्शन पर असर पड़ा है।
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सूचीबद्धएएमसी के शेयरों ने पिछले एक साल में बाजार के मुकाबले काफी ज्यादा कमजोर प्रदर्शन किया है। पिछले एक साल में एचडीएफसी AMC 10 फीसदी टूटा है, निप्पॉन इंडिया 22 फीसदी नीचे आया है,आदित्य बिड़ला सन लाइफ AMC 31 फीसदी कमजोर हुआ है जबकि यूटीआई AMC 16 फीसदी नीचे है। इसकी तुलना में बेंचमार्क सेंसेक्स में 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
विश्लेषकों ने कहा कि सूचीबद्ध AMC की आय की रफ्तार को अवरोध का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन उनके शेयर कीमतों में तेज गिरावट में कई नकारात्मक चीजें समाहित हैं।