ओमीक्रोन (Omicron) की नई किस्म BF.7 के कारण दुनिया भर में तेजी से बढ़ते Covid-19 के मामलों के बीच पिछले कुछ दिनों में भारत में टीकाकरण (Vaccination) भी तेज हो गया है। हालांकि भारत में फिलहाल कोविड के मामले नहीं बढ़े हैं और रोजाना 150 से 200 मामले सामने आ रहे हैं। लेकिन संक्रमण में तेजी की आशंका के कारण दैनिक टीकाकरण दर दोगुनी हो गई है।
टीका विनिर्माताओं का कहना है कि बढ़ती मांग पूरी करने के लिए पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। दिसंबर के पहले 20 दिनों में देश में टीके की औसतन 42,591 खुराक रोज लगी थीं। लेकिन सरकार की ओर से सलाह जारी होने के बाद रोजाना 82,113 लोगों को टीके लग रहे हैं। 23 और 24 दिसंबर को तो रोज 1 लाख से ज्यादा टीके लगाए गए।
भले ही कोविड के मामलों में फिलहाल तेजी न दिख रही हो लेकिन तीसरी लहर की आशंका में लोग एहतियाती खुराक (Precaution dose) लेने लगे हैं। दिसंबर में आरंभ में देश में एहतियाती खुराक की संख्या घटकर 25,000 से कम रह गई थी मगर अब उसमें तेजी दिख रही है और रोजाना 50,000 से ज्यादा लोग एहतियातन खुराक ले रहे हैं।
एहतियाती खुराक की ही मांग नहीं बढ़ी है बल्कि दूसरी खुराक की मांग में भी तेजी दिख रही है। कोविड टीके की दूसरी खुराक की दैनिक मांग 12,000 से कम रह गई थी जो 26 दिसंबर को बढ़कर 16,152 (सात दिनों का औसत) हो गई। भारत में 12 वर्ष या इससे अधिक उम्र की 97 फीसदी आबादी का टीकाकरण हो चुका है लेकिन इसमें महज 90 फीसदी आबादी ने ही दूसरी खुराक ली है। एहतियाती खुराक भी केवल 27 फीसदी आबादी ने ली है।
टीकाकरण में तेजी के बीच सवाल पैदा होता है कि यदि मांग बढ़ी तो क्या भारत के पास टीके का पर्याप्त स्टॉक मौजूद रहेगा? टीका विनिर्माताओं का कहना है कि मांग में किसी भी तेजी को पूरा करने के लिए उनके पास पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सूत्रों ने संकेत दिया कि कंपनी के पास कोविशील्ड (Covishield) की करीब 2 करोड़ खुराक हैं।
उन्होंने कहा, ‘अब हम नोवावैक्स टीके (भारत में कोवोवैक्स नाम से) का भी उत्पादन कर रहे हैं। अब तक हम इसका मुख्य तौर पर निर्यात करते थे। हम अमेरिका को लाखों खुराक का निर्यात पहले ही कर चुके हैं। भारत के लिए भी हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है।’ इस बीच भारत बायोटेक ने कहा है कि वह कोविड-19 के लिए अपना नेजल वैक्सीन उतारेगी। इसे जनवरी के अंतिम सप्ताह में मंजूरी मिल ही चुकी है। निजी बाजार में इसकी कीमत 800 रुपये प्रति खुराक होगी और नाक के रास्ते इसे आसानी से लिया जा सकता है। अस्पतालों में कीमत देकर टीके लगवाने लोगों की आवक ज्यादा नहीं है मगर बगैर सुई के नेजल वैक्सीन के बारे में पूछताछ बढ़ रही है।
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मुंबई में 400 बिस्तरों वाले पीडी हिंदुजा अस्पताल के सीओओ जॉय चक्रवर्ती ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि नेजल वैक्सीन के लिए काफी पूछताछ हो रही है। भारत की दूसरी सबसे बड़ी निजी अस्पताल श्रृंखला मणिपाल हॉस्पिटल्स के एमडी एवं सीईओ दिलीप जोस ने कहा, ‘हमें फिलहाल मांग में कोई खास तेजी नहीं दिख रही है। हमें इसके लिए हफ्ते भर इंतजार करना चाहिए।’
कमजोर मांग के कारण सितंबर के बाद सीरम और भारत बायोटेक के लाखों खुराक टीके एक्सपायर हो चुके हैं। सीरम की करीब 10 करोड़ खुराक एक्सपायर हो गईं और भारत बायोटेक की करीब 5 करोड़ कोवैक्सीन खुराक 2023 के आरंभ तक एक्सपायर होने वाली हैं।