अस्पतालों में पिछले साल इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या में करीब 7 से 8 फीसदी की वृद्धि देखने को मिली है। इससे देश के बड़े अस्पतालों द्वारा बेड बढ़ाने में किए जा रहे निवेश को बढ़ावा मिला है। उद्योग के अंदरूनी सूत्रों ने यह जानकारी दी।
देश के 33 अस्पतालों में 9,500 बेड वाले मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी दिलीप जोस ने पिछल दिनों कहा, ‘मरीजों तक आसानी से पहुंच और जागरूकता के कारण इस क्षेत्र में इलाज कराने वाले रोगियों की संख्या करीब 7 से 8 फीसदी बढ़ गई है।’
जोस ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद साल 2023 में चिकित्सा उपकरणों और बेड बढ़ाने के लिए निवेश तेज हुआ है। उन्होंने कहा, ‘तकनीक के उन्नत होने में अधिक वक्त नहीं लगता है। अतिरिक्त बेड साल 2025 तक आने की संभावना है क्योंकि नए अस्पतालों के बनने और सुचारु होने में कम से कम दो से ढाई साल का वक्त लगता है।’
मणिपाल अस्पताल अगले 12 महीनों में दो नए अस्पतालों में करीब 600 बेड और उसके बाद के साल में दो और अस्पतालों में 700 बेड जोड़ेगा। जोस ने कहा, ‘स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी साल 2023 में कई एमऐंडए गतिविधियां देखी गईं। यह भी एक प्रवृत्ति है जो अगले कुछ वर्षों तक बरकरार रहनी चाहिए।’ मणिपाल अस्पताल ने पूर्वी भारत में इमामी ग्रुप से एएमआरआई हॉस्पिटल के अधिग्रहण के साथ साल 2023 में अतिरिक्त 1200 बेड जोड़े।
इस तरह, अपोलो हॉस्पिटल एंटरप्राइज लिमिटेड (एएचईएल) ने भी अगले तीन वित्त वर्षों के दौरान 3,400 करोड़ रुपये के निवेश से देश भर के 8 स्थानों पर 2,300 बेड जोड़ने की महत्त्वाकांक्षी योजना का ऐलान किया है। कंपनी ने हाल ही में कोलकाता के 225 बेड वाले अस्पताल का अधिग्रहण किया है।
अपोलो ने वित्त वर्ष 2025 के लिए 1,170 बेड जोड़ने के लिए 1,435 करोड़ रुपये खर्च करने का खाका तैयार किया है। इनमें से 375 बेड हैदराबाद के गाचीबावली में नए अस्पताल के रूप में आएंगे और शेष बेड या तो बेंगलूरु के पुराने अस्पतालों या फिर कोलकाता और पुणे के मौजूदा अस्पतालों में बढ़ाए जाएंगे।
वित्त वर्ष 2026 के लिए अपोलो ने 700 करोड़ रुपये का निवेश कर गुड़गांव और मैसूर में 690 बेड जोड़ने की योजना बनाई है और वित्त वर्ष 2027 में समूह 1,300 करोड़ के रुपये के निवेश के साथ चेन्नई और वाराणसी में 1,000 नए बेड जोड़ेगा। एएचईएल फिलहाल महानगरों में 4,570 बेड और बड़े शहरों में 3,195 बेड का प्रबंधन करता है। यह किसी भी अस्पताल द्वारा सर्वाधिक है।
एक अन्य बड़े अस्पताल फोर्टिस हेल्थकेयर का लक्ष्य अगले तीन वित्त वर्षों में 1,800 बेड जोड़ने का है। फोर्टिस हेल्थकेयर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्याधिकारी आशुतोष रघुवंशी ने कहा कि पिछले साल की तुलना में इस साल उन्होंने अपने नेटवर्क में करीब 250 बिस्तर जोड़े हैं। उन्होंने कहा, ‘आगे के लिए हमारे पास एक मजबूत योजना है। अगले तीन वर्षों के दौरान हमारा लक्ष्य करीब 1,800 बेड जोड़ने का है।’
फोर्टिस हेल्थकेयर ने क्षमता विस्तार और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। अगले तीन साल के दौरान अस्पताल ने बेड बढ़ाने और बुनियादी ढांचा सुधारने के लिए 2 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की योजना बनाई है।
रघुवंशी ने कहा, ‘चालू कैलेंडर वर्ष में फोर्टिस हेल्थकेयर ने लुधियाना की नई परियोजना को छोड़कर अपनी पुरानी परियोजनाओं में विस्तार के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण अपनाया है।’ उन्होंने कहा कि गुरुग्राम के मानेसर में हाल ही खरीदे गए 350 बेड वाले मेडोर अस्पताल का पहला चरण अप्रैल 2024 में शुरू हो जाएगा।
पश्चिमी भारत के जुपिटर लाइफ लाइन हॉस्पिटल (हाल ही में सूचीबद्ध हुई) जैसी छोटी अस्पताल श्रृंखला भी विस्तार की होड़ में हैं। वित्त वर्ष 2023 के 1,194 बेड से यह अगले कुछ वर्षों में 2,500 बेड करने की योजना बना रहा है और इसके लिए जमीन की तलाश कर रहा है। हैदराबाद में 2,296 बेड वाले यशोदा हॉस्पिटल ने भी शहर में अपनी क्षमता बढ़ा दी है। यशोदा हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर अमिदयाल लिंगैया ने कहा कि उन्होंने सिकंदराबाद में 28 बेड और सोमाजीगुडा में 16 बेड जोड़े हैं।
अस्पताल मुख्य रूप से बेड बढ़ाने को लेकर उत्साहित हैं क्योंकि मरीजों की संख्या बढ़ने से आमदनी भी बढ़ी है।
फोर्टिस के प्रति बेड (जिस पर मरीज हों) औसत राजस्व (एआरपीओबी) के बारे में रघुवंशी ने बताया कि विशेष पेशकशों में विविधता लाने पर हमारे रणनीतिक जोर से शीर्ष छह विशिष्टताओं में 13.4 फीसदी की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, ‘हमारे एआरपीओबी में 11.8 फीसदी बढ़ने की पुष्टि इस बात से होती है कि यह वित्त वर्ष 2024 की दूसरी तिमाही में 2.21 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.97 करोड़ रुपये थी।’
इसी तरह मणिपाल हेल्थ एंटरप्राइजेज ने कहा कि नैदानिक प्रक्रियाओं की जटिलता के कारण 5 से 7 फीसदी की वृद्धि हुई है। एएचईएल का एआरपीओबी वित्त वर्ष 23-24 की पहली छमाही में पिछले साल के मुकाबले 13 फीसदी बढ़ा।
रेटिंग एजेंसी इक्रा ने अपने डेटाबेस में नौ सूचीबद्ध कंपनियों का इस साल जनवरी से सितंबर तक के लिए प्रति दिन एआरपीओबी 49,089 रुपये बताया, जो पिछले साल के कैलेंडर वर्ष के दौरान 44,987 रुपये था। इक्रा ने उल्लेख किया कि नौ सूचीबद्ध कंपनियों ने इस साल जनवरी से सितंबर के दौरान 240 बेड जोड़े। इससे पहले यानी साल 2022 में 962 बेड जोड़े गए थे। यह वृद्धि धीमी है क्योंकि विस्तार योजना शुरू करने के बाद अस्पतालों को आमतौर पर चालू होने में दो से ढाई साल (24 से 30 महीने) लगते हैं।
इक्रा के सैंपल में नौ सूचीबद्ध कंपनियों का अस्पताल कारोबार शामिल है। इनमें एएचईएल, एस्टर डीएम हेल्थकेयर (भारतीय कारोबार), फोर्टिस हेल्थकेयर, हेल्थकेयर ग्लोबल एंटरप्राइजेज, कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, मैक्स हेल्थकेयर, नारायण हृदयालय, रेनबो चिल्ड्रन मेडिकेयर और शैल्बी शामिल हैं।