नवी मुंबई हवाईअड्डा परियोजना उड़ान भरने से पहले ही बाधाओं में फंसती दिख रही है। महाराष्ट्र सरकार नियंत्रित सिडको 17,000 करोड़ रु पये लागत वाली यह परियोजना विकसित कर रही है। सिडको ने जीवीके समूह को यह साबित करने के लिए कहा है कि वह हवाई अड्डा परियोजना पूरी करने में वित्तीय रूप से पूरी तरह सक्षम है। सिडको ने यह सवाल इसलिए उठाया है क्योंकि हाल में एक के बाद एक कई रेटिंग एजेंसियों ने जीवीके की रेटिंग पर चोट की है।
इस बीच दक्षिण अफ्रीका की बिडवेस्ट ने सिडको की अनुमति के बिना जीवीके को किसी तीसरे पक्ष को हिस्सेदारी आवंटित करने से रोकने के लिए मध्यस्थता समिति में अपील की है। बिडवेस्ट मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (मायल) के निवेशकों में एक है। इससे पहले सिडको ने जीवीके को लिखे पत्र में कहा था कि जीवीके एयरपोर्ट होल्डिंग में 80 प्रतिशत हिस्सेदारी तीसरे पक्ष को देने से मुंबई हवाई अड्डे और नवी मुंबई हवाई अड्डे में जीवीके की प्रभावी हिस्सेदारी कम होकर क्रमश: 15 प्रतिशत और 12 प्रतिशत रह जाएगी। सिडको ने कहा कि यह कन्सेशन एग्रीमेंट की तय शर्तों के अनुकूल नहीं है।
इस पूरे मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा, ‘जीवीके द्वारा हिस्सेदारी दूसरे पक्ष को देने से आने वाले निवेशक बहुलांश शेयरधारक बन जाएंगे। इस पूरे मामले की सावधानी पूर्वक समीक्षा किए जाने की जरूरत है।’ जीवीके समूह की मायल में 50.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि बिडवेस्ट का मायल में 13.5 प्रतिशत निवेश है। दूसरी तरफ मायल की नवी मुंबई इंटरनैशनल एयरपोर्ट (एनमायल) में 74 प्रतिशत हिस्सेदारी है। पिछले एक वर्ष से बिडवेस्ट और जीवीके में कानूनी विवाद चल रहा है। यह विवाद मायल में बिडवेस्ट की हिस्सेदारी अदाणी को बेचने और जीवीके के पास सौदे से हटने पर निर्णय लेने का पहला अधिकार होने के इर्द-गिर्द घूम रहा है।
जीवीके के प्रवक्ता ने गोपनीयता का हवाला देकर इस मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन सिडको के एक अधिकारी ने कहा कि जीवीके का जवाब आने पर राज्य के मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय समिति इस मामले में अगला कदम उठाएगी और परियोजना के भविष्य पर निर्णय लेगी। जीवीके के एक सूत्र ने कहा कि नए निवेशकों के आने से नवी मुंबई हवाईअड्डा परियोजना पर कोई असर नहीं होगा। 20 मई को लिखे एक पत्र में सिडको ने कहा कि जीवीके की खराब वित्तीय हालत से हवाई अड्डा परियोजना में पूंजी निवेश में बाधा उत्पन्न हो रही है, जिसका परियोजना पर बुरा असर हो रहा है।
सिडको ने जीवीके को लिखे पत्र में कहा, ‘प्रस्तावित कर्जदाताओं ने चर्चा के दौरान सिडको को बता दिया कि एनमायल के प्रवर्तक की मौजूदा वित्तीय स्थिति परियोजना पूरा करने की लक्ष्य में सबसे बड़ी बाधा है।’
सिडको ने एनमायल और मायल दोनों को यह साबित करने के लिए कहा है कि वे वित्तीय समझौते के तहत रकम पाने की सभी शर्तें पूरी करते हैं। सिडको ने कहा, ‘इस संबंध में मायल/एनमायल को आवश्यक जानकारी और दस्तावेज देने के कहा गया है।’
