भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवा (PMS) उद्योग के लिए वर्गीकरण और प्रदर्शन बेंचमार्क शुरू किया है। इससे निवेशकों को अपने सेवा प्रदाताओं के प्रदर्शन के आकलन एवं तुलना में मदद मिलेगी।
शुक्रवार को इस संबंध में जारी एक सर्कुलर में बाजार नियामक ने पोर्टफोलियो प्रबंधकों को इक्विटी, डेट, हाइब्रिड, और मल्टी-ऐसेट के तौर पर व्यापक निवेश रणनीतियां अपनाने का निर्देश दिया है। यह बदलाव 1 अप्रैल, 2023 से प्रभावी होगा।
SEBI ने एसोसिएशन ऑफ पोर्टफोलियो मैनेजर्स इन इंडिया (APMI) से संबद्ध सभी नीतियों के लिए अधिकतम तीन मानक निर्धारित करने को कहा है, जिससे पोर्टफोलियो प्रबंधक इन्वेस्टमेंट अप्रॉच (IEA) टैग चुनने में सक्षम होंगे। पोर्टफोलियो प्रबंधक ग्राहकों को बगैर एक्जिट लोड के बाहर निकलने का विकल्प प्रदान कर ही टैगिंग बदलने में सक्षम होंगे।
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SEBI ने कहा है कि इन नए नियमों से पोर्टफोलियो प्रबंधकों द्वारा मौजूदा समय में अमल किए जा रहे IEA को हटाने में मदद मिलेगी। प्रभुदास लीलाधर के प्रमुख (निवेश रणनीति) एवं फंड प्रबंधक- पीएमएस सिद्धार्थ वोरा ने कहा, ‘इससे सही प्रदर्शन का पता लगाने में मदद मिलेगी।’