दक्षिण अफ्रीका में कोविड-19 के नए वेरिएंट सामने आने के बाद भारत समेत ज्यादातर वैश्विक बाजार पटरी से उतर गए और एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स कारोबारी सत्र के दौरान 1,688 अंक फिसल गया। हालांकि बाजार में थोड़ा सुधार हुआ लेकिन विश्लेषकों ने निवेशकों को सलाह दी है कि वे सतर्कता बरतेंं और कुछ भी खरीदने की कोशिश न करें।
जेफरीज के वैश्विक प्रमुख (इक्विटी रणनीति) क्रिस्टोफर वुड ने अपने साप्ताहिक नोट ग्रीड ऐंड फियर में लिखा है, सर्दी तेजी से उत्तरी गोलार्ध को अपने घेरे में ले रही है, ऐसे में कोविड का नया रूप स्पष्ट रूप से ग्रीड ऐंड फियर की सिफारिश वाले साइक्लिकल ट्रेड के लिए सबसे बड़ा जोखिम है।
बी1.1.529 वेरिएंट सबसे पहले बोत्सवाना में पाया गया और यह तेजी से दक्षिणी अफ्रीका में फैल गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वेरिएंट में टीके की प्रतिरक्षा को भेदने की क्षमता है। निवेशकों को डर है कि इस घटनाक्रम से विभिन्न देश एक बार फिर लॉकडाउन के लिए बाध्य हो सकते हैं और पहले से ही क्षणभंगुर आर्थिक सुधार को पटरी से उतार सकता है। इसके परिणामस्वरूप ज्यादातर एशियाई बाजार टूटे। जापान का निक्केई 2.5 फीसदी फिसला जबकि स्ट्रेट टाइम्स में करीब 1.7 फीसदी की गिरावट आई। शांघाई कम्पोजिट, कोस्पी और ताइवान में 0.6 से 1.5 फीसदी की गिरावट आई।
प्रभुदास लीलाधर के ए. अग्रवाल ने हालिया नोट में कहा है, हम दिसंबर के ट्रेंड पर नजर रखेंगे क्योंंकि अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन और रूस ने कोविड के मामलों में तीव्र बढ़ोतरी देखी है। दिसंबर के आखिर तक की अवधि में भारी जोखिम है क्योंंकि त्योहारी सीजन और लोगों की मुक्त आवाजाही से भारत मेंं कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। उन्होंने कहा, हम भारतीय बाजारों व अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक नजरिया बनाए हुए हैं लेकिन अल्पावधि के अवरोध से इनकार नहींं करते।
19 अक्टूबर को 52 हफ्ते की ऊंचाई 62,245 पर पहुंचने के बाद सेंसेक्स पहले ही करीब 8 फीसदी गिर चुका है। अगर तकनीकी विश्लेषकों की मानें तो इंडेक्स और लुढ़क सकता है।
कैपिटलवाया ग्लोबल रिसर्च के वरिष्ठ शोध विश्लेषक लिखिता चेपा ने कहा, हमारा शोध बताता है कि 57,200 का स्तर सेंसेक्स के लिए सपोर्ट का काम कर सकता है। अगर सेंसेक्स इस स्तर पर नहींं टिक पाता है तो हम अगले कुछ सत्र में उसे 56,800-56,300 के स्तर पर ट्रेड करते देख सकते हैं।
इक्विनॉमिक्स रिसर्च के संस्थापक व मुख्य निवेश अधिकारी जी. चोकालिंगम का मानना है कि शुक्रवार को बाजार ने जरूरत से ज्यादा प्रतिक्रिया जताई। उनका कहना है कि ज्यादा जोखिम उठाने वाले निवेशक निचले स्तर पर रक्षात्मक शेयर खरीदने पर विचार कर सकते हैं।
उनकी सलाह है, हमें नहीं पता कि नया वेरिएंट कितना गंभीर है, लेकिन लगता है कि बाजार ने अत्याधिक एहतियात बरत लिया। हमें देखना चाहिए अगले कुछ दिनों में कैसी स्थितियां रहती हैं। अगर किसी के पास जोखिम उठाने की क्षमता है तो रक्षात्मक शेयरों मसलन फार्मा व एफएमसीजी में निचले स्तर पर निवेश किया जा सकता है।
