ऑटो एक्सपो 2023 से ऑटोमोबाइल शेयरों में नई तेजी देखने को शायद नहीं मिलेगी। विश्लेषकों ने कहा, इसकी वजह यह है कि इस साल के वाहन मेले में अहम सूचीबद्ध कंपनियां हिस्सा नहीं ले रही हैं। इसके अलावा, अब ध्यान इलेक्ट्रिक वाहनों पर है, जहां चारपहिया वाहनों की बाजार हिस्सेदारी काफी कम है।
आईडीबीआई कैपिटल के शोध प्रमुख ए के प्रभाकर ने कहा, यात्री वाहन विनिर्माताओं में मारुति सुजूकी इंडिया और टाटा मोटर्स ही सूचीबद्ध कंपनियां हैं। उनकी तरफ से इलेक्ट्रिक वाहन के नए मॉडल के अनावरण से शेयरों को सहारा नहीं मिलेगा क्योंकि यात्री वाहनों की हिस्सेदारी कुल ईवी बाजार में काफी कम है।
बुधवार को ऑटो एक्सपो 2023 की शुरुआत हुई और मारुति सुजूकी इंडिया, ह्यूंडै मोटर इंडिया, किया इंडिया, टाटा मोटर्स और एमजी मोटर इंडिया प्रमुख कंपनियां हैं, जो इसमें हिस्सा ले रही हैं।
टॉर्क मोटर्स, ओकिनावा ऑटोटेक, हीरो इलेक्ट्रिक, मैटर मोटरवर्क्स, सीई इन्फो सिस्टम्स, सिबरॉस टेक्नोलॉजिज इंडिया, हॉप इलेक्ट्रिक, डी. मोटर्स, एमटीए ई-मोबिलिटी, ग्रीव्स कॉटन और ओमेगा एस मोबिलिटी यहां हिस्सा लेने वाली अहम ईवी निर्माता हैं।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के खुदरा शोध प्रमुख दीपक जसानी ने बिक्री के साथ नए वाहनों की पेशकश को जोड़ने के खिलाफ निवेशकों को सतर्क किया। उन्होंने कहा, अगर कोई कंपनी 10 वाहन सामने रखती है तो पांच अगली कुछ तिमाहियों में पेश हो जाएंगी और दो या तीन कामयाब हो सकती हैं। ऐसे में इस घटनाक्रम को बिक्री में बढ़ोतरी के लिहाज से नहीं देखा जाना चाहिए।
विश्लेषकों ने कहा, इस साल के ऑटो एक्सपो में ईवी की पूरी रेंज मूल उपकरण विनिर्माताओं के इस अहसास को रेखांकित करती है कि आने वाला समय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी का है।
एलकेपी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ शोध विश्लेषक अश्विन पाटिल ने कहा, भारत में आम लोगों के ईवी अपनाने में अभी थोड़ा समय लगेगा और इंटरनल कम्बस्टन इंजन वाले वाहनों की अगले कुछ साल तक खासी मांग रहेगी।
सोसायटी ऑफ मैन्युफैक्चररर्स ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल (एसएमईवी) के मुताबिक, भारत में मौजूदा वित्त वर्ष में अभी तक 8,16,050 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए हैं। इनमें से 62 फीसदी दोपहिया हैं और सिर्फ 3.7 फीसदी चार पहिया। वाणिज्यिक वाहनों की हिस्सेदारी इसमें महज 0.19 फीसदी रही है।
इसके बाद भी विश्लेषकों का मानना है कि निवेशक गिरावट में वाहन शेयरों की खरीद की रणनीति अपना सकते हैं क्योंकि आने वाले समय में कुल बिक्री स्थिर बने रहने की संभावना है। ज्यादातर वाहन शेयरों ने बेंचमार्क निफ्टी-50 और निफ्टी ऑटो सूचकांकों के मुकाबले कैलेंडर वर्ष 22 में उम्दा प्रदर्शन किया है।
महिंद्रा ऐंड महिंद्रा में 49 फीसदी, आयशर मोटर्स में 24.5 फीसदी और अशोक लीलैंड में इस अवधि में 17 फीसदी की उछाल आई है। इस बीच, दोनों सूचकांकों ने क्रमश: 4.3 फीसदी और 15.3 फीसदी की बढ़त दर्ज की है। ऐस इक्विटी के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।