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नियामकीय मंजूरी के बगैर ला सकेंगे बीमा योजनाएं

Last Updated- December 11, 2022 | 6:21 PM IST

सभी स्वास्थ्य बीमा और करीब सभी सामान्य बीमा उत्पादों के लिए ‘यूज ऐंड फाइल’ प्रक्रिया को मंजूरी दिए जाने के बाद अब भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ने इसका विस्तार ज्यादातर जीवन बीमा पॉलिसियों तक कर दिया है। इसमें व्यक्तिगत बचत, व्यक्तिगत पेंशनों और एन्युटी उत्पादों को शामिल नहीं किया गया है। इसका मतलब यह है कि जीवन बीमा कंपनियां इन उत्पादों को बीमा नियामक की पूर्व अनुमति के बगैर उतार सकती हैं।
इस समय सभी जीवन बीमा प़ॉलिसियों को पेश किए जाने के पहले बीमा नियामक की मंजूरी लेनी होती है। नियामक का यह कदम इरडा के नए चेयरमैन देवाशीष पांडा के सुधार एजेंडे के मुताबिक है। अप्रैल की शुरुआत में बीमा उद्योग के कारोबारियों के साथ बैठक में पांडा ने अपना रुख साफ करते हुए कहा था कि नियामक इस सेक्टर में बहुत जरूरी कई बदलाव लाने को इच्छुक है और इसमें से एक उत्पाद के प्रमाणन की प्रक्रिया में बदलाव है,  जिससे कारोबारी ‘फाइल ऐंड यूज’ की जगह ‘यूज ऐंड फाइल’ की व्यवस्था का पालन करने में सक्षम होंगे। नियामक ने एक अधिसूचना में कहा है, ‘जीवन बीमा उद्योग को उभरते बाजार की जरूरतों के मुताबिक बीमा पॉलिसियों की डिजाइन औऱ कीमत तय करके तेजी से सेवाएं मुहैया कराने और काराबोर सुगमता के लिए यह फैसला किया गया है कि यूज ऐंड फाइल प्रक्रिया की संभावनों का विस्तार जीवन बीमा पॉलिसियों तक किया जाए।’
शुक्रवार को जारी एक बयान में नियामक ने कहा, ‘पहले जब उद्योग शुरुआती अवस्था में था तो बीमा कंपनियों के लिए यह अनिवार्य किया गया था कि कोई जीवन बीमा पॉलिसी पेश करने के पहले मंजूरी ली जाए। बहरहाल उद्योग के परिपक्व होने पर अब यह जरूरत हो गई है कि ढील दी जाए।’
नियामक ने कहा, ‘जीवन बीमा उद्योग से उम्मीद की जाती है इस अवसर का लाभ उठाए और उभरते बाजार की जरूरत के मुताबिक तेजी से प्रतिक्रिया दे। इससे बीमा पॉलिसियों की डिजाइनिंग औऱ कीमत को लेकर पॉलिसीधारकों को औऱ विकल्प मिल सकेगा। इससे भारत में बीमा की पहुंच और बढ़ाने में मदद मिलेगी।’
यूज ऐंड फाइल के लाभ लेने के लिए जीवन बीमा कंपनियों को अब बोर्ड अप्रूव्ड प्रोडक्ट मैनेजमेंट ऐंड प्राइसिंग पॉलिसी की जरूरत होगी। बीमा कंपनियों के बोर्ड को एक उत्पाद प्रबंधन समिति (पीएमसी) बनाना होगा, जिसमें एक नियुक्त एक्चुअरी, मुख्य जोखिम अधिकारी, मुख्य विपणन/वितरण अधिकारी, मुख्य तकनीक अधिकारी और मुख्य अनुपालन अधिकारी सदस्य के रूप में शामिल होंगे। इसके अलावा बीमाकर्ता अपने वरिष्ठ प्रबंधन में से अन्य सदस्यों को पीएमसी के सदस्य या आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल कर सकता है।
पीएमसी को बोर्ड अप्रूव्ड प्रोडक्ट मैनेजमेंट ऐंड प्राइसिंग पॉलिसी की तर्ज पर उत्पादों/राइडर्स की समीक्षा और मंजूरी का काम दिया जाएगा। यह काम यूज ऐंड फाइल प्रक्रिया के तहत बीमा नियामक के पास फाइलिंग के पहले किया जाएगा। पीएमसी यह सुनिश्चित करेगी कि बिक्री के ब्योरों  में इसके लाभों, सेवा एवं शर्तों को पॉलिसी दस्तावेजों में दिया जाए। इसके अलावा पीएमसी को उचित उत्पाद की डिजाइन, उचित मूल्य के निर्धारण करने, पूंजी जरूरतों, लाभप्रदता, अंडरराइटिंग, पुनर्बीमा आदि से संबंधित जोखिमों सहित पॉलिसी के विभिन्न जोखिमों और प्रतिस्पर्धा पर नजर रखने का काम भी सौंपा जाएगा।

First Published - June 11, 2022 | 12:53 AM IST

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