Skip to content
  रविवार 26 मार्च 2023
Trending
March 26, 2023NCLAT: अक्टूबर-दिसंबर में सिर्फ 15 फीसदी दिवाला मामलों का समाधान, वसूली 27 फीसदीMarch 26, 2023Swiss Open 2023: स्विट्जरलैंड में लहराया तिरंगा, सात्विक-चिराग बने चैंपियन, फाइनल में चीनी जोड़ी को दी मातMarch 26, 2023Mutual Fund: पैसों से है प्यार तो 31 मार्च से पहले घोषित करें ‘नॉमिनी’ का नाम, नहीं तो बंद हो जाएंगे खातेMarch 26, 2023मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ी, हरियाणा दे रहा सबसे अधिक पैसा; जानिए अन्य राज्यों का क्या है हालMarch 26, 2023सिविल सेवा में भर्ती प्रक्रिया की अवधि कम कर परीक्षार्थियों की संख्या का आकलन करे UPSC : समितिMarch 26, 20231 अप्रैल से बढ़ जाएगी पान मसाला और तंबाकू की कीमतें ! सरकार ने इन उत्पादों पर अधिकतम GST उपकर की सीमा तय कीMarch 26, 2023Housing Sales: सात प्रमुख शहरों में जनवरी-मार्च में घरों की बिक्री 14 फीसदी बढ़कर 1.13 लाख इकाई परMarch 26, 2023RBI MPC Meet: रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक तीन अप्रैल से, ब्याज दर में 0.25 फीसदी की और वृद्धि संभवMarch 26, 2023AC बाजार को थी दोगुनी बिक्री की आस, मगर बेमौसम बारिश ने कर दिया निराशMarch 26, 2023Reliance ने कसी कमर ! FMCG सेक्टर में स्थापित ब्रांड को चुनौती देने की तैयारी
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • बजट 2023
  • अर्थव्यवस्था
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
    • विशेष
    • आज का अखबार
    • ताजा खबरें
    • अंतरराष्ट्रीय
    • वित्त-बीमा
      • फिनटेक
      • बीमा
      • बैंक
      • बॉन्ड
      • समाचार
    • कमोडिटी
    • खेल
    • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  • होम
  • अर्थव्यवस्था
  • बजट 2023
  • बाजार
    • शेयर बाजार
    • म्युचुअल फंड
    • आईपीओ
    • समाचार
  • कंपनियां
    • स्टार्ट-अप
    • रियल एस्टेट
    • टेलीकॉम
    • तेल-गैस
    • एफएमसीजी
    • उद्योग
    • समाचार
  • पॉलिटिक्स
  • लेख
    • संपादकीय
  • आपका पैसा
  • भारत
    • उत्तर प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़
    • बिहार व झारखण्ड
    • राजस्थान
    • अन्य
  • मल्टीमीडिया
    • वीडियो
  • टेक-ऑटो
  • विशेष
  • विविध
    • मनोरंजन
    • ट्रैवल-टूरिज्म
    • शिक्षा
    • स्वास्थ्य
  • अन्य
  • आज का अखबार
  • ताजा खबरें
  • खेल
  • वित्त-बीमा
    • बैंक
    • बीमा
    • फिनटेक
    • बॉन्ड
  • BS E-Paper
बिज़नेस स्टैंडर्ड
  ताजा खबरें  आरटीआई को बना पाएंगे सार्थक !
ताजा खबरें

आरटीआई को बना पाएंगे सार्थक !

बीएस संवाददाता बीएस संवाददाता —November 2, 2020 12:06 AM IST
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) के अधिकारियों को लेकर आमतौर पर यही धारणा होती है कि वे बुद्धिजीवी होते हैं जो विदेश में खूबसूरत जगहों पर रहते हैं, वहां देश के हितों की रक्षा करते हैं और उन पर काम का बोझ ज्यादा नहीं होता है। लेकिन इनका एक दूसरा पक्ष भी है। इन अधिकारियों को प्रशासनिक प्रणाली को सुव्यवस्थित करने के साथ-साथ आमतौर पर उन लोगों के लिए भी काम करना होता है जो स्वदेश से दूर हैं और उन्हें अपनी जड़ों से जुड़े रहने के लिए दूतावास/उच्चायोग के संपर्क सूत्र का इस्तेमाल करना होता है। हालांकि भारतीय राजनयिक तभी सफल हो सकते हैं जब वे बड़ी सहजता के साथ दूसरे काम करने के लिए भी तैयार हो सकते हैं।
मिसाल के तौर पर भारतीय विदेश सेवा के 1981 बैच के यशवद्र्धन  सिन्हा को ही ले लीजिए जिनकी विदेश सेवा में आखिरी नौकरी लंदन में भारत के उच्चायुक्त की थी। उन्हें महज एक साल और दस महीने तक सूचना आयुक्त रहने के बाद मुख्य सूचना आयुक्त (सीआईसी) नियुक्त किया गया है। श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त के तौर पर सिन्हा ने विस्थापितों के लिए मकान-निर्माण की प्रक्रिया की देखरेख की थी। भारत ने श्रीलंका के उत्तरी, पूर्वी और मध्य प्रांतों में विस्थापितों के लिए 15,000 मकानों का निर्माण किया और इसे इसके लिए विश्व पुरस्कार के लिए नामित भी किया गया था। सिन्हा ने देश की आपराधिक न्याय प्रणाली का मार्गदर्शन भी किया जब चार भारतीय मछुआरों को कथित तौर पर ड्रग्स की तस्करी के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन उन्हें रिहा कर घर वापस भेज दिया गया, हालांकि उनके खिलाफ  लगे आरोप नहीं हटाए गए। सिन्हा ने श्रीलंका में 2015 में राष्ट्रीय एम्बुलेंस सेवा की शुरुआत करने में मदद भी की थी और कोविड-19 संक्रमण के दौरान कई लोगों की जान बचाने में यह सेवा सार्थक साबित हुई।
वह जब संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में तैनात थे तब उन्हें भी अन्य भारतीय राजदूतों की तरह प्रवासी कामगारों की आजीविका और अधिकार सुनिश्चित करने के लिए वहां की व्यवस्था से संघर्ष करना पड़ा। पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ईरान (पीएआई) डिवीजन में संयुक्त सचिव के रूप में वह भारत में पाकिस्तानी कैदियों और पाकिस्तानी जेलों में भारतीय कैदियों के साथ होने वाले बरताव की निगरानी नियमित रूप से करते थे। ये सब ऐसी सामान्य घरेलू चिंताएं हैं जिनसे सभी राजनयिकों को निपटना होता है। सिन्हा सूचना आयुक्त बनने वाले दूसरे विदेश सेवा अधिकारी हैं। शरत सभरवाल विदेश सेवा के पहले ऐसे अधिकारी थे।
सूचना के अधिकार से जुड़े कार्यकर्ताओं का मानना है कि इस कानून को पिछले साल जुलाई में संसद द्वारा पारित सूचना के अधिकार कानून में संशोधन के जरिये कमजोर कर दिया गया।  सरकार अब सूचना आयुक्तों के  वेतन, भत्तों और सेवा की अन्य शर्तों को नियंत्रित करती है। विपक्षी दलों का तर्क था कि सरकार को आरटीआई अधिकारियों के रोजगार और उनके वेतनमान पर फैसला लेने के लिए अधिकृत करना सूचना आयुक्तों की स्वायत्तता में कटौती का एक तरीका था। सूचना के जनअधिकार के लिए राष्ट्रीय अभियान (एनसीपीआरआई) जैसे संगठनों का कहना है कि आरटीआई आयुक्तों की स्वतंत्रता को कम करना स्थायी समिति की इस सिफारिश के खिलाफ  जाता है कि उन्हें वास्तव में चुनाव आयुक्तों की तरह का दर्जा दिया जाना चाहिए।
सिन्हा को सूचना आयुक्त के तौर पर उन्हें दिल्ली का प्रभार दिया गया था उनके आदेश भी उनके काम के तरीके की तस्दीक करते हैं। दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी) भर्ती के लिए प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करता है पर उम्मीदवारों को उत्तर पुस्तिका देखने की इजाजत नहीं देता है। एक उम्मीदवार ने असफल होने पर आरटीआई आवेदन देकर उत्तर पुस्तिका देखने की मांग की थी। बोर्ड ने कोई जानकारी नहीं दी। जब सिन्हा ने संपर्क किया तो डीएसएसएसबी ने कहा कि अभ्यर्थियों को उत्तर पुस्तिका की कॉपी देने से परीक्षक की पहचान उजागर होगी। यह पूरा पत्राचार सूचना आयोग की वेबसाइट पर है। सिन्हा ने आदेश दिया कि परीक्षकों के नाम रिकॉर्ड किए जाएं और आवेदक को सूचना दी जाए। यह मामूली पर अहम  जीत थी जो उन नियमों के खिलाफ  है जिसका कोई मतलब नहीं है।
मुख्य सूचना आयुक्त के रूप में अब सिन्हा को उस लड़ाई को लडऩा होगा जिसने आरटीआई को लगातार कमजोर किया है और अब इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है। सूचना आयुक्तों के पद न सिर्फ  केंद्र में बल्कि राज्यों में भी वर्षों से खाली पड़े हैं। अगर वह इस भावना के साथ पूरे तंत्र में बदलाव ला सकते हैं कि आरटीआई एक मौका है बल्कि खतरा नहीं है तो इससे महत्त्वपूर्ण जीत मिल सकती है।

आईएफएसआरटीआईप्रशासनिक प्रणालीबुद्धिजीवीभारतीय विदेश सेवाविदेश
FacebookTwitterLinkedInWhatsAppEmail

संबंधित पोस्ट

  • संबंधित पोस्ट
  • More from author
कंपनियां

एवलॉन टेक्नोलॉजीज का आईपीओ तीन अप्रैल को खुलेगा

March 25, 2023 4:59 PM IST
अन्य

PM Modi ने कर्नाटक में निशुल्क सेवाएं देने वाले मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का किया उद्घाटन

March 25, 2023 1:41 PM IST
अन्य

बेंगलुरु से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद ही लखनऊ जा रहे विमान की आपात लैंडिंग

March 11, 2023 2:55 PM IST
अन्य समाचार

कारीगरों की मदद के लिए ‘मिशन मोड’ में काम करने की जरूरत: प्रधानमंत्री मोदी

March 11, 2023 11:57 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

भारतीय अमेरिकी गायकवाड़ फ्लोरिडा के विश्वविद्यालय के न्यासी मंडल में पुन: नियुक्त

March 25, 2023 9:05 AM IST
अंतरराष्ट्रीय

RBI के बोर्ड ने वैश्विक घटनाओं के पड़ने वाले प्रभाव की समीक्षा की

March 24, 2023 11:30 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

भारत के साथ संबंध सुधारेगा पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, ग्रीन टेक्नोलॉजी पर होगा विशेष ध्यान

March 24, 2023 11:29 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

ऐक्सेंचर में छंटनी के ऐलान से आईटी पेशेवर हैरान-परेशान

March 24, 2023 10:39 PM IST
आपका पैसा

वित्त विधेयक 2023 में संशोधन से टैक्सपेयर्स को मिली राहत, सात लाख रुपये से ऊपर केवल अतिरिक्त आय पर ही देना होगा टैक्स

March 24, 2023 6:47 PM IST
अंतरराष्ट्रीय

World TB Day 2023: WHO ने टीबी के खात्मे के लिए सरकारी और सामाजिक स्तर पर सहयोग का आह्वान किया

March 24, 2023 4:54 PM IST

Trending Topics


  • Stocks To Watch
  • Share Market Today
  • Hindenburg | Jack Dorsey
  • DDMA | Mock Drill on Earthquake
  • Narendra Modi
  • Google Doodle
  • Corona Update
  • Rupee vs Dollar

सबकी नजर


NCLAT: अक्टूबर-दिसंबर में सिर्फ 15 फीसदी दिवाला मामलों का समाधान, वसूली 27 फीसदी

March 26, 2023 6:08 PM IST

Swiss Open 2023: स्विट्जरलैंड में लहराया तिरंगा, सात्विक-चिराग बने चैंपियन, फाइनल में चीनी जोड़ी को दी मात

March 26, 2023 5:37 PM IST

Mutual Fund: पैसों से है प्यार तो 31 मार्च से पहले घोषित करें ‘नॉमिनी’ का नाम, नहीं तो बंद हो जाएंगे खाते

March 26, 2023 5:20 PM IST

मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ी, हरियाणा दे रहा सबसे अधिक पैसा; जानिए अन्य राज्यों का क्या है हाल

March 26, 2023 5:18 PM IST

सिविल सेवा में भर्ती प्रक्रिया की अवधि कम कर परीक्षार्थियों की संख्या का आकलन करे UPSC : समिति

March 26, 2023 5:05 PM IST

Latest News


  • NCLAT: अक्टूबर-दिसंबर में सिर्फ 15 फीसदी दिवाला मामलों का समाधान, वसूली 27 फीसदी
    by भाषा
    March 26, 2023
  • Swiss Open 2023: स्विट्जरलैंड में लहराया तिरंगा, सात्विक-चिराग बने चैंपियन, फाइनल में चीनी जोड़ी को दी मात
    by भाषा
    March 26, 2023
  • Mutual Fund: पैसों से है प्यार तो 31 मार्च से पहले घोषित करें ‘नॉमिनी’ का नाम, नहीं तो बंद हो जाएंगे खाते
    by भाषा
    March 26, 2023
  • मनरेगा के तहत मजदूरी बढ़ी, हरियाणा दे रहा सबसे अधिक पैसा; जानिए अन्य राज्यों का क्या है हाल
    by भाषा
    March 26, 2023
  • सिविल सेवा में भर्ती प्रक्रिया की अवधि कम कर परीक्षार्थियों की संख्या का आकलन करे UPSC : समिति
    by भाषा
    March 26, 2023
  • चार्ट
  • आज का बाजार
57527.10 
IndicesLastChange Chg(%)
सेंसेक्स57527
-3980.69%
निफ्टी57527
-3980%
सीएनएक्स 50014279
-1250.87%
रुपया-डॉलर82.24
--
सोना(रु./10ग्रा.)51317.00
0.00-
चांदी (रु./किग्रा.)66740.00
0.00-

  • BSE
  • NSE
CompanyLast (Rs)Gain %
ITI97.8411.19
Cyient1001.556.36
Minda Corp210.854.93
Adani Green1030.004.84
GE Shipping Co623.903.94
Zydus Wellness1531.353.89
आगे पढ़े  
CompanyLast (Rs)Gain %
ITI98.2012.04
Cyient1001.206.05
Adani Green1029.354.78
GE Shipping Co624.453.87
Adani Transmissi1124.553.70
Zydus Wellness1524.553.64
आगे पढ़े  

# TRENDING

Stocks To WatchShare Market TodayHindenburg | Jack DorseyDDMA | Mock Drill on EarthquakeNarendra ModiGoogle DoodleCorona UpdateRupee vs Dollar
© Copyright 2023, All Rights Reserved
  • About Us
  • Authors
  • Partner with us
  • Jobs@BS
  • Advertise With Us
  • Terms & Conditions
  • Contact Us