facebookmetapixel
Sugar production: चीनी उत्पादन में तेजी, लेकिन मिलों के सामने वित्तीय संकट बरकरारDouble Bottom Alert: डबल बॉटम के बाद ये 6 शेयर कर सकते हैं पलटवार, चेक करें चार्टनवंबर में थोक महंगाई बढ़कर -0.32%, मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की महंगाई घटकर 1.33% पर आईटैक्सपेयर्स ध्यान दें! एडवांस टैक्स जमा करने का आज आखिरी मौका, देर की तो लगेगा भारी जुर्मानाNephrocare Health IPO अलॉटमेंट फाइनल, सब्सक्रिप्शन कैसा रहा; ऐसे करें चेक स्टेटसकेंद्र ने MGNREGA का नाम बदलकर VB-RaM G करने का प्रस्ताव पेश किया, साथ ही बदल सकता है फंडिंग पैटर्नडॉलर के मुकाबले रुपया 90.58 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर, US ट्रेड डील की अनि​श्चितता और FIIs बिकवाली ने बढ़ाया दबावGold-Silver Price Today: सोना महंगा, चांदी भी चमकी; खरीदारी से पहले जान लें आज के दामWakefit Innovations IPO की बाजार में फिकी एंट्री, ₹195 पर सपाट लिस्ट हुए शेयरकम सैलरी पर भी तैयार, फिर भी नौकरी नहीं, रेडिट पर दर्द भरी पोस्ट वायरल

लोकतंत्र की मजबूती हमारा दायित्व: मोदी

Last Updated- December 11, 2022 | 7:55 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा कि आजादी के बाद देश की सभी सरकारों ने भारत को उस ऊंचाई तक ले जाने में अपना योगदान दिया है, जहां वह आज मौजूद है। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ अपवादों को छोड़कर लोकतंत्र को मजबूत करने की देश की गौरवशाली परंपरा रही है।
नई दिल्ली में तीन मूर्ति भवन परिसर में नवनिर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि संवैधानिक लोकतंत्र के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए देश के सभी प्रधानमंत्रियों ने अपना भरपूर योगदान दिया है। प्रधानमंत्री संग्रहालय तीन मूर्ति परिसर में निर्मित है और इसमें देश के 14 पूर्व प्रधानमंत्रियों के जीवन की झलक के साथ साथ राष्ट्रनिर्माण में उनका योगदान दर्शाया गया है। इसका उद्घाटन करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने संग्रहालय का अवलोकन भी किया। इसके पहले उन्होंने   संग्रहालय का टिकट भी खरीदा।
उन्होंने इस संग्रहालय को प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब करार देते हुए उम्मीद जताई कि यह संग्रहालय भारत के भविष्य के निर्माण का एक ऊर्जा केंद्र भी बनेगा। भारत को ‘लोकतंत्र की जननी’ बताते हुए मोदी ने कहा कि एक दो अपवादों को छोड़ दिया जाए तो देश में लोकतंत्र को लोकतांत्रिक तरीके से मजबूत करने की गौरवशाली परंपरा रही है, इसलिए अपने प्रयासों से लोकतंत्र को मजबूत करते रहना सभी का दायित्व भी है।
उन्होंने हालांकि जिन एक या दो अपवादों का उल्लेेख किया, उसकी विस्तार से व्याख्या तो नहीं की लेकिन यह सर्वविदित है कि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकारों की बड़ी आलोचक रही है। खासकर, इंदिरा गांधी के कार्यकाल की। गांधी के कार्यकाल में ही देश में आपातकाल लगाया गया था और सभी नागरिकों अधिकारों पर रोक लगा दी गई थी। उन्होंने कहा कि देश के सभी प्रधानमंत्रियों ने अपने समय की अलग-अलग चुनौतियों को पार करते हुए देश को आगे ले जाने की कोशिश की और सभी के व्यक्तित्व, कृतित्व और नेतृत्व के अलग अलग आयाम रहे हैं। उन्होंने विश्वास जताया, ‘यह नवनिर्मित प्रधानमंत्री संग्रहालय भविष्य के निर्माण का भी एक ऊर्जा केंद्र बनेगा। अलग-अलग दौर में नेतृत्व की क्या चुनौतियां रहीं, कैसे उनसे निपटा गया, इसको लेकर भी भावी पीढ़ी के लिए यह एक बड़ी प्रेरणा का माध्यम बनेगा।’ इसके बाद प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि भारतवासियों के लिए बहुत गौरव की बात है कि देश के ज्यादातर प्रधानमंत्री बहुत ही साधारण परिवारों से रहे हैं और उनका सुदूर देहात, एकदम गरीब परिवार, किसान परिवार से आकर भी प्रधानमंत्री पद पर पहुंचना भारतीय लोकतंत्र की महान परंपराओं के प्रति विश्वास को दृढ़ करता है।
उन्होंने कहा, ‘यह देश के युवाओं को भी विश्वास देता है कि भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था में सामान्य परिवार में जन्म लेने वाला व्यक्ति भी शीर्ष पदों पर पहुंच सकता है।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि देश आज जिस ऊंचाई पर है वहां तक उसे पहुंचाने में स्वतंत्र भारत के बाद बनी प्रत्येक सरकार का योगदान है। उन्होंने कहा, ‘आज यह संग्रहालय भी प्रत्येक सरकार की साझा विरासत का जीवंत प्रतिबिंब बन गया है।’
इस संग्रहालय का उद्घाटन आजादी के 75 साल के उपलक्ष्य में देश भर में मनाए जा रहे ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के दौरान किया गया है। यह संग्रहालय स्वतंत्रता के पश्चात देश के प्रधानमंत्रियों के जीवन और उनके योगदान के माध्यम से लिखी गई भारत की गाथा का वर्णन करता है। इस संग्रहालय में कुल 43 दीर्घाएं हैं। नवीनता और प्राचीनता के मिले-जुले रूप का प्रतीक यह संग्रहालय पूर्व तीन मूर्ति भवन के खंड-एक को नव-निर्मित भवन के खंड-दो से जोड़ता है। दोनों खंडों का कुल क्षेत्रफल 15,600 वर्ग मीटर से अधिक है। यह संग्रहालय स्वतंत्रता संग्राम के प्रदर्शन से शुरू होकर संविधान के निर्माण तक की गाथा बताता है कि कैसे हमारे प्रधानमंत्रियों ने विभिन्न चुनौतियों के बावजूद देश को नई राह दी और देश की सर्वांगीण प्रगति को सुनिश्चित किया।    

गांधी परिवार ने दूरी बनाई
पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को दहेज में मिला एक चरखा, चौधरी चरण सिंह की डायरी और पी वी नरसिंह राव का चश्मा उन वस्तुओं में शामिल हैं, जो उनके परिवारों ने प्रधानमंत्री संग्रहालय में प्रदर्शित करने के लिए दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री संग्रहालय का उद्घाटन किया।  हालांकि, देश को तीन प्रधानमंत्री देने वाले नेहरू-गांधी परिवार के सदस्य कार्यक्रम से दूर रहें जबकि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पी वी नरसिंह राव, एच डी देवगौड़ा, अटल बिहारी वाजपेयी, मोरारजी देसाई और लाल बहादुर शास्त्री के परिजन पूरे उत्साह के साथ इसमें शरीक हुए। नई दिल्ली में तीन मूर्ति भवन परिसर में 271 करोड़ रुपये की लागत से बना यह संग्रहालय देश के अब तक हुए सभी 14 प्रधानमंत्रियों के जीवन एवं योगदान पर प्रकाश डालेगा।
 कांग्रेस ने प्रधानमंत्री संग्रहालय के उद्घाटन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि चूना और गारा से नहीं, बल्कि काम से इतिहास लिखा जाता है।
अब पूरी तरह से अद्यतन पूर्ववर्ती नेहरू संग्रहालय भवन में देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जीवन एवं योगदान को आधुनिक प्रौद्योगिकी के जरिये प्रदर्शित किया गया है। पूर्व प्रधानमंत्रियों के परिवार के कई सदस्यों ने कहा कि वे संग्रहालय का विस्तार करने और प्रत्येक पूर्व प्रधानमंत्री को जगह दिए जाने से भावुक हैं। अधिकारियों ने बताया कि इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह की सभी प्रदर्शनीय वस्तुएं पुरानी सामग्री हैं क्योंकि उनके परिवारों ने संग्रहालय में प्रदर्शनी के लिए कोई नई वस्तु नहीं दी है। प्रदर्शनी में इंदिरा गांधी की तस्वीरें, उनके भाषण, पोखरण परमाणु परीक्षण पर पुरातात्विक सामग्री, बांग्लादेश मुक्ति संग्राम और उनके कार्यकाल के दौरान बैंकों के राष्ट्रीयकरण पर दस्तावेज शामिल हैं।

First Published - April 14, 2022 | 11:16 PM IST

संबंधित पोस्ट