अदाणी पावर, बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) और चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट ऐंड फाइनैंस उन शेयरों में शामिल हैं जो मिडकैप श्रेणी से लार्जकैप में शामिल किए जा सकते हैं। इन शेयरों को म्युचुअल फंड उद्योग संगठन एम्फी द्वारा किए जाने वाले छमाही शेयर पुन: वर्गीकरण शेयर बदलाव कार्यक्रम के दौरान स्थानांतरित किया जा सकता है। इस बीच, टॉरंट फार्मास्युटिकल्स, एचडीएफसी एएमसी और गोदरेज प्रोपर्टीज उन सात शेयरों में शामिल हैं जो लार्जकैप से मिडकैप में जा सकते हैं। जीवन बीमा निगम (एलआईसी) और अदाणी विल्मर जैसे नए सूचीबद्घ शेयरों का बाजार पूंजीकरण 5.5 लाख करोड़ रुपये और 82,000 करोड़ रुपये से अधिक है और उन्हें सीधे तौर पर लार्ज-कैप श्रेणी में जगह दिए जाने की संभावना है। मिडकैप में शामिल होने वाले नए शेयरों में डेलिवरी, वेदांत फैशंस और मदरसन सूमी वायरिंग (विलय समाप्त होने के बाद गठित) शामिल हैं। अन्य आठ शेयर स्मॉलकैप से मिडकैप में जा सकते हैं। इनमें टाटा टेलीसर्विसेज, केपीआर मिल्स और तानला प्लेटफॉम्र्स शामिल हैं।
शेयरों के पुन: वर्गीकरण के लिए समीक्षा अवधि 30 जून को समाप्त हो रही है और ये बदलाव जुलाई के पहले सप्ताह में एम्फी द्वारा प्रकाशित कराए जाने हैं। लार्जकैप या मिडकैप सूची में शामिल होने वाले शेयरों के संदर्भ में अगले कुछ सप्ताहों में शेयर कीमतों में किसी तरह की तेजी देखी जा सकती है।
लार्जकैप के लिए शेयरों की रैंकिंग उनके पूरे बाजार पूंजीकरण के मामले में 1 और 100 के बीच रखी गई है, वहीं मिडकैप के लिए 101-250 के बीच रैंक जबकि 251 से ऊपर की रैंक वाले शेयरों को स्मॉलकैप के तौर पर वर्गीकृत किया जाता है।
स्मार्टकर्मा पर प्रकाशित पेरिस्कोप एनालिटिक्स के विश्लेषक फ्रीटास का कहना है, ‘ऊपरी दर्जे की ओर स्थानांतरित शेयरों ने निचले स्तरों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है। ये अगले कुछ सप्ताहों के दौरान कुछ और अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं और उसके बाद इनमें नरमी आ सकती है।’
इस शेयर पुन: वर्गीकरण से सक्रिय तौर पर प्रबंधित योजनाओं के पोर्टफोलियो में बदलाव को बढ़ावा मिल सकता है। उदाहरण के लिए, लार्जकैप फंड श्रेणी की प्रबंधन अधीन परिसंपत्तियां करीब 2.3 लाख करोड़ रुपये हैं, और उन्हें अपनी निवेशित पूंजी का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा लार्जकैप शेयरों में रखने की जरूरत होगी। इसके परिणामस्वरूप, लार्जकैप श्रेणी में जाने वाले शेयरों में खरीदारी बढ़ सकती है, जबकि इससे निकलकर अन्य श्रेणी में जाने वालों में बिकवाली दबाव देखा जा सकता है। इंडेक्स फंड पुन: वर्गीकरण के विपरीत, ऐक्टिवक फंडों में कुछ स्वायत्तता होती है कि क्या वे उन शेयरों में निवेश बनाए रख सकते हैं जो उनमें निवेश से बाहर हुए हों।
सक्रिय तौर पर प्रबंधित म्युचुअल फंड योजनाओं को अपने पोर्टफोलियो समायोजित करने के लिए एक महीना दिया जाता है।
आईआईएफएल रिसर्च के विश्लेषण से पता चलता है कि अदाणी पावर को अभी लार्जकैप या मिडकैप किसी भी श्रेणी में शामिल नहीं किया गया है। इसकी वजह से इस शेयर में लार्जकैप-केंद्रित योजनाओं से कुछ खरीदारी दिलचस्पी देखी जा सकती है। इस बीच, लार्जकैप फंडों का निवेश चोलामंडलम इन्वेस्टमेंट में पहले से ही 1,000 करोड़ रुपये और बीओबी में 500 करोड़ रुपये से अधिक है। इसके अलावा लार्जकैप योजनाओं का निवेश उन प्रत्येक शेयरों में 400 करोड़ रुपये से ज्यादा का है जिन्हें निचली श्रेणी से मिडकैप में शामिल किए जाने की संभावना है। इनमें टॉरंट फार्मा, गोदरेज प्रॉपर्टीज और जुबिलेंट फूडवक्र्स मुख्य तौर पर शुमार हैं। आईआईएफएल के अनुसार, मौजूदा समय में मिडकैप योजनाओं का गुजरात स्टेट पेट्रोनेट, सनोफी इंडिया और नैटको फार्मा (355 करोड़ रुपये) में अच्छा निवेश है, जिन्हें मिडकैप से स्मॉलकैप में शामिल किए जाने की संभावना है।
