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Year Ender: खेल जगत में 2024 का पूरा लेखा-जोखा, किसने जीते कहां पदक..हर detail..

साल 2024 को भारतीय खेलों में क्रिकेट टीम, ओलंपिक, पैरालिंपिक, शतरंज ओलंपियाड और फिडे विश्व चैंपियनशिप में सफलता के लिए याद किया जाएगा। 

Last Updated- December 29, 2024 | 6:24 PM IST
Sports
प्रतीकात्मक तस्वीर

एक क्रिकेट विश्व कप, आधा दर्जन ओलंपिक पदक और दो शतरंज विश्व चैंपियन। साल 2024 ने भारतीय खेल प्रशंसकों को जश्न मनाने के कई मौके दिए जिससे खेलों की दुनिया में देश का भविष्य उज्जवल नजर आता है। 

यूं तो साल 2024 ने भारतीय खेलों में कुछ यादगार पल जोड़े लेकिन जिन तारीखों को याद किया जाएगा उनमें 29 जून, 30 जुलाई, 12 दिसंबर और 28 दिसंबर शामिल हैं। भविष्य की दिशा में एक बड़ा कदम 2036 ओलंपिक की मेजबानी के लिए आशय पत्र सौंपना रहा। 

यह एक ऐसा कदम है जिसमें देश के खेल की पूरी तस्वीर बदल सकता है। बारबाडोस में 29 जून की उमस भरी शाम को रोहित शर्मा की अगुवाई वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने ICC टूर्नामेंटों के नॉकआउट मैचों में बाहर होने से एक दशक से भी अधिक समय तक चल इंतजार को खत्म करते हुए टी20 विश्व कप खिताब जीता। यह देश के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।  

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) के पूर्व सचिव जय शाह भी इसी साल अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) के अध्यक्ष बने। भारतीय क्रिकेट टीम की सफलता के एक महीने बाद 30 जुलाई को पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर आजादी के बाद एक ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बनी। 

चोपड़ा ने पेरिस ओलंपिक में जीता था रजत

तोक्यो ओलंपिक के स्वर्ण पदक विजेता नीरज चोपड़ा को पेरिस ओलंपिक में रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत को मौजूदा विश्व चैंपियन से स्वर्ण पदक की उम्मीद थी, लेकिन अंततः ऐसा नहीं हुआ क्योंकि वह पाकिस्तान के अरशद नदीम से हार गए। अरशद नदीम ने इस मैच में 16 साल पुराने रिकॉर्ड को एक बार नहीं बल्कि दो बार तोड़ा। 

भारत पेरिस में ओलंपिक इतिहास फिर से लिख सकता था, लेकिन आखिर में वह एक रजत और पांच कांस्य सहित छह पदकों के साथ इस खेल महाकुंभ में भाग लेने वाले 206 देशों के बीच 71वें स्थान पर रहा। खेलों को छह पदकों के लिए उतना ही याद किया जाएगा जितना कि छह चौथे स्थान पर रहने के कारण, जो दिल तोड़ने वाला रहा। 

भारत पहली बार दोहरे अंक में पदक जीतने के लक्ष्य के साथ पेरिस गया था लेकिन वह तोक्यो ओलंपिक की बराबरी भी नहीं कर पाया, जहां भारत ने एक स्वर्ण सहित सात पदक जीते थे।

पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए एक और प्रमुख आकर्षण पुरुष हॉकी टीम का लगातार दूसरा पदक (कांस्य) जीतना भी रहा। पेरिस ओलंपिक में हालांकि कुछ चूक भी हुई जिसका मलाल आगे भी रहेगा। इससे हालांकि यह पता चलता है कि भारत को खेल महाशक्ति बनने से पहले अभी काफी कुछ करने की जरूरत है। 

शतरंज ने भारत को गौरवान्वित किया

पिछले चार महीनों में शतरंज बोर्ड भारत के लिए खुशहाली का मैदान बन गया है, जहां पुरुष और महिला दोनों टीमों ने सितंबर में पहली बार ओलंपियाड में स्वर्ण पदक जीते हैं। डी गुकेश और कोनेरू हम्पी ने दिसंबर में विश्व खिताब के साथ नई ऊंचाइयों को छुआ। गुकेश 12 दिसंबर को 18 साल की उम्र में चीन की डिंग लिरेन को हराकर सबसे कम उम्र के विश्व चैंपियन बने जबकि 37 सालीय हम्पी ने 28 दिसंबर को अपने करियर में दूसरी बार महिलाओं का रैपिड विश्व खिताब जीता। 

पैरालिंपिक खिलाड़ियों का रिकॉर्ड प्रदर्शन

पेरिस पैरालिंपिक में अपने रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन के साथ पैरा खिलाड़ियों और अनुभवी टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना की 44 साल की उम्र में ऑस्ट्रेलियाई ओपन में पुरुष युगल खिताब की जीत ने भी एक अमिट छाप छोड़ी। भारत ने पैरालंपिक खेलों में सात स्वर्ण, नौ रजत और 13 कांस्य सहित कुल 29 पदक जीते। वह पदक तालिका में 18वें स्थान पर रहा। 

अवनी लेखरा, सुमित अंतिल, मरियप्पन थंगावेलु, शीतल देवी, नितेश कुमार, प्रवीण कुमार, नवदीप सिंह, शीतल देवी, हरविंदर सिंह और धरमबीर जैसे पैरा खिलाड़ी अपने प्रदर्शन के कारण नए नायक बनकर उभरे। मनिका बत्रा, श्रीजा अकुला, अयहिका मुखर्जी, सुतीर्था मुखर्जी और दीया चितले की महिला टेबल टेनिस टीम ने भी इतिहास रचा। उन्होंने कजाकिस्तान के अस्ताना में एशियाई टेबल टेनिस चैंपियनशिप में भारत के लिए पहला पदक (कांस्य) हासिल किया।

साल 2024 को भारतीय खेलों में क्रिकेट टीम, ओलंपिक, पैरालिंपिक, शतरंज ओलंपियाड और फिडे विश्व चैंपियनशिप में सफलता के लिए याद किया जाएगा। 

(एजेंसी के इनपुट के साथ)

First Published - December 29, 2024 | 3:47 PM IST

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