प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट (Alphabet) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) सुंदर पिचाई ने पेरिस में एआई एक्शन समिट (Paris AI Action Summit) के दौरान मुलाकात की और इस दौरान दोनों ने कृत्रिम मेधा (एआई) से भारत में उत्पन्न ‘‘अविश्वसनीय अवसरों’’ पर चर्चा की।
भारतीय मूल के अल्फाबेट इंक के सीईओ ने इस बात पर भी चर्चा की कि किस प्रकार गूगल और भारत, देश में ‘‘डिजिटल बदलाव’’ पर मिलकर काम कर सकते हैं।
पिचाई ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ आज पेरिस में एआई एक्शन समिट के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर बहुत अच्छा लगा। हमने एआई द्वारा भारत में लाए जाने वाले अविश्वसनीय अवसरों और भारत के डिजिटल बदलाव पर हम किस तरह मिलकर काम कर सकते हैं, इस पर चर्चा की।’’
Delighted to meet with PM @narendramodi today while in Paris for the AI Action Summit. We discussed the incredible opportunities AI will bring to India and ways we can work closely together on India’s digital transformation pic.twitter.com/OXA3vfQ6OT
— Sundar Pichai (@sundarpichai) February 11, 2025
मोदी और पिचाई के बीच आखिरी मुलाकात सितंबर 2024 में न्यूयॉर्क में हुई थी। प्रधानमंत्री मोदी ने पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक्शन समिट’ की मंगलवार को सह-अध्यक्षता की थी।
भारत मूल के सुंदर पिचाई दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल और अल्फाबेट के सीईओ हैं और अल्फाबेट के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सदस्य भी हैं। उनके नेतृत्व में, गूगल नवीनतम एआई तकनीकों से संचालित उत्पादों और सेवाओं के विकास पर केंद्रित है, जो छोटे से बड़े हर महत्वपूर्ण क्षण में सहायता प्रदान करते हैं।
तमिलनाडु के चैन्नई में जन्मे सुंदर पिचाई ने आईआईटी, खड़गपुर से इंजीनियरिंग में स्नातक किया था। उसके बाद अमेरिका के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों से तकनीति में पोस्ट ग्रेजुएट एवं एमबीए की डिग्री हासिल की। हाल के वर्षों में सुंदर पिचाई कई बार दुनिया के सबसे ज्यादा सैलेरी पाने वाले प्रोफेशनल्स की सूची में शीर्ष पर रह चुके हैं।
एआई एक अद्वितीय तकनीक है। एआई हमारी ज़िंदगी में एक बार आने वाली क्रांतिकारी तकनीक है। इस तरह की चर्चाएँ, जो सहयोग और ठोस कार्यों पर केंद्रित हैं, इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने में मदद करेंगी। आज के सत्रों के समापन के अवसर पर, मैं कुछ उदाहरण साझा करना चाहता हूँ कि क्यों मैं एआई और इसकी संभावनाओं को लेकर इतना आशावादी हूँ—और कैसे यह तकनीक हर व्यक्ति, हर जगह लाभ पहुंचाने का अवसर प्रदान करती है। तकनीक से जीवन को बेहतर बनाना मेरे लिए व्यक्तिगत अनुभव है।
मैं चेन्नई, भारत में पला-बढ़ा। उस समय, नई तकनीक हमारे दरवाजे तक पहुंचने में समय लेती थी। उदाहरण के लिए, रोटरी फोन के लिए हमें पाँच साल इंतजार करना पड़ा। और जब यह आखिरकार आया, तो इसने हमारे जीवन को बदल दिया। पहले, मुझे अपनी माँ की ब्लड टेस्ट रिपोर्ट लेने के लिए चार घंटे की यात्रा करनी पड़ती थी। कई बार अस्पताल जाकर पता चलता कि रिपोर्ट तैयार नहीं है और अगले दिन फिर आना होगा। लेकिन फोन आने के बाद, हमें सिर्फ एक कॉल करना होता था। तभी मैंने महसूस किया कि तकनीक कैसे जीवन को बेहतर बना सकती है। इसी अनुभव ने मुझे संयुक्त राज्य अमेरिका तक पहुंचाया और गूगल नामक एक उभरते स्टार्टअप से जुड़ने का अवसर दिया।
मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि एक दिन मैं गूगल के तीन सहयोगियों को नोबेल पुरस्कार जीतने पर बधाई दूंगा, या अपने माता-पिता को बिना ड्राइवर वाली कार में घुमाने ले जाऊंगा—और यह सब संभव हुआ एक और क्रांतिकारी तकनीक एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की वजह से। हम अभी भी एआई के शुरुआती दौर में हैं। फिर भी, मुझे पूरा विश्वास है कि एआई हमारे जीवनकाल की सबसे गहरी तकनीकी क्रांति होगी। यह पर्सनल कंप्यूटिंग और मोबाइल युग से भी बड़ी तकनीकी बदलाव लाएगी और सूचना तक पहुंच को इंटरनेट से भी ज्यादा लोकतांत्रिक बनाएगी।
पिछले 18 महीनों में, एआई प्रोसेसिंग लागत में 97% की गिरावट आई है। एक समय था जब 10 लाख टोकन्स (एआई में डेटा प्रोसेसिंग की इकाई) को प्रोसेस करने में चार डॉलर लगते थे, लेकिन अब इसकी लागत सिर्फ 13 सेंट रह गई है। और आने वाले समय में यह लागत और कम होगी। इसका परिणाम यह होगा कि बुद्धिमत्ता पहले से कहीं अधिक सुलभ और उपलब्ध होगी।
एआई एक क्रांतिकारी बदलाव है। इस बदलाव को इतना गहरा और प्रभावशाली बनाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कारण हैं: एआई इंटरैक्शन अधिक स्वाभाविक और मानवीय हो रहे हैं। यह तकनीक हमारे अनुभव का केंद्र बिंदु बन रही है। यह हमारी क्षमताओं को बढ़ाती है, विशेषज्ञता की कमी को पूरा करती है और भाषाई व पहुंच जैसी बाधाओं को तोड़ती है।
एआई एक बहुआयामी तकनीक है। यह हर क्षेत्र, हर उद्योग और हर कंपनी द्वारा अपनाई जाएगी, जिसमें सार्वजनिक क्षेत्र भी शामिल है। एआई नवाचार, अवसर और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देगा। यह ज्ञान, रचनात्मकता और उत्पादकता में विस्फोटक वृद्धि लाएगा, जिससे आने वाले समय में दुनिया के भविष्य को रोमांचक तरीकों से आकार मिलेगा। एआई से अवसरों की कोई सीमा नहीं है। एआई का अवसर जितना बड़ा हो सकता है, उतना ही बड़ा है। अब यह इस कमरे में बैठे लोगों पर निर्भर है कि हम यह सुनिश्चित करें कि इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे।
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