भारत दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के लिए तैयार है और कोविड-19 टीके को मांग एवं प्राथमिकता के आधार पर विभिन्न समूहों को उपलब्ध कराया जाएगा। सरकार 50 वर्ष या उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों की पहचान करने के लिए लोकसभा एवं विधान सभा की नवीनतम मतदाता सूची की जायजा ले रही है। हालांकि इस आयु वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य देखभाल एवं फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को टीका लगाने के बाद ही टीका लगाया जाएगा। सरकार टीके की उपलब्धता के आधार पर 60 वर्ष से अधिक आयु वालों को प्राथमिकता दे सकती है। जल्द ही सरकार उस साइट की घोषणा करेगी जिस पर सभी संभावित लाभार्थियों को पंजीकरण करने के लिए कहा जाएगा।
टीकाकरण के पहले चरण में 30 करोड़ लोगों को शामिल किया जाएगा। जिसमें सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र में कार्यरत एक करोड़ स्वास्थ्य कर्मियों के साथ दो करोड़ सशस्त्र बलों, पुलिस कर्मियों, आपदा प्रबंधन स्वयंसेवकों और नगरपालिका श्रमिकों को शामिल किया जाएगा। शेष 27 करोड़ लोगों में 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग और 50 से कम उम्र के लेकिन बीमारी से ग्रसित लोगों को शामिल किया जाएगा। टीकाकरण के एक सत्र में 100 लाभार्थी होंगे जिन्हें डिजिटल प्लेटफॉर्म – कोविड-19 वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क (को-विन) प्रणाली के माध्यम से ट्रैक किया जाएगा। वैक्सीन केवल को-विन में पहले से पंजीकृत हुए लाभार्थियों को प्रदान की जाएगी और इसमें ऑन द स्पॉट पंजीकरण का प्रावधान नहीं होगा।
को-विन प्रणाली एक क्लाउड-आधारित आईटी प्लेटफॉर्म है जो लाभार्थी पंजीकरण, किसी संबंधित सत्र के लिए योजना बनाने के साथ ही टीकाकरण की रियल टाइम रिपोर्टिंग देगा और टीका हासिल करने वाले सभी लाभार्थियों को टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी करेगा।
एक बार जब कोई लाभार्थी को-विन प्रणाली पर पंजीकृत होता है, तो अगले चरण में ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, पेंशन दस्तावेज, मतदाता पहचान पत्र आदि फोटो पहचान दस्तावेजों के माध्यम से उनके विवरण का सत्यापन करना होगा। जिला प्रशासन एक एसएमएस के माध्यम से पंजीकरण को स्वीकार करेगा और टीकाकरण की तारीख और समय के बारे में लाभार्थी को सूचित करेगा। 3 से 4 सप्ताह के अंतर पर टीके की दो खुराक को पूरा करना आवश्यक है। प्रत्येक टीकाकरण सत्र के बाद लाभार्थी पर किसी भी दुष्प्रभावों की निगरानी के लिए लाभार्थी को टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक सत्र स्थल पर ही रहना होगा। विशेषज्ञों की एक समिति उच्च रक्तचाप मधुमेह, एचआईवी, कैंसर, हृदय रोग या पुरानी बीमारी से पीडि़त लोगों को प्राथमिकता देने के लिए मानदंड तैयार कर रही है।
दूसरे चरण के टीकाकरण के लिए अगली श्रेणी की प्राथमिकता समूह की लिए मार्गदर्शन, टीका प्रशासन पर बनी राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा घोषित की जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक दस्तावेज में कहा गया है कि दूसरे चरण के बारे में जानकारी, पंजीकरण प्रक्रिया और टीकाकरण सत्रों के क्रियान्वयन की अवधि के करीब समय दी जाएगी।