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कोविन ऐप पर डेटा संशोधित कर पाएंगे उपयोगकर्ता

Last Updated- December 11, 2022 | 9:50 PM IST

कोविन वेबसाइट में एक नया फीचर जोड़ा गया है। इसके तहत उपयोगकर्ता आंशिक टीकाकरण या टीका न लगवाए जाने के अपने स्टेट्स को संशोधित कर सकता है। अगर इस मंच पर टीके को लेकर गलत डेटा डाला गया हो तो उसे भी ठीक किया जा सकता है। शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गलत डेटा प्रविष्टि की वजह से जारी टीकाकरण प्रमाणपत्र को भी दुरुस्त किया जा सकता है। एक समय में एक मोबाइल नंबर से चार सदस्य पंजीकृत हो सकते हैं और अब उनकी तादाद भी बढ़ा कर छह कर दी गई है।
देश में शुक्रवार सुबह तक पिछले 24 घंटे में कोविड के 350,000 से अधिक नए मामले आए जो आठ महीने में सबसे ज्यादा हैं। रोजाना संक्रमण दर भी बढ़कर 17 प्रतिशत से अधिक हो गई। एक दिन में कोविड से मरने वालों की तादाद भी बढ़कर 703 हो गई। इनमें से केरल में मरने वालों की तादाद 309 रही।
सरकार के डेटा के मुताबिक संक्रमण बढऩे के साथ ही टीकाकरण की वजह से अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की तादाद कम रही। खुद से पंजीकरण कराने वाले मंच कोविन के नए अपडेट का मतलब यह है कि एक बड़ी आबादी टीके की दोनों खुराक लेने में सक्षम होगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘टीकाकरण के स्टेट्स को लाभार्थियों द्वारा ठीक किया जा सकता है जबकि कई दफा आईसोलेशन वाले मामले में, लाभार्थियों के टीकाकरण डेटा को अद्यतन करने की प्रक्रिया में टीका लगाने वाले से गलत डेटा प्िरवष्टि की वजह से टीकाकरण प्रमाणपत्र जारी हो जाता है।’ यह नया फीचर लाभार्थी के कोविन अकाउंट में ‘रेज ऐन इश्यू’ के तहत दिया गया है। डेटा को अद्यतन करने के बाद नए बदलाव तीन से सात दिन में नजर आते हैं जब ऑनलाइन निवेदन किया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, ‘मौजूदा मानक दिशानिर्देशों के मुताबिक जब नए टीकाकरण का स्टेट्स सिस्टम में सफलतापूर्वक अपडेट कर लिया जाता है तो ऐसे लाभार्थी टीके की अपनी बची हुई खुराक नजदीक के टीकाकरण केंद्र में जाकर ले सकते हैं।’
टीकाकरण अभियान का विस्तार 60 साल से अधिक उम्र के स्वास्थ्यकर्मी एवं अग्रिम पंक्ति के कार्यकर्ताओं को बूस्टर खुराक के साथ ही 15 से 17 साल तक के किशोरों को टीके तक किया गया है। सरकार 12-14 साल के छोटे बच्चों को भी टीके देने की शुरुआत करने पर विचार कर रही है। अब तक भारत में 94 फीसदी युवा आबादी को टीके की एक खुराक दी गई है जबकि 72 फीसदी आबादी को टीके की दोनों खुराक मिल चुकी है जिसकी शुरुआत एक साल पहले 16 जनवरी से हुई थी।

First Published - January 21, 2022 | 11:12 PM IST

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