दस्तावेजों की सत्यापन प्रक्रिया में तकनीकी गड़बड़ी की वजह से पिछले दो महीने में करीब 12,000 आधार नामांकन परिचालकों को निलंबित कर दिया गया है। इनमें से कई परिचालकों ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआई डीएआई) के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। प्रतिबंधित किए गए परिचालक दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के हैं। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि यूआईडीएआई को निवासियों द्वारा जमा किए जाने वाले दस्तावेजों को सत्यापित करने के विकल्प के साथ अपना सॉफ्टवेयर अपग्रेड करना चाहिए। हाल ही में प्रतिबंधित किए गए एक परिचालक नरेंद्र कुमार गौड़ ने कहा कि अगर कोई अपने आधार कार्ड पर जन्मतिथि बदलना चाहता है और वह अपना पैन जमा करत है, तो हमारे पास यह सत्यापित करने का कोई अधिकार नहीं है कि वह दस्तावेज असली है या नहीं। उन्होंने कहा ऐसा एक ही दस्तावेज सत्यापित करने में विफल रहने की वजह से फरवरी 2022 में 7,000 से अधिक परिचालकों को काली सूची में डाल दिया गया था।
यूआईडीएआई का पक्ष जानने के लिए भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया गया। लेकिन एक सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि परिचालकों यूआईडीएआई मुख्यालय के बजाय क्षेत्रीय कार्यालयों के तहत काम करने वाली नामांकन एजेंसियों से संपर्क करना चाहिए।